विदेशी श्रद्धालुओं ने साझा किए अनुभव, महाकुम्भ को बताया अद्भुत और अविस्मरणीय अनुभव

Foreign devotees shared their experiences, described Maha Kumbh as a wonderful and unforgettable experience


रक्षा-राजनीति नेटवर्क

महाकुम्भ नगर :
महाकुम्भ 2025 अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है और महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर त्रिवेणी संगम में देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। लंदन, ब्राजील, मैक्सिको और अमेरिका समेत दुनिया के कई अन्य देशों से आए श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में पवित्र स्नान किया और भारतीय संस्कृति की गहराई को करीब से महसूस किया। इन विदेशी श्रद्धालुओं ने अपने अनुभव साझा करते हुए इसे जीवन का अविस्मरणीय पल बताया। उल्लेखनीय है कि 13 जनवरी से 26 फरवरी के मध्य आयोजित किए गए महाकुम्भ 2025 ने विश्व भर से करोड़ों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित किया। विदेशी भक्तों के अनुभव इस बात का प्रमाण हैं कि महाकुम्भ न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और आतिथ्य का वैश्विक मंच भी बन गया है।

*यह जीवन में एक बार का अवसर*
लंदन से आईं एक श्रद्धालु ने भावुक होकर कहा, "यहां आकर मुझे बहुत खुशी और शांति मिली। भीड़ का माहौल अनुभव करने लायक है, यह अद्भुत है। आज हर कोई उत्सव मना रहा है, यह मेरे पिछले दिनों से भी ज्यादा खास लग रहा है। मैंने इसे जीवन में एक बार मिलने वाला मौका समझा और अपनी सारी योजनाएं रद कर यहां आ गई। यह मेरे लिए इतना महत्वपूर्ण था।" उन्होंने आगे कहा, "यहां के लोग बहुत स्वागत करने वाले और दोस्ताना हैं। मैं भारतीय संस्कृति और रोजमर्रा की होने वाली पूजा-अर्चना के महत्व के बारे में बहुत कुछ सीख रही हूं। यह देखना भी खूबसूरत है कि लोग गंगा का जल अपने परिवार के उन सदस्यों के लिए ले जा रहे हैं जो यहां नहीं आ सके। मैंने महाकुंम्भ के बारे में सोशल मीडिया और दोस्तों से जाना।"

*हम इसे अपने देश में दिखाना चाहते हैं*
ब्राजील से आईं डेनियल ने उत्साह से कहा, "यह एक अद्भुत और अविस्मरणीय अनुभव है। हम बहुत दूर से आए हैं और इसे अपने लोगों और देश को दिखाने के लिए उत्साहित हैं। पूरा कुम्भ मेला कमाल का है। लोग बहुत दोस्ताना और स्वागत करने वाले हैं।" डेनियल ने बताया कि उन्हें महाकुम्भ के बारे में अपने बॉस से पता चला, जो 12 साल पहले कुम्भ मेले को कवर कर चुके थे। उन्होंने कहा, "यह मेरा पहला अनुभव था और यह शानदार रहा।"

*भारतीयों की मुस्कान लाजवाब*
ब्राजील से ही आए काको बार्सेलोस ने कहा, "हम लोगों के साथ यहां होने के लिए लंबा सफर तय करके आए हैं। यह इतिहास का सबसे बड़ा मानव समागम है। यहां लोगों की भावनाएं बहुत प्रबल हैं। भारतीय लोगों की मुस्कान अद्भुत है। उनके शब्दों में भारतीय आतिथ्य और आध्यात्मिक ऊर्जा की गहरी छाप झलकती है।"

*लोगों की दयालुता हमारा सबसे बड़ा सबक*
मैक्सिको और अमेरिका से आए एक समूह ने भी त्रिवेणी संगम में स्नान किया। समूह की एक सदस्य एना ने कहा, "मैं अपने समुदाय के एक समूह के साथ यहां आई हूं। हमारे ग्रुप में मैक्सिको, कोलंबिया और इटली के लोग शामिल हैं। इतनी भक्ति को देखकर 'वाह' जैसा अहसास हो रहा है। हमने यहां लोगों की दयालुता देखी। हर कोई बहुत स्वागत करने वाला है। यही हमारा सबसे बड़ा सबक है।" एना ने भारतीय मेजबानी और आध्यात्मिक माहौल की जमकर तारीफ की।

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