महाकुंभ में स्नानर्थियों की सुरक्षा व्यवस्था को हाई टेक स्वरूप प्रदान कर रही है योगी सरकार

Yogi government is providing hi-tech security arrangements to the bathers in Mahakumbh

  • महाकुंभ में पहली बार पानी के नीचे निगरानी के लिए अंडर वाटर ड्रोन और सोनार का होगा इस्तेमाल
  • जल की सतह की निगरानी के लिए पहली बार तैनात होगी वाटर स्कूटर ब्रिगेड
  • अंडर वाटर सेफ्टी के लिए उपकरणों की खरीदारी के लिए बजट की मिली स्वीकृति

रक्षा-राजनीती नेटवर्क

प्रयागराज : त्रिवेणी के पावन तट पर जनवरी 2025 में आयोजित होने जा रहे महाकुंभ को प्रदेश की योगी सरकार दिव्य , भव्य और नव्य स्वरूप देने के साथ इसकी सुरक्षा पर भी पूरा ध्यान दे रही है। सम्पूर्ण कुंभ मेला क्षेत्र में कल्पवासियों के साथ ही आने जाने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं।

अंडर वाटर ड्रोन और सोनार की ली जायेगी मदद
त्रिवेणी की पावन जल धारा में पुण्य की डुबकी लगाते समय श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर इस बार योगी सरकार बार कई नए कदम उठा रही है। कुंभ मेला अधिकारी विजय किरण आनंद का कहना है कि कुंभ मेला में आगंतुकों की सुरक्षा प्रशासन की पहली प्राथमिकता है । इसके लिए घाटों और नदियों में सामान्य परिस्थितियों से लेकर किसी भी दुर्घटना की स्थिति में विशेष सुरक्षा सतर्कता रहेगी।

अंडर वाटर सेफ्टी के लिए पहली बार कई नई व्यवस्थाएं की जा रही हैं। मेला में घाटों की संख्या का विस्तार होने की वजह अब नदियों में आठ किलोमीटर लंबी डीप वाटर बैरिकेटिंग बनाई जाएगी।

नदियों की सतह और जल के अंदर की सुरक्षा पीएसी और जल पुलिस को सौंपी गई है। पीएसी जल के अंदर सुरक्षा के लिए इस बार कई नए प्रयोग करने जा रही है। डीआईजी पूर्वी जोन पीएसी राजीव नारायण मिश्रा ने बताया कि पहली बार जल के अंदर अंडर वाटर ड्रोन भी निगरानी के लिए लगाए जायेंगे। दुर्घटना के समय पानी के नीचे जन धन की वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए इस बार सोनार रेडियो तरंगों का उपयोग किया जायेगा।

घाटों और नदियों के बीच निगरानी करेगी वाटर स्कूटर ब्रिगेड
जलीय क्षेत्र में किसी भी आकस्मिक जरूरत में क्विक रिएक्शन के लिए पहली बार वाटर स्कूटर ब्रिगेड भी मौजूद रहेगी। डीआईजी पूर्वी जोन पीएसी के मुताबिक यह ब्रिगेड को 25 वाटर स्कूटर से लैस होगी जो जरूरत पड़ने पर तुरंत ही मदद के लिए मौके पर पहुंच सकेगी। इसके लिए 6 लाख 25 हजार की राशि स्वीकृत हुई है। इसके अलावा दो फ्लोटिंग रेस्क्यू स्टेशन भी बनेंगे । इन्हे संगम और वीआईपी घाट में बनाया जाएगा। तैरती जेटी पर प्राथमिक उपचार के साथ दुर्घटना की स्थिति में निपटने के लिए सभी आवश्यक उपकरण भी होंगे। अलग से नावें और अनाकोंडा बोट भी पीएसी को उपलब्ध कराई जाएंगी। इन सभी उपकरणों की खरीद के लिए एक अक्टूबर से टेंडर की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

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