समग्र शिक्षा सोशल ऑडिट: प्रदेश के सभी जिलों में सीएसए को प्रशिक्षित करा रही योगी सरकार

Samagra Shiksha Social Audit: Yogi government is training CSA in all the districts of the state

– शिक्षा में पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए सामाजिक सहभागिता को मिल रहा है बढ़ावा
– प्रदेश के 14 जिलों के चयनित कलस्टर सोशल ऑडिटर्स (सीएसए) को किया जा रहा प्रशिक्षित
– अम्बेडकरनगर, अमेठी, बहराइच, बलरामपुर, बाराबंकी, बरेली, अयोध्या, गोंडा, खीरी, रायबरेली, शाहजहांपुर, श्रावस्ती, सीतापुर और सुल्तानपुर में दिया जा रहा प्रशिक्षण

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में शिक्षा को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने और शासन की योजनाओं को पारदर्शी तरीके से लागू कराने के लिए समग्र शिक्षा अभियान के तहत प्रदेश में सोशल ऑडिट प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है। फिलहाल, इस कार्यक्रम में प्रदेश के 14 जनपदों (अम्बेडकरनगर, अमेठी, बहराइच, बलरामपुर, बाराबंकी, बरेली, अयोध्या, गोंडा, खीरी, रायबरेली, शाहजहांपुर, श्रावस्ती, सीतापुर और सुल्तानपुर) के चयनित कलस्टर सोशल ऑडिटर्स (सीएसए) को प्रशिक्षित किया जा रहा है।

ज्ञात हो कि प्रदेश के शेष जनपदों में भी योजना के अंतर्गत कार्य प्रगति पर है। संबंधित विश्वविद्यालयों को आवंटित जिलों में प्रशिक्षण प्रक्रिया पूर्ण होते ही सोशल ऑडिट का कार्य सक्रिय रूप से पूरे प्रदेश में प्रारंभ कर दिया जाएगा। हालांकि, अभी यह प्रशिक्षण 23 अप्रैल 2025 तक जनपदों के जिला मुख्यालयों पर आयोजित हो रहा है। बता दें कि शासन के निर्देश पर इसका क्रियान्वयन इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, लखनऊ द्वारा किया जा रहा है।

इनकी अगुवाई में हो रहा प्रशिक्षण
14 जिलों में संचालित हो रहे इस सोशल ऑडिट कार्यक्रम का संचालन इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, लखनऊ के नामित नोडल अधिकारी प्रो. एच. एम. आरिफ, डॉ. आरीना तथा समन्वयक डॉ. वान्या की देखरेख में सुचारु रूप से किया जा रहा है। प्रत्येक सत्र में 20 से 60 तक प्रतिभागियों को प्रशिक्षण मिल रहा है, जो 10 से 18 ब्लॉकों को कवर कर रहे हैं। अब तक 270 से अधिक सीएसए को प्रशिक्षण मिल चुका है।

प्रशिक्षण है तीन प्रमुख मॉड्यूल पर आधारित
प्रशिक्षण, तीन प्रमुख मॉड्यूल पर आधारित है, जिन्हें एनसीईआरटी द्वारा तैयार किया गया है। इन मॉड्यूल्स में ‘विद्यालयी शिक्षा में समग्र शिक्षा के तहत प्रमुख पहलें, समग्र शिक्षा के सोशल ऑडिट की प्रक्रिया और भूमिका और ऑडिट टूल्स, रिपोर्टिंग एवं मूल्यांकन’ के तरीके शामिल हैं।

क्या है प्रशिक्षण का उद्देश्य
महानिदेशक स्कूल, कंचन वर्मा का कहना है कि प्रशिक्षण का उद्देश्य विद्यालयों में ड्रेस, पाठ्य-पुस्तक वितरण, एमडीएम, पोषण आहार, बुनियादी ढांचे की सुविधा, समावेशी शिक्षा जैसी क्रियान्वित योजनाओं पर नजर रखना प्रमुख उद्देश्य है। इन योजनाओं के ज़मीनी स्तर पर सही क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने में सीएसए की भूमिका निर्णायक होगी।

बोले बेसिक शिक्षा मंत्री
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं कई बार यह कहा है कि सरकार की योजनाएं तभी सफल मानी जाएंगी जब उनका लाभ समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचे। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम उनकी उसी सोच की व्यावहारिक अभिव्यक्ति है। सरकार अब शासन में ‘सामाजिक जवाबदेही और जन-सहभागिता’ को नई दिशा दे रही है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले लाखों गरीब बच्चों को इससे सीधा लाभ मिलेगा। जब योजना की निगरानी उसी समाज के प्रशिक्षित लोगों द्वारा होगी, तो लागू की गयी योजनाएं बेहतर क्रियान्वित होंगी और बच्चों की शिक्षा गुणवत्ता में भी सुधार होगा। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम समग्र शिक्षा अभियान के उद्देश्यों के अनुरूप सामाजिक दृष्टिकोण से शिक्षा को जनांदोलन बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आने वाले समय में यह मॉडल पूरे प्रदेश के लिए एक बेस्ट प्रैक्टिस के रूप में उभरेगा।

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