एशियाई सफलता के बाद भारत के युवा भारोत्तोलकों की निगाहें कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 के लिए क्वालीफाई करने पर

After Asian success, India's young weightlifters eye qualifying for Commonwealth Games 2026

खेलो इंडिया में भारत के युवा भारोत्तोलकों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सात स्वर्ण सहित 21 पदक जीते; जूनियर भारोत्तोलकों ने कुल 33 पदकों में से 12 पदक जीते

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

भारत के पदक विजेता एथलीट 19-25 दिसंबर को दोहा में आयोजित एशियाई युवा और जूनियर भारोत्तोलन चैंपियनशिप 2024 में अपने शानदार प्रदर्शन के बाद नए वर्ष में उच्च स्तर पर पहुंचने का लक्ष्य बना रहे हैं। कुल मिलाकर, भारत ने युवा और जूनियर श्रेणियों में 33 पदक जीते।

भारोत्तोलकों का अगला लक्ष्य ग्लासगो कॉमनवेल्‍थ गेम्‍स 2026 के लिए क्वालीफाई करना है और राष्ट्रीय भारोत्तोलन कोच तथा ओलंपियन मीराबाई चानू के मार्गदर्शक विजय शर्मा का कहना है कि दोहा में प्रदर्शन आशाजनक था और यह “भारत के उज्ज्वल भविष्य” का संकेत देता है।

कतर में भारोत्तोलन प्रतियोगिता में 40 श्रेणियां शामिल थीं – युवा और जूनियर स्तर पर 20-20। 40 श्रेणियों में से प्रत्येक में स्नैच, क्लीन और जर्क तथा सभी खण्‍डों के लिए पदक प्रदान किए गए।

भारत के युवा (13-17 वर्ष) भारोत्तोलकों ने सात स्वर्ण सहित 21 पदक जीते। जूनियर (15-20 वर्ष) भारोत्तोलकों ने 12 पदक जीते। उत्तर प्रदेश की 16 वर्षीय ज्योष्णा सबर दोहा में सबसे अच्‍छा प्रदर्शन करने वालों में से एक थीं। उन्होंने महिलाओं के युवा 40 किग्रा वर्ग में कुल 135 किग्रा भार उठाकर एक एशियाई रिकॉर्ड बनाया। इससे शर्मा के विचार की पुन: पुष्टि हुई कि “भारत की महिलाएं अंतरराष्ट्रीय पदक जीतने की अधिक संभावनाएं रखती हैं।”

जमीनी स्तर की प्रतिभाओं को खोज कर निकालने और फिर उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संभावित विजेता बनाने के खेलो इंडिया के मिशन को एक बड़ा बढ़ावा मिला, क्योंकि दोहा में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले 24 पुरुषों और महिलाओं में से 22 खेलो इंडिया एथलीट (केआईए) थे। पूरी टीम ने भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआई) के राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों (एनसीओई) एनआईएस पटियाला, इम्फाल और औरंगाबाद में से एक में प्रशिक्षण लिया।

एनआईएस पटियाला में भारोत्तोलन के लिए उच्च प्रदर्शन प्रबंधक, अलकेश बरुआ ने कहा: “इतने सारे युवा एथलीट होने से लंबे समय में केवल मदद ही मिलेगी। ये बच्चे विश्व जूनियर और सीनियर प्रतियोगिताओं के लिए बहुत आशाजनक हैं।”

बरुआ ने बताया कि दोहा में पदक ” प्रशिक्षण की लंबी प्रक्रिया और एसएआई और भारतीय भारोत्तोलन फेडरेशन (आईडब्‍ल्‍यूएलएफ) के द्वारा दिए गए समर्थन” के कारण जीते गए।

बरुआ ने आगे कहा, “जून में हमने जूनियर वर्ल्ड, एशियाई चैंपियनशिप, साथ ही एशियाई युवा और जूनियर जैसी कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए एनआईएस पटियाला में ट्रायल आयोजित किए। इस तरह हमने द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता कोच (विजय) शर्मा के मार्गदर्शन में टीम का चयन किया।”

2024 एशियाई मीट में महिला जूनियर +87 किग्रा वर्ग में रजत पदक विजेता मैबाम मार्टिना देवी ने अपनी आगामी योजनाओं पर बात करते हुए एसएआई मीडिया से कहा, “2025 में, कॉमनवेल्थ गेम्स 2026 क्वालिफिकेशन के लिए हमारे ट्रायल शुरू होंगे। अहमदाबाद कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप की मेजबानी करेगा, जो क्वालीफायर इवेंट होगा। मैं उत्तराखंड में होने वाले राष्ट्रीय खेलों में भी भाग लूंगी। इसलिए, मुझे अच्छा प्रदर्शन करते रहना होगा।”

पुरुषों में, एनआईएस पटियाला के कैंपर साईराज परदेशी ने ओवरऑल लिफ्ट में एक नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया, क्योंकि उन्होंने 81 किग्रा पुरुष युवा वर्ग में 310 किग्रा (139 किग्रा स्नैच + 171 किग्रा क्लीन एंड जर्क) उठाया।

साईराज, जो जनवरी 2025 में एनआईएस पटियाला में एक वर्ष पूरा करेंगे, ने अपने कैरियर के शुरूआती चरण पर एसएआई केंद्रों में मिले प्रशिक्षण के प्रभाव को श्रेय दिया।

उन्होंने एसएआई मीडिया से कहा, “मैंने 2018 में महाराष्ट्र में वेटलिफ्टिंग शुरू की थी, तब मेरी उम्र 12 साल थी। मैंने कोविड लॉकडाउन तक वहीं प्रशिक्षण और फिर 2021 में औरंगाबाद में शामिल हो गया। इस साल की शुरुआत में, मैं एनआईएस पटियाला में शामिल हो गया। एसएआई केंद्रों ने अनुशासन, आहार, कोच और कई अन्य पहलुओं के मामले में मेरे करियर में बहुत योगदान दिया है।”

साईराज परदेशी ने आगे कहा, “खेलो इंडिया योजना के तहत हमें जो छात्रवृत्ति राशि मिलती है, उससे मुझे अन्य लाभों के अलावा प्रोटीन सप्लीमेंट भी मिलते हैं। 2024 यूथ वर्ल्ड चैंपियनशिप में, मैंने 1 किलोग्राम के अंतर से पदक खो दिया था, लेकिन अब, मैं अपने पहले प्रदर्शन में एशियाई प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर खुश हूं।”

पदक विजेताओं की पूरी सूची:

  • जूनियर वर्ग
  • · संजना: रजत (महिला जूनियर 76 किग्रा – क्लीन एंड जर्क), रजत (महिला जूनियर 76 किग्रा – कुल)
  • · नीलम देवी: रजत (महिला जूनियर 55 किग्रा – स्नैच), रजत (महिला जूनियर 55 किग्रा – क्लीन एंड जर्क), रजत (महिला जूनियर 55 किग्रा – कुल)
  • · माईबाम मार्टिना देवी: रजत (महिला जूनियर +87 किग्रा – कुल), रजत (महिला जूनियर +87 किग्रा – क्लीन एंड जर्क), कांस्य (महिला जूनियर +87 किग्रा – स्नैच)
  • · वल्लुरी अजय बाबू: रजत (पुरुष जूनियर 81 किग्रा – स्नैच)
  • · पायल: कांस्य (महिला जूनियर 45 किग्रा – कुल), कांस्य (महिला जूनियर 45 किग्रा – क्लीन एंड जर्क)
  • · शंकर लापुंग: कांस्य (पुरुष जूनियर 61 किग्रा – कुल)
  • युवा वर्ग
  • · ज्योष्ना सबर: स्वर्ण (महिला युवा 40 किग्रा – कुल), स्वर्ण (महिला युवा 40 किग्रा – स्नैच), स्वर्ण (महिला युवा 40 किग्रा – क्लीन एंड जर्क)
  • · पायल: स्वर्ण (महिला युवा 45 किग्रा – कुल), स्वर्ण (महिला युवा 45 किग्रा – स्नैच), कांस्य (महिला युवा 45 किग्रा – क्लीन एंड जर्क)
  • · कोयेल बार: स्वर्ण (महिला युवा 55 किग्रा – क्लीन एंड जर्क), रजत (महिला युवा 55 किग्रा – कुल), कांस्य (महिला युवा 55 किग्रा – स्नैच)
  • · साईराज परदेशी: स्वर्ण (पुरुष युवा 81 किग्रा – कुल), रजत (पुरुष युवा 81 किग्रा – स्नैच), रजत (पुरुष युवा 81 किग्रा – क्लीन एंड जर्क)
  • · प्रीतिस्मिता भोई: रजत (महिला युवा 45 किग्रा – क्लीन एंड जर्क)
  • · संजना: रजत (महिला युवा 76 किग्रा – कुल), रजत (महिला युवा 76 किग्रा – स्नैच), रजत (महिला युवा 76 किग्रा – क्लीन एंड जर्क)
  • · के ओविया: रजत (महिला युवा 81 किग्रा – क्लीन एंड जर्क)
  • · बाबूलाल हेम्ब्रोम: कांस्य (पुरुष युवा 49 किग्रा – कुल)
  • · अस्मिता ढोने: कांस्य (महिला युवा 49 किग्रा – क्लीन एंड जर्क)
  • · पर्व चौधरी: कांस्य (पुरुष युवा 96 किग्रा – क्लीन एंड जर्क), कांस्य (पुरुष युवा 96 किग्रा – कुल)।

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