सीएम योगी के सघन टीबी अभियान के 56 दिन बेमिसाल, 53251 मरीज चिन्हित

56 days of CM Yogi's intensive TB campaign were unmatched, 53251 patients identified

  • एक जनवरी से पूरे प्रदेश में चले अभियान में खोजे तकरीबन 40 हजार मरीज
  • 1,82,182 टीबी मरीज गोद लिए गए, 3,06,477 पोषण पोटली का वितरण
  • सर्वाधिक 2057 टीबी के मरीज आगरा में मिले, सबसे कम 131 टीबी मरीज मिले संत रविदास नगर में

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद एक जनवरी से पूरे प्रदेश में विस्तारित 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान बेमिसाल रहा है। पहले एक महीने के अंदर तकरीबन 40 हजार टीबी मरीजों की पहचान हुई है। सात दिसंबर से शुरू हुए अभियान में अब तक कुल 53,251 टीबी मरीजों की पहचान हो चुकी है। इसी बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने मथुरा का भ्रमण कर अभियान के प्रति संतोष जताया है।

निक्षय मित्र के विकसित आईडी कम कैलेंडर की सराहना की
राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने शनिवार शाम को मथुरा में आयुष्मान आरोग्य मंदिर बांदी में लगे निक्षय शिविर व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बलदेव का निरीक्षण किया। इसके अलावा नि:क्षय वाहन का अवलोकन व कई टीबी मरीजों से बात की। उन्होंने बलदेव सीएचसी में निक्षय मित्र द्वारा विकसित आईडी कम कैलेंडर को सराहा और साथ ले गईं। डॉ. भटनागर ने बताया कि प्रदेश में सर्वाधिक 15222 टीबी मरीज मथुरा जिले में निक्षय मित्रों द्वारा गोद लिए गए हैं। इस पर उन्होंने खुशी जताई। डॉ. भटनागर ने बताया कि अभियान में अब तक कुल 53,251 टीबी मरीजों की पहचान हुई है जिनमे से 36,295 का इलाज शुरू कर दिया गया है। सभी 75 जनपदों में लगभग तीन करोड़ की उच्च जोखिम की जनसंख्या को आच्छादित कर 1.72 करोड़ लोगों की टीबी के संभावित लक्षणों के आधार पर स्क्रीनिंग की गई और एक्सरे, नॉट या माइक्रोस्कोपिक जांच की गई।

सबसे अधिक आगरा में मिले टीबी के मरीज
अब तक अभियान में सर्वाधिक 2057 टीबी के मरीज आगरा में और सबसे कम 131 संत रविदास नगर में मिले हैं। सीतापुर में 2045, लखनऊ में 1818, अलीगढ़ में 1582 व कानपुर में 1536 टीबी के मरीजों की पहचान हुई है। इसके साथ ही अभियान के दौरान कुल 3,24,2026 निक्षय शिविर लगाकर टीबी की स्क्रीनिंग की गई और जागरूकता का काम किया गया। औसतन प्रतिदिन 4604 निक्षय शिविर लगाए गए। 60998 निक्षय मित्रों द्वारा लगभग 182182 टीबी मरीजों को गोद लिया गया है और 306477 पोषण पोटली का वितरण किया गया है। सात दिसंबर से उन 15 जनपदों में 100 दिवसीय टीबी सघन अभियान शुरू हुआ था, जहां टीबी से होने वाली मौतों की संख्या अधिक थी। यहां नए टीबी रोगियों और संभावित टीबी रोगियों की पहचान दर राष्ट्रीय औसत से कम थी। दिसम्बर के अंतिम सप्ताह में मुख्यमंत्री ने अभियान की समीक्षा करते हुए इस अभियान को सभी 75 जनपदों में लागू करने के निर्देश दिए थे।

उच्च जोखिम वाले समूह

  • 60 साल से अधिक आयु के लोग
  • डायबिटीज एवं एचआईवी के रोगी
  • पुराने टीबी मरीज़ पांच वर्ष के भीतर
  • तीन वर्ष के भीतर टीबी मरीज़ जिनका उपचार पूरा हुआ, के संपर्क मे रहने वाले
  • झुग्गी-झोपड़ियों, जेलों, वृद्धाश्रमों आदि में रहने वाले लोग
  • 18.5 किग्रा/मी2 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) की कुपोषित जनसँख्या
  • धूम्रपान एवं नशा करने वाले रोगी

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