मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्गों ने उठाया सबसे अधिक लाभ

Dalits, backward and minority classes benefited the most from the Chief Minister's mass marriage scheme

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

लखनऊ : सीएम योगी की मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना ने आर्थिक रूप से कमजोर तबके, खासकर पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग के परिवारों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का काम किया है। 2017 में शुरू हुई यह योजना आज न केवल इन वर्गों की बेटियों के लिए वरदान साबित हो रही है, बल्कि सामाजिक समरसता और समावेशिता को भी मजबूत कर रही है। अब तक इस योजना के तहत 4 लाख से अधिक गरीब कन्याओं की शादी योगी सरकार द्वारा पूरे रीति-रिवाज और सम्मान के साथ कराई जा चुकी है।

इस योजना ने उन राजनीतिक दलों को कठघरे में खड़ा कर दिया है, जो लंबे समय तक पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग की राजनीति के सहारे सत्ता का आनंद लेते रहे, लेकिन उनके लिए ठोस विकास कार्य करने में विफल रहे। विपक्ष की राजनीति को आइना दिखाते हुए, इस योजना ने यह साबित कर दिया है कि केवल वादों से नहीं, बल्कि ठोस कदमों से ही समाज का सशक्तिकरण संभव है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह कदम न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा बन चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विकास और समावेशिता को प्राथमिकता देकर यह साबित कर दिया है कि उनकी सरकार “सबका साथ, सबका विकास” के सिद्धांत पर अडिग है।

आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए जीवन बदलने वाली है मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के आंकड़े यह स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग के लिए यह योजना कितनी प्रभावशाली साबित हुई है। अब तक इस योजना का सबसे अधिक लाभ दलित वर्ग ने उठाया है, जिसमें 2.20 लाख से अधिक गरीब परिवारों की बेटियों की शादी कराई गई है। वहीं, पिछड़े वर्ग के 1.30 लाख परिवार और अल्पसंख्यक वर्ग के 40,000 से अधिक परिवार इस योजना के लाभार्थी बने हैं। वहीं सामान्य वर्ग के करीब 16,000 गरीब परिवारों ने अब तक सामूहिक विवाह योजना का लाभ लिया है।

यह योजना न केवल आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की बेटियों की शादी का सपना पूरा कर रही है, बल्कि यह उन्हें सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा भी प्रदान कर रही है। विवाह समारोह में हर जोड़े को 51,000 रुपये की मदद दी जाती है, जिसमें विवाह से जुड़ी आवश्यक सामग्री, वधू के खाते में नकद धनराशि और आयोजन की व्यवस्था शामिल होती है।

पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक वर्गों के सशक्तीकरण के लिए प्रतिबद्ध हैं सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने साढ़े सात वर्षों के कार्यकाल में बार-बार यह दिखाया है कि उनकी प्राथमिकता वंचित वर्गों को सशक्त बनाना है। इस योजना के माध्यम से वे यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि प्रदेश के सभी वर्ग, विशेषकर पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक, मुख्यधारा से जुड़े और उनके विकास के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। यही वजह है कि इस योजना के लिए योगी सरकार ने अब तक करीब 2,200 लाख रुपये से अधिक की धनराशि खर्च कर चुकी है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह जाति और धर्म की सीमाओं को पार कर सभी को समान अवसर प्रदान करती है। विवाह समारोह में धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन किया जाता है, चाहे वह हिंदू, मुस्लिम, सिख या ईसाई समुदाय का हो। यह पहल सामाजिक समरसता और भाईचारे का भी संदेश देती है।

योगी सरकार का विकास पर केंद्रित एजेंडा विपक्ष को दिखा रहा आईना
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना ने उन विपक्षी दलों को कटघरे में खड़ा कर दिया है, जो पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग के नाम पर केवल राजनीति करते रहे हैं। वर्षों तक इन वर्गों की दुर्दशा पर राजनीति करने वाले दल अब यह देख रहे हैं कि योगी सरकार ने वास्तव में उनकी बेहतरी के लिए ठोस कदम उठाए हैं। जहां विपक्षी दल केवल नारेबाजी और वादों तक सीमित रहे, वहीं योगी सरकार ने इन वर्गों की समस्याओं को समझते हुए उन्हें हल करने के लिए प्रभावी योजनाएं चलाईं। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना ने आर्थिक तंगी झेल रहे गरीब परिवारों को राहत दी और उनकी बेटियों के लिए एक बेहतर भविष्य का मार्ग प्रशस्त किया।

समाज में सकारात्मक बदलाव का माध्यम बनी मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना ने न केवल गरीब परिवारों को आर्थिक सहायता दी है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का काम भी किया है। विवाह के अवसर पर आयोजित सामूहिक समारोहों में समाज के विभिन्न वर्गों के लोग एकजुट होते हैं, जो सामाजिक समरसता और भाईचारे को मजबूत करता है। योगी सरकार की यह पहल उन परिवारों के लिए उम्मीद की किरण बन गई है, जो अपनी बेटियों की शादी की जिम्मेदारी को लेकर चिंतित रहते थे। यह योजना उन्हें न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि उनके जीवन में सम्मान और स्वाभिमान भी लाती है।

दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्गों के लिए नई उम्मीद बने सीएम योगी
योगी सरकार की यह योजना इन वर्गों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है। यह न केवल उन्हें शिक्षा और रोजगार के अवसर उपलब्ध करा रही है, बल्कि उनके जीवन को आत्मनिर्भर और सशक्त बना रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह सुनिश्चित किया है कि समाज के सबसे वंचित वर्ग भी प्रदेश के विकास की मुख्यधारा से जुड़े रहें।

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