
रक्षा-राजनीति नेटवर्क
1 मार्च, 2020 से, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) केरोसिन का खुदरा विक्रय मूल्य अखिल भारतीय स्तर पर शून्य अंडर-रिकवरी स्तर पर बनाए रखा जा रहा है।
सरकार खाना पकाने और रोशनी के उद्देश्य से सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) केरोसिन का आवंटन करती है। इसके अलावा, सरकार ने 2012 में राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों को प्राकृतिक आपदाओं, धार्मिक कार्यों, मत्स्यपालन, विभिन्न यात्राओं आदि जैसी विशेष जरूरतों के लिए प्रत्येक वित्तीय वर्ष के दौरान गैर-सब्सिडी दरों पर पीडीएस केरोसिन के एक महीने के कोटे का आवंटन करने का अधिकार दिया है। केरोसिन की प्रदूषणकारी प्रकृति को देखते हुए, पीडीएस के तहत एसकेओ के आवंटन को तर्कसंगत बनाया गया है। इसके अलावा, सरकार ने 2015-16 से 2019-20 तक पीडीएस केरोसिन आवंटन को स्वैच्छिक रूप से छोड़ने के लिए केरोसिन के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना (डीबीटीके) के तहत राज्यों को नकद प्रोत्साहन प्रदान किया। तब से, वित्तीय वर्ष 2023-24 तक 13 राज्य केरोसिन मुक्त हो गए हैं।
सरकार स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में परिवर्तन का नेतृत्व करने हेतु विभिन्न अंतरराष्ट्रीय पहलों के साथ काम करने के साथ-साथ उनका नेतृत्व भी कर रही है। भारत नवंबर 2015 में अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन और सितंबर 2023 में जी20 की अध्यक्षता के दौरान वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन के संस्थापक सदस्यों में से एक था। भारत ऊर्जा सप्ताह 2025 के दौरान, भारत ने ग्लोबल साउथ के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के तरीकों पर चर्चा करने और भारत की प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के सबक को साझा करने हेतु स्वच्छ पाक कला पर एक मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन की मेजबानी की थी।
सरकार ने स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक बहुआयामी रणनीति अपनाई है। इस रणनीति में अन्य बातों के साथ-साथ अर्थव्यवस्था में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी बढ़ाने और गैस आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने हेतु देश भर में ईंधन/कच्चे माल के रूप में प्राकृतिक गैस के उपयोग को बढ़ावा देकर मांग प्रतिस्थापन, इथेनॉल, दूसरी पीढ़ी के इथेनॉल, संपीड़ित जैव गैस तथा जैव डीजल जैसे नवीकरणीय एवं वैकल्पिक ईंधन को बढ़ावा देना, रिफाइनरी प्रक्रिया में सुधार, ऊर्जा दक्षता एवं संरक्षण को बढ़ावा देना और विभिन्न नीतिगत पहलों के माध्यम से तेल एवं प्राकृतिक गैस के उत्पादन को बढ़ाने के प्रयास आदि शामिल हैं। ऑटोमोटिव ईंधन के रूप में संपीड़ित जैव गैस (सीबीजी) के उपयोग को बढ़ावा देने हेतु, किफायती परिवहन के लिए टिकाऊ विकल्प (एसएटीएटी) पहल भी शुरू की गई है।
प्रकाश व्यवस्था के लिए केरोसिन के स्वच्छ विकल्प के रूप में, भारत ने सौभाग्य (प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना) और दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाई) के माध्यम से बिजली की सुलभता के मामले में लगभग सार्वभौमिक संतृप्ति हासिल कर ली है।
देश भर के गरीब परिवारों को स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन सुलभ कराने के उद्देश्य से, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) मई, 2016 में शुरू की गई थी। पीएमयूवाई उपभोक्ताओं के लिए एलपीजी को और अधिक किफायती बनाने तथा उनके द्वारा एलपीजी का निरंतर उपयोग सुनिश्चित करने हेतु, सरकार ने मई 2022 में पीएमयूवाई उपभोक्ताओं को प्रति वर्ष 12 रिफिल तक (और 5 किलोग्राम वाले कनेक्शन के लिए आनुपातिक रूप से समानुपातिक) 200 रुपये प्रति 14.2 किलोग्राम वाले सिलेंडर की लक्षित सब्सिडी शुरू की। अक्टूबर 2023 में, सरकार ने प्रति वर्ष 12 रिफिल तक (और 5 किलोग्राम कनेक्शन के लिए आनुपातिक रूप से समानुपातिक) 14.2 किलोग्राम वाले सिलेंडर पर लक्षित सब्सिडी को बढ़ाकर 300 रुपये कर दिया। पीएमयूवाई उपभोक्ताओं को 300 रुपये प्रति सिलेंडर की लक्षित सब्सिडी के बाद यह योजना देश भर में 10.33 करोड़ से अधिक उज्ज्वला लाभार्थियों के लिए उपलब्ध है।
देश भर में एलपीजी के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाने हेतु, अन्य बातों के साथ-साथ विभिन्न कदम उठाए गए हैं, जिनमें पीएमयूवाई के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चलाना, कनेक्शनों को नामांकित व वितरित करने के लिए मेला/शिविर आयोजित करना, आउट ऑफ होम (ओओएच) होर्डिंग्स, रेडियो जिंगल्स, सूचना, शिक्षा एवं संचार (आईईसी) वैन आदि के माध्यम से प्रचार करना, एलपीजी पंचायतों के माध्यम से अन्य पारंपरिक ईंधनों की तुलना में एलपीजी के उपयोग के लाभों तथा एलपीजी के सुरक्षित उपयोग के बारे में जागरूकता फैलाना, विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत नामांकन/जागरूकता शिविर, पीएमयूवाई कनेक्शन प्राप्त करने के लिए आधार नामांकन तथा बैंक खाते खोलने के लिए उपभोक्ताओं एवं उनके परिवारों को सुविधा प्रदान करना, एलपीजी कनेक्शन प्राप्त करने की प्रक्रिया का सरलीकरण, www.pmuy.gov.in, निकटतम एलपीजी वितरक, कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) आदि पर पीएमयूवाई कनेक्शन के लिए ऑनलाइन आवेदन, 5 किलोग्राम डबल बोतल कनेक्शन (डीबीसी) का विकल्प, 14.2 किलोग्राम से 5 किलोग्राम तक स्वैप विकल्प, प्रवासी परिवारों के लिए पते के प्रमाण एवं राशन कार्ड के बजाय स्व-घोषणा पर नया कनेक्शन प्राप्त करने का प्रावधान आदि शामिल हैं। इसके अलावा, तेल विपणन कंपनियां लगातार नए एलपीजी वितरकों की स्थापना कर रही हैं, खासकर ग्रामीण इलाकों में। पीएमयूवाई योजना के शुभारंभ के बाद से, तेल विपणन कंपनियों ने (01.04.2016 से लेकर 31.12.2024 के दौरान) देश भर में 7959 वितरकों की स्थापना की है, जिनमें से 7373 (यानी 93 प्रतिशत) ग्रामीण इलाकों में हैं। सरकार के हस्तक्षेप के परिणामस्वरूप, देश में एलपीजी की सुलभता अप्रैल 2016 में 62 प्रतिशत से बढ़कर अब लगभग संतृप्ति तक पहुंच गई है।