सीएम योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में यूपी एथनॉल के उत्पादन में बना है अग्रणी राज्य

Under the guidance of CM Yogi Adityanath, UP has become a leading state in the production of ethanol

  • यूपी ने एथनॉल उत्पादन में 2 बिलियन लीटर प्रतिवर्ष की अनुमानित क्षमता विकसित कर ली है
  • आगामी वर्षों में 2.5 बिलियन लीटर प्रति वर्ष तक पहुंचाने का है लक्ष्य
  • एथनॉल उत्पादन से एकीकृत वार्षिक गन्ना अर्थव्यवस्था पहुंच गई है 50 हजार करोड़ रुपए तक
  • जैव ईंधन एथनॉल के उत्पादन और ईबीपी के प्रयोग से 2070 तक शुद्ध – शून्य उत्सर्जन का है लक्ष्य

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विशेष ध्यान न केवल प्रदेश की स्थित सुधारने बल्कि भविष्य के लिए मजबूत नींव तैयार करने पर भी रहा है। उनके इसी दूरगामी विजन का परिणाम है कि उन्होंने प्रदेश को बायो फ्यूल एथनॉल के उत्पादन पर विशेष जोर दिया। शासन के 8 वर्षों के शासन काल में प्रदेश एथनॉल के उत्पादन में देश में अग्रणी राज्य बन चुका है। वर्तमान यूपी ने एथनॉल उत्पादन में 2 बिलियन लीटर प्रतिवर्ष की अनुमानित क्षमता विकसित कर ली है। जिसे आगामी वर्षों में 2.5 बिलियन लीटर प्रति वर्ष तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए जहां एक ओर प्रदेश की कई चीनी मिलों में एथनॉल उत्पादन में वृद्धि की गई है वहीं दूसरी ओर गोंडा जिले में एशिया का सबसे बड़े एथनॉल प्लांट का विकास किया गया है। एथनॉल उत्पादन में बढ़ोत्तरी कर ईबीपी के प्रयोग से 2070 तक प्रदेश को शुद्ध – शून्य उत्सर्जन तक पहुंचाने के साथ एकीकृत गन्ना अर्थव्यवस्था को भी 50 हजार करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।

प्रदेश में हो रहा है 2 बिलियन लीटर प्रति वर्ष एथनॉल का उत्पादन

सीएम योगी आदित्यनाथ की दूरगामी नितियों का परिणाम है कि प्रदेश में भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के साथ अर्थ-व्यवस्था के विकास में रफ्तार लाने के उद्देश्य से एथनॉल उत्पादन पर विशेष ध्यान दिया गया है। जिसके परिणामस्वरूप वर्तमान में प्रदेश ने 2 बिलियन लीटर प्रति वर्ष एथनॉल उत्पादन की क्षमता विकसित कर ली है। जिसे आगामी वर्षों में 2.5 बिलियन लीटर प्रति वर्ष तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इसी क्रम में जहां एक ओर प्रदेश की अधिकांश चीनी मिलों में एथनॉल उत्पादन की क्षमता में वृद्वि की गई है। साथ ही गोंडा जिले में एशिया का सबसे बड़ी एथनॉल प्लांट वर्ष 2022 में स्थापित किया गया है। जो कि वर्तमान में 350 किलो लीटर एथनॉल का प्रतिदिन उत्पादन कर रहा है। इसके अलावा गोरखपुर की पिपराइच चीनी मिल में भी जल्द ही एथनॉल उत्पादन शुरू हो जाएगा।

50 हजार करोड़ रूपये की हुई गन्ना एकीकृत अर्थव्यवस्था

एथनॉल उत्पादन में वृद्धि के साथ जहां एक ओर प्रदेश वर्ष 2070 तक शुद्ध – शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने में तेजी से बढ़ रहा है। इसके साथ ही सीएम योगी के मार्गदर्शन में बनी बयो फ्यूल-2022 की नीति के तहत प्रदेश में एथनॉल मिश्रित ईबीपी के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर प्रदेश की गन्ने से बनी एथनॉल ने एकीकृत गन्ना अर्थव्यवस्था को भी 50 हजार करोड़ रुपए तक पहुंचाया है। इससे न केवल प्रदेश के गन्ना किसानों की आय में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है, साथ ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी वन ट्रिलियन इकॉनमी बनने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

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