
– KPI रिपोर्ट में श्रम विभाग ने किया बेहतरीन परफॉर्मेंस, निवेश और उद्यमिता को मिल रहा नया आयाम
– प्रदेश में पंजीकृत कारखानों की संख्या में लक्ष्य के सापेक्ष 101.22% की उपलब्धि हासिल
– नवीन दुकानें और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान 105% से अधिक पंजीकृत, स्थानीय उद्यम को मिल रही नई उड़ान
– 100 से अधिक श्रमिकों वाले कारखानों की संख्या तय लक्ष्य से कहीं आगे, रोजगार में तेजी से वृद्धि
रक्षा-राजनीति नेटवर्क
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार राज्य को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के संकल्प की दिशा में तेज़ गति से अग्रसर है। श्रम एवं सेवायोजन विभाग द्वारा जारी की गई ताजा Key Performance Indicators (KPI) रिपोर्ट इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि योगी सरकार न केवल तय लक्ष्यों को प्राप्त कर रही है, बल्कि कई क्षेत्रों में लक्ष्य से अधिक उपलब्धियां हासिल कर रही है।
श्रमायुक्त संगठन उत्तर प्रदेश से संबंधित KPI-1 में वित्तीय वर्ष 2024-25 के आंकड़ों के अनुसार, पंजीकृत कारखानों की संख्या का लक्ष्य 3600 था, जिसके सापेक्ष 3644 कारखानों का पंजीकरण हुआ है, जो 101.22% उपलब्धि को दर्शाता है। यह आंकड़ा बताता है कि प्रदेश में औद्योगिक निवेश और रोजगार सृजन की दिशा में माहौल अनुकूल होता जा रहा है। वहीं, KPI-2 ऐसे पंजीकृत कारखाने जिनमें 100 से अधिक श्रमिक कार्यरत हैं, उनकी संख्या 450 के लक्ष्य के सापेक्ष 498 तक पहुंच गई है, जो 110.66% प्रगति को दर्शाता है। यह संकेत है कि बड़े औद्योगिक प्रतिष्ठान उत्तर प्रदेश में तेजी से स्थापित हो रहे हैं और साथ ही संगठित क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी लगातार बढ़ रहे हैं।
व्यापारिक गतिविधियों में योगी सरकार ने हासिल की महत्वपूर्ण सफलता
व्यापारिक गतिविधियों के क्षेत्र में भी योगी सरकार को उल्लेखनीय सफलता मिली है। KPI-3 के अंतर्गत नवीन पंजीकृत दुकान एवं वाणिज्यिक अधिष्ठानों की संख्या का लक्ष्य जहां 42,984 था, वहीं 45,551 दुकानों और प्रतिष्ठानों का पंजीकरण दर्ज किया गया है। यह 105.97% प्रगति बताता है कि छोटे व्यापारियों और उद्यमियों को सरकार की नीतियों से भरपूर प्रोत्साहन मिल रहा है।
हर साल पंजीकृत इकाइयों की संख्या में नया रिकॉर्ड
आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2022-23 (अगस्त 2022 से मार्च 2023) में जहां 27,014 इकाइयों का पंजीकरण हुआ और ₹1856.42 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ, वहीं 2023-24 में पंजीकृत इकाइयों की संख्या बढ़कर 44,091 हो गई और राजस्व ₹3496.94 लाख तक पहुँच गया। वर्ष 2024-25 में अब तक 45,551 इकाइयां पंजीकृत हो चुकी हैं, जिससे ₹3770.50 लाख का राजस्व अर्जित हुआ है। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि किस तरह ये सुधार न केवल व्यापारिक गतिविधियों को गति दे रहे हैं, बल्कि राजस्व में भी अभूतपूर्व वृद्धि कर रहे हैं। इन नीतिगत बदलावों के साथ उत्तर प्रदेश देश के अग्रणी व्यापारिक राज्यों की पंक्ति में मजबूती से खड़ा हो रहा है।
विकसित राज्य की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा उत्तर प्रदेश
इसी क्रम में परिवहन क्षेत्र में भी सरकार का प्रदर्शन अत्यंत सराहनीय रहा है। KPI-7 के तहत नवीन पंजीकृत परिवहन उपक्रमों की संख्या का लक्ष्य 252 था, जबकि 375 पंजीकरण दर्ज हुए हैं। यह 148.80% की प्रगति है, जो न केवल ट्रांसपोर्ट सेक्टर में निवेश बढ़ने का संकेत देता है, बल्कि इससे जुड़ी सप्लाई चेन, लॉजिस्टिक्स और रोजगार के नए अवसर भी बन रहे हैं। योगी सरकार का स्पष्ट लक्ष्य है कि वह औद्योगिक विकास, व्यापारिक गतिशीलता और रोजगार सृजन को एक साथ गति प्रदान करे। श्रम विभाग की यह प्रगति रिपोर्ट दर्शाती है कि “रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म” की नीति पर चलकर उत्तर प्रदेश एक विकसित राज्य की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि सरकार नीतियों को जमीनी स्तर पर लागू कर युवाओं को अधिकतम रोजगार, निवेशकों को सुरक्षित माहौल और व्यवसायियों को पारदर्शी प्रक्रियाएं उपलब्ध कराएगी। KPI की उपलब्धियां इस दिशा में ठोस और सकारात्मक बदलाव का संकेत देती हैं।