दुनिया का चक्कर लगाने के असाधारण मिशन पर निकलने के लिए पूरी तरह तैयार है दो साहसी महिला अधिकारी

Two courageous women officers are all set to embark on an extraordinary mission to circumnavigate the world

रक्षा-राजनीती नेटवर्क

भारतीय नौसेना ‘नाविका सागर परिक्रमा’ अभियान के दूसरे संस्करण के साथ दुनिया का चक्कर लगाने के असाधारण मिशन पर निकलने के लिए पूरी तरह तैयार है। 23 सितंबर 2024 को नई दिल्ली में नौसेना स्टाफ के उप प्रमुख वाइस एडमिरल कृष्णा स्वामीनाथन की अध्यक्षता में एक पूर्वावलोकन कार्यक्रम आयोजित किया गया।

भारतीय नौसेना का नौकायन पोत तारिणी 02 अक्टूबर 2024 को दो साहसी महिला अधिकारियों – लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के. और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए. के साथ इस चुनौतीपूर्ण अभियान पर रवाना होगी। इस ऐतिहासिक यात्रा को नेवल ओशन सेलिंग नोड, आईएनएस मंडोवी, गोवा से हरी झंडी दिखाई जाएगी। आठ महीने की अवधि में, महिला अधिकारियों की यह जोड़ी बिना किसी बाहरी सहायता के, केवल पवन ऊर्जा पर निर्भर होकर, 21,600 समुद्री मील (लगभग 40,000 किलोमीटर) से अधिक की दूरी तय करेगी। यह जलयात्रा इन दोनों अधिकारियों की असाधारण वीरता, साहस और दृढ़ता को रेखांकित करती है, जो मानव सहनशक्ति की सीमाओं को पार करते हुए समुद्र की कठिनाइयों और मौसम की चरम स्थितियों का सामना करेंगी। इस जलयात्रा का मार्ग उन्हें तीन महान केप-केप लीउविन, केप हॉर्न और केप ऑफ गुड होप के आसपास के खतरनाक मार्ग सहित कुछ सबसे जोखिम भरे समुद्री रास्तों से होकर ले जाएगा। यह यात्रा न केवल उनकी व्यक्तिगत बहादुरी और कौशल का प्रमाण है, बल्कि उनकी अदम्य भावना और दृढ़ संकल्प को प्रदर्शित करते हुए नारी शक्ति के प्रति भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता का उत्सव भी है।

इस अभियान की परिकल्पना भारतीय नौसेना द्वारा नाविका सागर परिक्रमा के उद्घाटन के साथ की गई थी, जो 2017 में छह अधिकारियों वाली पूर्ण महिला चालक दल द्वारा दुनिया की पहली भारतीय जलयात्रा थी। इस अभियान का दूसरा संस्करण असाधारण होगा क्योंकि ये दोनों अधिकारी डबल हैंड मोड में ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाली भारत की पहली अधिकारी होंगी। इससे पहले, कैप्टन दिलीप डोंडे (सेवानिवृत्त) 2009-10 में दुनिया का चक्कर लगाने वाले पहले भारतीय थे। इसके बाद, कमांडर अभिलाष टॉमी (सेवानिवृत्त) दो जलयात्राओं में भाग लेने वाले पहले एशियाई कप्तान थे और उन्होंने 2022 में गोल्डन ग्लोब रेस को पूरा करने की दुर्लभ उपलब्धि हासिल की थी। उल्लेखनीय है कि कमांडर अभिलाष टॉमी (सेवानिवृत्त) आधिकारिक संरक्षक के रूप में दोनों अधिकारियों के प्रशिक्षण से निकटता से जुड़े रहे हैं।

यह अभियान दक्षिणी नौसेना कमान के तहत नौसेना मुख्यालय, नई दिल्ली और नेवल सेलिंग नोड, गोवा में स्थित भारतीय नौसेना सेलिंग एसोसिएशन के तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। दोनों नोडल केन्द्र अंतरराष्ट्रीय समुद्री एजेंसियों और अधिकारियों के साथ संपर्क में इस यात्रा का समन्वय करेंगे।

इस अवसर पर बोलते हुए, वीसीएनएस ने नाविका सागर परिक्रमा II को एक उज्ज्वल और सशक्त भविष्य के लिए नए रास्ते तैयार करते हुए भारत की समुद्री विरासत के प्रति सशक्तिकरण, नवाचार और प्रतिबद्धता की एक यात्रा बताया। उन्होंने न केवल हमारे तटों पर बल्कि दुनिया के महासागरों के विशाल विस्तार में पेशेवर दक्षता और जिम्मेदारी के उच्चतम मानकों को बनाए रखने की भारतीय नौसेना को शपथ को दोहराया।

इस यात्रा के विभिन्न पहलुओं के साथ-साथ चालक दल द्वारा किए गए तैयारी अभियानों और प्रशिक्षण पर प्रकाश डालने वाली एक लघु फिल्म दिखाई गई।

बातचीत के दौरान, दोनों अधिकारियों ने अपने अनुभव साझा किए और दृढ़ता एवं अदम्य भावना के प्रतीक आगामी अभियान के प्रति अत्यधिक विश्वास व्यक्त किया।

नाविका सागर परिक्रमा II एक यात्रा से कहीं बढ़कर है; यह समुद्री कौशल, आत्मनिर्भरता और एक बड़े उद्देश्य के प्रति प्रतिबद्धता के सार को रेखांकित करता है।

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