बीते आठ वर्षों में करीब 8 लाख गरीब परिवार राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना से हुए लाभांवित

In the last eight years, about 8 lakh poor families have benefited from the National Family Benefit Scheme

  • प्रदेश के गरीब परिवारों के कल्याण पर जमकर पैसा खर्च कर रही सरकार
  • बीते आठ वर्षों में योगी सरकार ने गरीब परिवारों पर खर्च किए 2,310 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि
  • आवेदन और पात्रों के चयन प्रक्रिया में त्वरित कार्रवाई से गरीब परिवारों का जीवन हुआ आसान

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार की राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना उन परिवारों के लिए मददगार साबित हो रही है जो अपने मुखिया को खो चुके हैं। इस योजना के तहत प्रदेश में गरीब परिवारों को 30,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। योगी सरकार ने बीते आठ वर्षों में करीब 8 लाख लाभार्थी गरीब परिवारों पर 2,310 करोड़ रुपये से अधिक खर्च चुकी है।

बीते आठ वर्षों से जन कल्याणकारी योजनाओं में योगी सरकार केंद्र सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रही है, जिससे प्रदेश में हर वर्ग के लोगों का कल्याण सुनिश्चित हो रहा है। राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना उन सभी परिवारों के जीवन में स्थिरता लाने में मील का पत्थर साबित हो रही है। इस योजना में ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के परिवार शामिल हैं।

राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के लिए आवेदन पर तुरंत हो रही कार्रवाई
योगी सरकार बेसहारा परिवारों को किसी भी परेशानी से बचाने के लिए उनको सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं के साथ जोड़ने में कोई कोताही नहीं बरत रही है। यह वजह है कि राष्ट्रीय पारिवारिक योजना के लिए आवेदन करने वालों के आवेदन पर प्रदेश का समाज कल्याण विभाग बिना देर किए संज्ञान लेकर परिवार को इस योजना के लाभ से जोड़ रहा है। आवेदन के लिए तय किए गए मानक की जांच पड़ताल भी त्वरित गति से होती है, जिसमें यह सुनिश्चित किया जाता है कि आवेदक उत्तर प्रदेश का निवासी हो, मुखिया की आयु मृत्यु के समय 18 से 60 वर्ष के बीच हुई हो, ग्रामीण क्षेत्रों में परिवार की वार्षिक आय 46,080 रुपये और शहरी क्षेत्रों में 56,460 रुपये से अधिक न हो। साथ ही योजना का लाभ पाने के लिए आवेदन मृत्यु के एक साल के भीतर किया जाना जरूरी है। आवेदन के 30 दिनों के भीतर समाज कल्याण विभाग द्वारा निर्णय ले लिया जाता है। स्वीकृति के बाद 30,000 रुपये की धनराशि सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है।

बेसहारा गरीब परिवारों के कल्याण के लिए बीते आठ वर्षों में करोड़ों रुपये हुए खर्च
बिना मुखिया वाले परिवारों का पालनहार बनी योगी सरकार इन पर करोड़ों रुपये खर्च चुकी है। 1 अगस्त, 2023 से योजना के अंतर्गत आवेदन, स्वीकृति एवं वितरण की ऑनलाइन प्रक्रिया लागू की गई है। समाज कल्याण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, बीते आठ वर्षों में योगी सरकार बिना मुखिया वाले 770,279 लाभार्थी गरीब परिवारों पर 2,310.837 करोड़ रुपये खर्च चुकी है।

गरीबों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध दिख रही योगी सरकार
योगी सरकार की इस योजना का सबसे बड़ा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी गरीब परिवार आर्थिक असुरक्षा के कारण संकट में न आए। जब परिवार के मुखिया का निधन हो जाता है, तो परिवार के लिए रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना उन परिवारों को त्वरित सहायता प्रदान करती है और उनके जीवन को पटरी पर लाने में मदद करती है। योगी सरकार की इस पहल से हजारों गरीब परिवारों को संबल मिला है और उनकी आर्थिक चुनौतियां कम हुई हैं। सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ सभी जरूरतमंदों तक पहुंचे, इसके लिए प्रशासन को विशेष रूप से सक्रिय किया गया है।

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