कौशल से संवरेंगे गांव, आत्मनिर्भर बनेंगे युवा

Villages will improve with skills, youth will become self-reliant

  • 21 अप्रैल से लखनऊ में शुरू होगी तीन दिवसीय क्षमता वर्धन कार्यशाला
  • उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन की DDU-GKY योजना के तहत होगा आयोजन
  • संस्था प्रमुखों से लेकर जिला स्तर तक के अधिकारी होंगे प्रतिभागी
  • गांवों के युवा बनेंगे आत्मनिर्भर भारत की रीढ़
  • शासन स्तर से लेकर ज़मीनी स्तर तक संवाद का अवसर

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

लखनऊ : प्रदेश के ग्रामीण युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें गुणवत्तापूर्ण कौशल प्रशिक्षण से जोड़ने के उद्देश्य से योगी सरकार ने एक और पहल की है। इसके तहत, उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा संचालित दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (DDU-GKY) के अंतर्गत तीन दिवसीय क्षमता वर्धन कार्यशाला का आयोजन 21 से 23 अप्रैल 2025 तक लखनऊ के होटल सेंटरम, अंसल, सुशांत गोल्फ सिटी में किया जा रहा है। यह कार्यशाला 21 अप्रैल की सुबह 9 बजे शुरू होगी, जिसका शुभारंभ उत्तर प्रदेश सरकार के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रमुख सचिव डॉ. हरि ओम द्वारा की जाएगी और आयोजन मिशन निदेशक अभिषेक सिंह के मार्गदर्शन में संपन्न होगा।

संस्थाओं के लिए क्षमता निर्माण, युवाओं के लिए अवसर निर्माण
इस कार्यशाला का उद्देश्य प्रदेश भर में ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षित करने वाली संस्थाओं के संस्था प्रमुखों, मंडल स्तर के संयुक्त निदेशकों, जनपदीय समन्वयकों, जिला कार्यक्रम प्रबंधकों और एम.आई.एस. प्रबंधकों की क्षमता वर्धन करना है। उन्हें नई प्रशिक्षण विधियों, तकनीकी नवाचारों और संचालन से जुड़ी चुनौतियों के समाधान से अवगत कराया जाएगा।

रोजगार और स्वरोजगार दोनों की राह होगी आसान
कार्यशाला के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ग्रामीण युवाओं को बेहतर प्रशिक्षण, सही मार्गदर्शन और समयबद्ध सहायता मिल सके। इससे वे न केवल रोजगार प्राप्त कर सकें, बल्कि स्वरोजगार के माध्यम से दूसरों को भी अवसर प्रदान कर सकें। यह पहल राज्य की एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य में भी अहम भूमिका निभाएगी।

प्रशिक्षण से जुड़े शीर्ष अधिकारी लेंगे भाग
कार्यशाला में कौशल, रोजगार, उद्योग और शिक्षा से संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, विभागाध्यक्ष और वरिष्ठ अधिकारीगण भाग लेंगे, जिससे नीति निर्माताओं और क्रियान्वयनकर्ताओं के बीच सीधा संवाद स्थापित होगा।

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