आजमगढ़ के निजामाबाद की टेराकोटा कला से युवाओं को जोड़ने की पहल कर रही योगी सरकार

Yogi government is taking initiative to connect youth with terracotta art of Nizamabad of Azamgarh

  • स्नातक, परास्नातक, शोधार्थियों, अध्ययनरत विद्यार्थियों को कार्यशाला के जरिए दिया जाएगा प्रशिक्षण
  • राजकीय बौद्ध संग्रहालय गोरखपुर में 4 से 10 मई तक होगा आयोजन
  • 8 से 17 मई तक ‘वैश्विक बुद्ध एवं जातक कथाएं’ विषयक होगी राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी
  • चित्रकला, छायांकन कला, ग्राफिक कला, मूर्तिकला व सिरेमिक कला की प्रतिभाओं को मिलेगा राष्ट्रीय मंच

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

लखनऊ : योगी सरकार ने एक जिला, एक उत्पाद के तहत आजमगढ़ की ब्लैक पॉटरी को अंतरराष्ट्रीय पहचान दी है। सरकार अब आजमगढ़ के निजामाबाद की टेराकोटा कला (ब्लैक पॉटरी) से युवाओं को जोड़ने के लिए भी निरंतर पहल कर रही है। इसी क्रम में संस्कृति विभाग द्वारा राजकीय बौद्ध संग्रहालय गोरखपुर के 39वें स्थापना दिवस पर आजमगढ़ (निजामाबाद) की टेराकोटा कला से परिचित कराने के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यशाला व प्रदर्शनी लगा कर युवाओं को मंच मुहैया कराया जाएगा। इसमें देश-प्रदेश के युवा हिस्सा लेंगे।

4 से 10 मई तक होगा आयोजन, पहली मई तक पंजीकरण
राजकीय बौद्ध संग्रहालय गोरखपुर के उप निदेशक डॉ. यशवंत सिंह राठौर ने बताया कि यह कार्यशाला चार मई से 10 मई तक होगी। इसके लिए निःशुल्क पंजीकरण कराया जा रहा है। यह पंजीकरण पहली मई तक चलेगा। इसमें पहले पंजीकरण कराने वाले देश-प्रदेश के 50 से अधिक प्रतिभागी हिस्सा लेंगे। प्रतिभागी की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए। स्नातक, परास्नातक, शोधार्थी, अध्ययनरत व उक्त विषय में रूचि रखने वाले युवा इसमें हिस्सा ले सकते हैं।

‘वैश्विक बुद्ध एवं जातक कथाएं’ पर लगेगी राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी
डॉ. राठौर ने बताया कि ‘वैश्विक बुद्ध एवं जातक कथाएं’ विषयक राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी भी 8 से 17 मई तक चलेगी। इसमें भी 18 वर्ष से ऊपर के कलाकार हिस्सा ले सकेंगे। कलाकारों को प्रदर्शनी के लिए कलाकृतियां 30 अप्रैल तक गोरखपुर संग्रहालय में जमा करनी होंगी। ईमेल- gorakhpurmuseum@gmail.com पर 25 अप्रैल तक कलाकृति की फोटो प्रेषित की जा सकती है। यह कलाकृतियां चित्रकला/ग्राफिक कला, छायांकन कला व मूर्तिकला/सिरेमिक कला से जुड़ी होंगी। इनका हाई रेज्यूलेशन 300 डीपीआई में होना अनिवार्य है।

वाराणसी के प्रोफेसर को बनाया गया समन्वयक
प्रतिभागी कलाकारों को संस्कृति विभाग द्वारा प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया जाएगा। वहीं इस राष्ट्रीय प्रदर्शनी के समन्वयक की जिम्मेदारी डॉ. शशिकांत सिंह स्नातकोत्तर महाविद्यालय चिरईगांव के विभागाध्यक्ष सुरेश कुमार सौरभ को सौंपी गई है। बाहर से आने वाले कलाकारों को आवासीय, भोजन व ट्रेन टिकट का भुगतान भी कराया जाएगा।

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