श्रद्धालुओं के मन को लुभा रहे पांडालों के आकर्षक प्रवेश द्वार

The attractive entrances of the pandals are attracting the minds of the devotees

  • एयरोप्लेन, शिवलिंग, त्रिशूल और मुकुट के आकार वाले प्रवेश द्वार बढ़ा रहे शिविरों की शोभा
  • कोलकाता, वाराणसी समेत पूरे भारत के कलाकार दे रहे प्रवेश द्वारों को अलौकिक रूप

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

महाकुम्भ नगर : महाकुंभ में अखाड़ा क्षेत्र की शोभा इस समय देखते ही बन रही है। अखाड़े, खाक चौक, दंडीवाडा, आचार्यवाड़ा और प्रयागवाल समेत सभी संस्थाओं के शिविर बनकर तैयार हो गए हैं। हर बार की तरह है इस बार भी शिविरों को आकर्षक तरीके से सजाया गया है, लेकिन सबसे ज्यादा आकर्षण पंडालों के एंट्री गेट बटोर रहे हैं। मेला क्षेत्र में इस बार कई अनूठे और थीम पर आधारित एंट्री गेट बनाए गए हैं। यह एंट्री गेट न सिर्फ देखने में सुंदर हैं, बल्कि यह संस्था की पहचान और उस तक श्रद्धालुओं के पहुंचने का भी माध्यम बन रहे हैं।

अलग अलग थीम पर बने प्रवेश द्वार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इस बार महाकुम्भ को पहले से भी ज्यादा दिव्य और भव्य बनाने के संकल्प को अखाड़ा क्षेत्र में साकार होते देखा जा सकता है। यहां विभिन्न अखाड़ों और संस्थाओं ने अपने शिविरों को तो आध्यात्मिक रूप से संवारा ही है, साथ ही अपने प्रवेश द्वार को भी अलग ही रंगत दी है। झूंसी की तरफ बने इन शिविरों के प्रवेश द्वार अलग अलग दें पर बनाए गए हैं। इनमें कहीं एयरोप्लेन स्टाइल में प्रवेश द्वार बनाए गए हैं तो कहीं शिवलिंग तो कहीं मुकुट को प्रदर्शित करते द्वार शिविर की शोभा बढ़ा रहे हैं।

प्रवेश द्वार बन रहे आइडेंटिटी
खास बात ये है कि इन शिविरों को बनाने वाले कारीगर पूरे भारत से आए हैं, जिनमें कोलकाता, वाराणसी और दक्षिण भारत के कलाकारों की संख्या उल्लेखनीय है। प्रवेश द्वार बनाने वाले कलाकारों की मानें तो इन प्रवेश द्वारों को तैयार करने में 10 से 15 दिन का समय लगा है, जबकि इनकी लगता लाखों रुपए है। ये प्रवेश द्वार शिविरों की आइडेंटिटी का भी कार्य कर रहे हैं। श्रद्धालुओं को शिविर किस सेक्टर में है ये बताने के साथ ही पहचान के लिए प्रवेश द्वार की छवि भी बताई जा रही है। इसके माध्यम से श्रद्धालु सहज ही शिविरों तक पहुंचने में सक्षम हो रहे हैं।

Related Articles

Back to top button