सुरक्षित महाकुम्भ : महाकुम्भ में पहली बार फायर फाइटिंग बोट्स बनेंगी संगम की प्रहरी

Safe Maha Kumbh: For the first time in Maha Kumbh, fire fighting boats will become the guards of Sangam

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

महाकुम्भ नगर : उत्तर प्रदेश में महाकुम्भ-2025 को लेकर तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं। इसी क्रम में, उत्तर प्रदेश अग्निशमन व आपात सेवा विभाग भी मेला क्षेत्र को अग्नि दुर्घटना मुक्त क्षेत्र बनाने के प्रयासों में तेजी से कार्य कर रहा है। इसी कड़ी में देश में और कुम्भ के इतिहास में पहली बार महाकुम्भ-2025 में 6 फायरबोट्स के संचालन की तैयारी पूरी कर ली गई है। इन फायर बोट्स को मेला क्षेत्र के घाटों किनारे मुस्तैद रखा जाएगा। यह फायर फाइटिंग बोट्स न केवल नदियों किनारे घाटों पर होने वाली अग्नि जनित दुर्घटनाओं को रोकने के लिए क्विक रिस्पॉन्स प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में सहायक होंगी, बल्कि जोखिम से भरे फायर ऑपरेशंस को अंजाम देने के साथ ही अग्निरक्षकों की सुरक्षा के लिए भी कवच के तौर पर कार्य करेंगे।

दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक होगी डिप्लॉय
महाकुम्भ को अग्नि दुर्घटना रहित क्षेत्र बनाने के लिए विभाग को 66.75 करोड़ का बजट आवंटित हुआ है, जबकि विभागीय बजट 64.73 करोड़ है। इस प्रकार, कुल 131.48 करोड़ रुपए की लागत से वाहन व उपकरणों को महाकुम्भ मेला में अग्नि जनित दुर्घटनाओं से सुरक्षा के लिए डिप्लॉय किया जा रहा है। मुख्य अग्निशमन अधिकारी और महाकुम्भ के नोडल अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि इन 6 फायर फाइटिंग बोट्स के लिए विभाग 1.38 करोड़ रुपए खर्च कर है। दिसंबर के अंतिम सप्ताह में इनको संगम समेत अन्य तटों पर डिप्लॉय कर दिया जाएगा।

फायर फाइटिंग रोबोट भी होता है बोट पर तैनात
उन्होंने बताया कि फायर फाइटिंग बोट्स को अपने क्विक रिस्पॉन्स, नदियों में तेजी से नेविगेशन की क्षमता व अग्निशमन की प्रक्रियाओं को तेजी से पूरा करने के लिए जाना जाता है। खासतौर पर नदियों किनारे घाटों पर अग्निशमन व रेस्क्यू ऑपरेशंस को तेजी से पूरा करने में फायरबोट काफी कारगर है। इसकी एक खासियत यह भी है कि इसमें फायर फाइटिंग रोबोट्स को भी तैनात किया जाता है जो बोट की वॉटर कैनन रेंज से दूर घटनास्थल पर रिमोट कंट्रोल्ड एक्सेस के जरिए पहुंच कर फायर फाइटिंग ऑपरेशंस को अंजाम देने में सक्षम है। खासतौर पर ऐसे क्षेत्र जहां अत्याधिक तापमान हो या फिर जहां एक्सप्लोसिव मटीरियल्स में आग लगी हो, ऐसी स्थिति में वह न केवल रेस्क्यू ऑपरेशंस को अंजाम देकर जान-माल की रक्षा करने में सक्षम हैं बल्कि अग्निरक्षकों के जीवनरक्षण और उनकी सुरक्षा में कवच का कार्य भी करते हैं।

महाकुम्भ में अग्नि जनित दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बड़े स्तर पर जारी प्रयास
डिप्टी डायरेक्टर अमन शर्मा ने बताया कि सीएम योगी के विजन अनुसार, इस बार महाकुम्भ में अलग-अलग प्रकार के 351 से अधिक अग्निशमन वाहन, 2000 से अधिक ट्रेन्ड मैनपावर, 50 से अधिक अग्निशमन केंद्र व 20 फायर पोस्ट बनाए जा रहे हैं। प्रत्येक अखाड़ों के टेंट्स को फायर फाइटिंग इक्विप्मेंट्स से भी लैस किया जा रहा है। वहीं, नागपुर में गृह मंत्रालय द्वारा संचालित राष्ट्रीय अग्निशमन महाविद्यालय के अंतिम वर्ष के 30 विद्यार्थियों की मेला क्षेत्र में बतौर फायर वॉलेंटियर्स भी तैनाती की जाएगी। इसमें से अधिकांश उत्तर प्रदेश के ही हैं और यह सभी विद्यार्थी एडवांस्ड फायर फाइटिंग स्किल्स, अवेयरनेस ड्राइव्स को कंडक्ट कराने में मुख्य भूमिका निभाएंगे।

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