भारतीय वायुसेना मेहर बाबा प्रतियोगिता का हुआ समापन

Indian Air Force Mehar Baba competition concludes

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

भारतीय वायुसेना मेहर बाबा प्रतियोगिता (एमबीसी-II) के दूसरे संस्करण का संचालन कर रही है। इस प्रतियोगिता का शुभारंभ रक्षा मंत्री ने किया था, जिसका विषय “विमान संचालन सतहों पर विदेशी वस्तुओं का पता लगाने के लिए स्वार्म ड्रोन आधारित प्रणाली” था। इस प्रतियोगिता का समापन हुआ।

शुरुआती 129 आवेदकों में से चार को विशेषज्ञों की एक नामित समिति (सीओई) ने कठोर मूल्यांकन के बाद फाइनलिस्ट के रूप में चुना। इसमें भारतीय वायुसेना के साथ-साथ सिविल संस्थानों के डोमेन विशेषज्ञ शामिल थे। यह प्रतियोगिता चार चरणों में आयोजित की गई थी, जिसका अंतिम चरण 24 जुलाई को आयोजित किया गया था। मूल्यांकन के आधार पर, अयान ऑटोनॉमस सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड, पुणे को विजेता और फ्लीट आरएफ प्राइवेट लिमिटेड, ग्रेटर नोएडा को उप विजेता घोषित किया गया।

भारतीय वायुसेना अपनी अभिनव पहल मेहर बाबा प्रतियोगिता (एमबीसी) के माध्यम से मानव रहित और स्वायत्त हवाई वाहनों के क्षेत्र में विशिष्ट प्रौद्योगिकी का विकास कर रही है। एमबीसी भारतीय उद्योग, शिक्षा जगत और उपयोगकर्ताओं को साझा मंच प्रदान करके उनके बीच की खाई को पाटने में अग्रणी है।

इस प्रतियोगिता ने सफलतापूर्वक एक मजबूत प्रणाली तैयार किया है, जिसके परिणामस्वरूप पिछले तीन वर्षों में सशस्त्र बलों सहित विभिन्न उद्योगों से हज़ारों करोड़ से अधिक के ऑर्डर प्राप्त हुए हैं। यह आर्थिक सफलता न केवल एमबीसी-II प्रतिस्पर्धात्मकता का प्रमाण है, बल्कि ड्रोन क्षेत्र में महत्वपूर्ण विकास की संभावना को भी दर्शाती है। इसकी सराहनीय उपलब्धि हज़ारों लोगों को रोजगार देना है, जिनमें मुख्य रूप से कॉलेज और शिक्षा जगत से नए स्नातक शामिल हैं। यह प्रतियोगिता एक प्रकाश स्तंभ के रूप में कार्य करती है, जो यूएवी प्रौद्योगिकी में भविष्य की प्रगति का मार्ग प्रशस्त करती है और वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति को मजबूत करती है। यह प्रतियोगिता प्रधानमंत्री के 2030 तक भारत को विश्व का ड्रोन केंद्र बनाने के दृष्टिकोण व्यक्त करती है।

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