वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली द्वैमासिक अवधि में परिवहन विभाग ने किया ऐतिहासिक प्रदर्शन

The Transport Department performed historically in the first bi-monthly period of the financial year 2025-26

  • राजस्व, वाहन पंजीकरण एवं इलेक्ट्रिक मोबिलिटी में व्यापक प्रगति
  • उत्तर प्रदेश में सुशासन, डिजिटल परिवहन सुधार और नागरिक-केंद्रित सेवा प्रणाली के सफल क्रियान्वयन का दिखा असर
  • सीएम योगी के नेतृत्व में निरंतर प्रगति पथ पर अग्रसर हो रहा परिवहन विभाग, विभाग ने हर क्षेत्र में प्राप्त की वृद्धि

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

लखनऊ : उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली द्वैमासिक अवधि में परिवहन विभाग ने राजस्व, वाहन पंजीकरण, ई-मोबिलिटी और प्रशासनिक दक्षता के प्रत्येक क्षेत्र में प्रभावशाली प्रदर्शन किया है। गत वर्ष की इस अवधि की तुलना में विभाग ने लगभग हर क्षेत्र में सतत एवं सकारात्मक वृद्धि प्राप्त की है, जो नीति-संचालित सुधार, तकनीकी एकीकरण तथा पारदर्शी प्रशासनिक व्यवस्था का प्रतिफल है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में परिवहन विभाग निरंतर प्रगति पथ पर अग्रसर है। यह प्रगति उत्तर प्रदेश में सुशासन, डिजिटल परिवहन सुधार और नागरिक-केंद्रित सेवा प्रणाली के सफल क्रियान्वयन का परिचायक है।

1. राजस्व प्राप्ति में सशक्त सुधार: वित्तीय वर्ष 2025-26 की अप्रैल–मई अवधि में कुल 2083.63 करोड़ की राजस्व प्राप्ति हुई, जो पिछले वर्ष की 1842.10 करोड़ रुपये की तुलना में 241.53 करोड़ रुपये अधिक है – अर्थात् 13.11% की वृद्धि।

मात्र मई माह में 1040.48 करोड़ रुपये की प्राप्ति दर्ज हुई, जो पिछले वर्ष मई 2024 की 912.52 करोड़ रुपये से 127.96 करोड़ रुपये अधिक है – 14.02% की वृद्धि।

2. गैर-परिवहन वाहनों के पंजीकरण में तीव्र वृद्धि: मई 2025 में 3,62,134 गैर-परिवहन वाहन पंजीकृत हुए, जो मई 2024 के 2,92,331 की तुलना में 69,803 अधिक हैं – 23.88% की वृद्धि।

विशेष रूप से दोपहिया वाहनों में यह वृद्धि 26.93% रही (67,225 अतिरिक्त वाहन), जो प्रदेश में निजी परिवहन साधनों की बढ़ती मांग को दर्शाता है।

3. परिवहन वाहनों के पंजीकरण में निरंतर प्रगति: मई 2025 में 40,311 परिवहन वाहन पंजीकृत हुए, जो मई 2024 के 36,686 से 3,625 अधिक हैं – 9.88% की वृद्धि।

ई-कार्ट श्रेणी में विशेष रूप से 65.14% की वृद्धि (2,381 से बढ़कर 3,932), जो शहरी लॉजिस्टिक्स और डिजिटल डिलीवरी नेटवर्क के प्रसार को दर्शाता है।

4. इलेक्ट्रिक वाहनों का तीव्र विस्तार: अप्रैल–मई 2025 में 50,626 इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत हुए, जो अनुमानतः पिछले वर्ष की तुलना में 35% की वृद्धि को दर्शाते हैं।

इनमें ई-रिक्शा (23,277), दोपहिया (10,845) एवं थ्री व्हीलर पैसेंजर (7,745) प्रमुख हैं। सिर्फ दो माह में 3,664 इलेक्ट्रिक कारों का पंजीकरण हुआ, जो इस श्रेणी में 11.8% की वृद्धि का स्पष्ट संकेत है।

5. ऑन-रोड वाहनों की कुल संख्या में वृद्धि: मार्च 2025 तक प्रदेश में कुल ऑन-रोड वाहन 4.93 करोड़ थे, जो 31 मई 2025 तक बढ़कर 5.00 करोड़ हो गए – यानी मात्र दो माह में 7 लाख से अधिक वाहनों की वृद्धि।
यह 1.57% वृद्धि वर्षांत तक 9% से अधिक पहुंचने का संकेत देती है।

6. अन्य सकारात्मक संकेतक: राज्य में 90% से अधिक कर एवं शुल्क संग्रह ऑनलाइन माध्यमों से हुआ, जो पारदर्शिता और नागरिक सुविधा की दिशा में बड़ी उपलब्धि है।

– ड्राइविंग लाइसेंस से मई माह में 29.49 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जिससे यह स्पष्ट है कि सेवा प्रक्रिया अब तेज़, तकनीकी और स्वचालित हो चुकी है।

विस्तृत राजस्व विवरण (मई 2025)
– नेशनल परमिट से प्राप्त मासिक राजस्व 22.19 करोड़ रुपये, क्रमिक 47.72 करोड़ रुपये
– एसटीए फीस से मासिक 2.35 करोड़ रुपये, क्रमिक 4.84 करोड़ रुपये
– ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट से मासिक 3.69 करोड़ रुपये, क्रमिक 6.75 करोड़ रुपये
– अन्य राज्यों के वाहनों से ऑनलाइन भुगतान 10.98 करोड़ रुपये मासिक, 23.08 करोड़ रुपये क्रमिक
– ऑनलाइन टैक्स पेमेंट (प्रदेशीय वाहन): 188.51 करोड़ रुपये मासिक, 399.38 करोड़ रुपये क्रमिक
– डीलर पॉइंट रजिस्ट्रेशन: 652.77 करोड़ रुपये मासिक, 1350.42 करोड़ रुपये क्रमिक
– वीआईपी नंबर: 10.29 करोड़ रुपये मासिक, 21.20 करोड़ रुपये क्रमिक
– ड्राइविंग लाइसेंस शुल्क: 29.49 करोड़ रुपये मासिक, 56.37 करोड़ रुपये क्रमिक
– ई-चालान ऑनलाइन शुल्क: 9.78 करोड़ रुपये मासिक, 20.87 करोड़ रुपये क्रमिक

परिवहन विभाग द्वारा राजस्व, सेवाओं की गुणवत्ता एवं नागरिक संतुष्टि के सभी आयामों पर लक्ष्य के अनुरूप प्रगति की जा रही है। यदि वर्तमान गति बनी रही तो वर्षांत तक14,000 करोड़ रुपये से अधिक राजस्व, 3.5 से 4 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण और कुल ऑन-रोड वाहन संख्या 5.35 करोड़ से अधिक पहुंच सकती है। यह प्रगति उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय परिवहन नवाचारों और सुधारों में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में सशक्त कदम है।

ब्रजेश नारायण सिंह
परिवहन आयुक्त, उत्तर प्रदेश

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