
- पर्यावरण संरक्षण और जन सहभागिता बढ़ाने के लिए प्रदेश भर में लगाए जाएंगे अनूठे वन
- ग्रीन यूपी अभियान के तहत प्रदेश में विकसित किये जा रहे हैं, अटल, एकता और एकल्व्य वन
- शहरी क्षेत्र में वायु प्रदूषण के प्रभाव कम करने के लिए लागाये जाएंगे आक्सी वन
- पर्यावरण संरक्षण और जन सहभागिता को बढ़ावा देंगे आक्सी वन और गोपाल वन
- त्रिवेणी वन और शक्ति वाटिका, पर्यावरण संरक्षण के साथ धर्म और संस्कृति को भी देंगे बढ़ावा
- सीएम योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में जल्द शुरू होगा एक पेड़ मां के नाम 2.0 अभियान
रक्षा-राजनीति नेटवर्क
लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पर्यावरण संरक्षण और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के लिए पूरे प्रदेश में प्रेरणादायक और विशिष्ट वनों की स्थापना करना की योजना बनाई है। प्रदेश के वन एवं वन्य जीव विभाग के संबंधित अधिकारियों ने इस महत्वाकांक्षी योजना की विस्तृत रिपोर्ट सीएम योगी के समक्ष प्रस्तुत की है। योजना के अनुसार प्रदेश के सभी जनपदों में देश के अमर शहीदों के नाम पर शौर्य वन लगाये जाएगें। साथ ही महापुरुषों को समर्पित अटल वन, एकता वन, एकलव्य वन के साथ नगरीय क्षेत्रों में ऑक्सी वन, गोपाल वन और त्रिवेणी वन जैसे अनूठे वन विकसित करने का प्रस्ताव है। इसके साथ ही ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ अभियान का शुभारंभ करने का भी प्रस्ताव है, जिसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के साथ सामाजिक एकता को मजबूत करना है।
पर्यावरण संरक्षण और जन सहभागिता बढ़ाने के लिए प्रदेश भर में लगाए जाएंगे अनूठे वन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ग्रीन यूपी पहल के तहत पूरे प्रदेश में विशिष्ट प्रकार के वनों का निर्माण करने की योजना है। इस पूरे अभियान का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के साथ इन वनों को प्रेरणा स्थल के तौर पर भी विकसित किया जाएगा। वन एवं वन्य जीव विभाग के संबंधित अधिकारियों ने बताया कि इस दिशा में कार्य करते हुए प्रदेश के प्रत्येक जनपद में अमर शहीदों और वीर सेनानियों के सम्मान में शौर्य वन भी विकसित किए जाएंगे। जहां जनभागीदारी के माध्यम से पौधा रोपण और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दिया जाएगा। जो एक ओर प्रदेश में वृक्षारोपण को बढ़ावा देगा साथ ही लोगों को अमर शहीदों के योगदान के प्रति सम्मान और लोगों को प्रेरणा भी प्रदान करेगा।
ग्रीन यूपी अभियान के तहत प्रदेश में विकसित किये जा रहे हैं, अटल, एकता और एकल्व्य वन
वन एवं वन्य जीव के अधिकारियों ने समीक्षा बैठक में बताया कि अमर शहीदों और वीर सेनानियों के साथ देश के महापुरूषों को समर्पित वनों को भी विकसित किया जाएगा। इस क्रम में भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी के अवसर पर प्रदेश में अटल वन स्थापित किया जाएगा। वहीं, राष्ट्रीय एकता के प्रतीक लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल और जनजातीय गौरव के प्रतीक धरती आबा बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में एकता वन और एकलव्य वन लगाए जाने की भी योजना है। ये वन पर्यावरण संरक्षण में योगदान देने के साथ राष्ट्रीय एकता और सामाजिक समरसता का संदेश भी प्रसारित करेंगे।
पर्यावरण संरक्षण और जन सहभागिता को बढ़ावा देंगे आक्सी वन और गोपाल वन
शहरी क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से नगर निगम और नगर पालिका क्षेत्रों में ऑक्सी वन स्थापित किए जाएंगे। आक्सी वनों की स्थापना का उद्देश्य शहरी क्षेत्र में वातावरण को शुद्ध बनाने के साथ वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम करना है। इसके अतिरिक्त, गौशालाओं में छायादार और चारा प्रजातियों के पौधों से गोपाल वन विकसित होंगे, जो पशु कल्याण की दिशा में भी लाभप्रद होंगे। साथ ही महाकुंभ-2025 की स्मृति में गंगा-यमुना नदियों के किनारे नीम, पीपल और पाकड़ के पौधों से त्रिवेणी वन लगाए जाएंगे। इसके पहले चैत्र नवरात्रि के अवसर पर आस्था और हरियाली अभियान के तहत 781 स्थलों पर शक्ति वाटिका वन लगाये गये। ये वन धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के साथ-साथ पर्यावरण संतुलन को भी बढ़ावा देंगे। इसके साथ ही वन एवं वन्य जीव विभाग ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ अभियान को पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक सहभागिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू किया जाएगा।