यूपी के आध्यात्मिक दर्शन का हर कोई मुरीद

Everyone is a fan of the spiritual philosophy of UP

  • अयोध्या और वाराणसी में देशी और विदेशी पर्यटकों के साथ ही विभिन्न सरकारी आयोग और संस्थाएं भी दर्शन को बेताब
  • 16वें वित्त आयोग का प्रतिनिधिमंडल भी यूपी दौरे पर राम मंदिर और वाराणसी में विश्वनाथ मंदिर का करेगा दर्शन
  • आगामी 5 और 6 जून को प्रतिनिधिमंडल पहुंचेगा लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी प्रतिनिधिमंडल करेगा मुलाकात

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत देश-विदेश में एक नया आकर्षण बन रही है। अयोध्या के श्रीराम मंदिर और वाराणसी के काशी विश्वनाथ धाम में देशी-विदेशी पर्यटकों की भीड़ के साथ ही सरकारी आयोग और संस्थाएं भी दर्शन के लिए उत्साहित हैं। 16वें वित्त आयोग का प्रतिनिधिमंडल भी अपने यूपी दौरे के दौरान इन पवित्र स्थलों के दर्शन करेगा, जिससे राज्य के आध्यात्मिक पर्यटन की वैश्विक पहचान और मजबूत हो रही है।

प्रतिनिधिमंडल का यूपी दौरा
आगामी 5 जून को वित्त आयोग का प्रतिनिधिमंडल लखनऊ पहुंचेगा, जहां वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करेंगे। इसके बाद, 5 जून को वाराणसी में गंगा की पावन आरती में शामिल होने के साथ ही बोट राइड का आनंद लेंगे। 6 जून को प्रतिनिधिमंडल श्रीकाशी विश्वनाथ धाम और काल भैरव मंदिर के दर्शन करेगा। इसके अलावा, संकट मोचन मंदिर और सारनाथ जैसे अन्य धार्मिक स्थलों का भी दौरा करेगा।

ओडीओपी और स्थानीय विकास पर नजर
आध्यात्मिक दर्शन के साथ-साथ प्रतिनिधिमंडल वाराणसी के मकबूल आलम रोड स्थित पन्या सिल्क की ओडीओपी साइट का भी दौरा करेगा। रसूलपुर, पिंडरा में पंचायती भवन और अमृत सरोवर का जायजा लेने के अलावा, अर्बन डेवलपमेंट के तहत ग्रीन बफर जोन, मडुवाडीह फ्लाईओवर, बेनियाबाग मियावाकी प्लांटेशन और रवींद्रपुर बेलवरिया पार्क का भी अवलोकन कर सकता है।

आध्यात्मिक पर्यटन का बढ़ता आकर्षण
उत्तर प्रदेश में आध्यात्मिक पर्यटन को लेकर देशभर में उत्साह का माहौल है। अयोध्या और वाराणसी न केवल धार्मिक महत्व के केंद्र हैं, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर के प्रतीक भी हैं। योगी सरकार के प्रयासों से इन स्थलों का विकास और बेहतर कनेक्टिविटी पर्यटकों को आकर्षित कर रही है। पर्यटन विभाग के अनुसार, पिछले एक साल में अयोध्या और वाराणसी में पर्यटकों की संख्या में कई गुना वृद्धि हुई है, जिसमें विदेशी पर्यटकों की हिस्सेदारी भी उल्लेखनीय है। विशेषज्ञों का मानना है कि यूपी का आध्यात्मिक पर्यटन न केवल अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रहा है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर स्थापित कर रहा है।

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