सुपोषित उत्तर प्रदेश के लिए प्रारम्भ होगी मुख्यमंत्री सुपोषण योजना

Chief Minister's Nutrition Scheme will be started for a well-nourished Uttar Pradesh

  • आकांक्षात्मक जनपदों, आकांक्षात्मक विकासखंडों के साथ-साथ डॉ. भीमराव आम्बेडकर जीरो पॉवर्टी मिशन में चिन्हित परिवार होंगे लाभान्वित
  • मुख्यमंत्री सुपोषण योजना अन्तर्गत 3-6 वर्ष के बच्चों को मिलेगा पौष्टिक स्वल्पाहार
  • सभी 75 जनपदों में खुलेंगी टेक होम राशन की इकाइयां: मुख्यमंत्री
  • वर्तमान में 43 जनपदों में 204 टेक होम राशन की इकाइयां हैं संचालित, अब पूरे प्रदेश में होगा विस्तार
  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की समीक्षा की
  • रेसिपी आधारित टीएचआर में शामिल होंगे आंवला, श्रीअन्न व गुड़; स्थानीय उत्पादों को मिलेगा बढ़ावा
  • कुपोषण के विरुद्ध व्यापक रणनीति: स्टंटिंग, अंडरवेट और वास्टिंग की होगी सतत मॉनीटरिंग
  • गाय के माध्यम से पोषण और आत्मनिर्भरता, मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना का भी मिलेगा लाभ
  • मुख्यमंत्री का निर्देश, टीएचआर निर्माण, पैकेजिंग और वितरण में हो 100% पारदर्शिता और गुणवत्ता
  • संभव अभियान से मिली सफलता को मिलेगा विस्तार, अब सतत पोषण सहायता पर विशेष फोकस

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

‘सुपोषित उत्तर प्रदेश’ की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक निर्णायक कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘मुख्यमंत्री सुपोषण योजना’ प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी जनपदों में टेक होम राशन (टीएचआर) की इकाइयां स्थापित करने के भी निर्देश दिए हैं।

शनिवार को बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की एक महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री ने विभाग के कार्यों की समीक्षा की और योजनाओं की प्रभावी कार्यान्वयन रणनीति पर बल दिया। मुख्यमंत्री सुपोषण योजना पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गंभीर तीव्र कुपोषण (सैम) की समस्या को लेकर अब तक ‘संभव अभियान’ के अंतर्गत जो प्रयास किए गए हैं, उनसे उल्लेखनीय सुधार अवश्य हुआ है, लेकिन अभी भी सतत पोषण सहायता की महती आवश्यकता बनी हुई है। इसी को ध्यान में रखते हुए 03 से 06 वर्ष तक के सभी पंजीकृत बच्चों को प्रातःकाल पौष्टिक स्वल्पाहार उपलब्ध कराने की यह योजना प्रारम्भ की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह योजना राज्य के डॉ. भीमराव आंबेडकर जीरो पॉवर्टी मिशन के अंतर्गत चिन्हित गरीब परिवारों के लिए एक बड़ी सौगात होगी। इसके साथ ही, आकांक्षात्मक जनपदों और आकांक्षात्मक विकासखंडों में को भी इससे लाभान्वित किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि इसी भाव के साथ मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के संबंध में विस्तृत कार्ययोजना यथाशीघ्र तैयार की जाए।

मुख्यमंत्री ने बच्चों में स्टंटिंग, अंडरवेट और वास्टिंग जैसे पोषण के मानकों की सतत मॉनीटरिंग पर बल देते हुए कहा कि इसके लिए स्थानीय प्रशासन, स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग के समन्वय से एकीकृत प्रयास सुनिश्चित किए जाएं। योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को प्रातः स्वल्पाहार के रूप में दूध, फल, पोषाहार आदि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि जिन लाभार्थी परिवारों के पास पशुधन नहीं है, उन्हें ‘मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना’ के अंतर्गत गाय उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि इससे परिवारों को एक ओर जहां गोसेवा का पुण्य प्राप्त होगा, वहीं दूसरी ओर दूध की उपलब्धता से परिवार के पोषण स्तर में भी सुधार होगा।

‘कुपोषण मुक्त उत्तर प्रदेश’ की परिकल्पना के प्रति अपना संकल्प दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं, आंगनबाड़ी के बच्चों आदि को स्वादिष्ट, सुपाच्य और क्वालिटी खाद्य सामग्री उपलब्ध करानी चाहिए। रेसिपी आधारित टेक होम राशन में प्रदेश के विभिन्न जनपदों में उपलब्ध विशिष्ट फसलों, जैसे; प्रतापगढ़ का आंवला, श्रीअन्न, गुड़ आदि के भोज्य पदार्थों को स्थान दिया जाना उचित होगा। उन्होंने कहा कि रेसिपी आधारित टीएचआर के मेन्यू को विविधतापूर्ण बनाया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कुपोषण की चुनौती से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए बहु-आयामी रणनीति के तहत पारदर्शिता, गुणवत्ता और सहभागिता को केंद्र में रखा गया है। इसके अंतर्गत वर्तमान में टेक होम राशन की वर्तमान 43 जनपदों में 204 इकाइयों से 288 परियोजनाओं को टेक-होम राशन की आपूर्ति की जा रही है। अब इन्हें सभी जनपदों तक विस्तार दिया जाना आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिया कि टेक-होम राशन के निर्माण, पैकेजिंग और वितरण की पूरी प्रक्रिया पूर्णतः पारदर्शी और गुणवत्ता-संपन्न होनी चाहिए।

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