वन विभाग की अनूठी पहल, पर्यावरण और पोषण को देगा बढ़ावा सहजन भण्डारा

A unique initiative of the Forest Department, Drumstick Bhandaar will promote environment and nutrition

  • वन विभाग प्रदेश स्तर पर विकसित कर रहा है सहजन के वन
  • सहजन या मुनगा को सुपर फूड की श्रेणी में रखा गया है
  • सहजन‌ के स्वास्थ्य वर्धक गुणों का प्रचार – प्रसार कर रहा है वन विभाग
  • पीएम, सीएम आवास और जीरो पावर्टी कार्यक्रम के लाभार्थी करेंगे दो-दो सहजन का रोपण
  • स्वास्थ्य और पोषण के साथ आय का भी स्रोत बनेगा सहजन भण्डारा

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण और हरित आवरण को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में 1 जुलाई से वन महोत्सव 2025 का शुभारंभ हो चुका है। इस महोत्सव के तहत प्रदेश में रिकॉर्ड 35 करोड़ पौधों का रोपण किया जाएगा। कार्यक्रम का उद्घाटन गोरखपुर में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया, जिसमें उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के महत्व को रेखांकित करते हुए इस अभियान को जन-जन तक पहुंचाने का आह्वान किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि यह अभियान न केवल पर्यावरण को संरक्षित करेगा, बल्कि प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य और समृद्धि को भी बढ़ावा देगा।इसी दिशा में काम करते हुए वन एवं वन्य जीव विभाग ने इस वर्ष सहजन भण्डारा अभियान चलाया है। जिसके पूरे प्रदेश में औषधीय गुणों से युक्त सहजन या मुनगा के पेड़ लगाए जाएंगे। जो एक ओर तो तेज़ी से विकसित हो कर प्रदेश में ग्रीन कवर को बढ़ावा देंगे साथ ही अपनी न्युट्रीशनल क्वालिटीज़ और औषधीय गुणों के उपयोग से कुपोषण दूर करने में भी सहायक सिद्ध होंगे।

वन विभाग विकसित कर रहा है सहजन भण्डारा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में इस वर्ष वन एवं वन्यजीव विभाग वन महोत्सव-2025 में रिकॉर्ड पौधरोपण के साथ विशिष्ट वनों का भी विकास कर रहा है। जिसके तहत सहजन भण्डारा के नाम से पूरे प्रदेश में सहजन (मुनगा या मोरिंगा) के पेड़ों का भण्डार विकसित किया जाएगा। सहजन के पेड़ को इसके पोषक तत्वों और औषधीय गुणों के कारण “सुपरफूड” के रूप में जाना जाता है। जो अपनी न्युट्रीशनल क्वालिटीज़ के कारण कुपोषण दूर करने और स्वास्थ्य वर्धन के लिए भी जाना जाता है।इसी आधार पर इस पहल का नारा है “स्वास्थ्य की धारा, सहजन भण्डारा”, जो सहजन के स्वास्थ्यवर्धक गुणों को रेखांकित करता है। सहजन की फली, पत्तियां और फूल प्रोटीन, विटामिन, और खनिजों से भरपूर होते हैं, जो कुपोषण से लड़ने और स्वास्थ्य सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

पोषण के साथ आय का भी स्रोत बनेगा सहजन भण्डारा

मुख्यमंत्री के विजन के तहत इस अभियान को सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित वर्गों तक पहुंचाने के लिए विशेष कदम उठाए गए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवासीय योजना और जीरो पावर्टी कार्यक्रम के लाभार्थियों को दो-दो सहजन के पेड़ रोपने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह कदम न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगा, बल्कि इन परिवारों को पोषण और आय का अतिरिक्त स्रोत भी प्रदान करेगा। सहजन के फूल,पत्ती और फली से की तरह के सुपर फूड और औषधीयों का निर्माण होता है। इनकी बिक्री से ये परिवार आय भी अर्जित कर सकेंगें। सहजन का पेड़ जल्दी तैयार होने के कारण कम समय में उपयोगी साबित होता है। इससे न केवल प्रदेश का ग्रीन कवर एरिया बढ़ेगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।

सहजन के गुण और महत्व का किया जा रहा है प्रचार

वन महोत्सव के तहत सहजन के गुणों और महत्व का व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है। विभाग द्वारा जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, जिसमें सहजन की फली, पत्तियों और फूलों के औषधीय और पोषण संबंधी लाभों को जनता तक पहुंचाया जा रहा है। सहजन को भोजन में शामिल करने से कुपोषण, खासकर बच्चों और गर्भवती महिलाओं में, को कम करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, सहजन के पेड़ों की खेती पर्यावरण के लिए भी वरदान है, क्योंकि यह कम पानी और देखभाल में तेजी से बढ़ता है।

पर्यावरण संरक्षण के साथ कुपोषण भी दूर करेगा सहजन भण्डारा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में वन विभाग की ओर चलाया जा रहा सहजन भण्डारा अभियान न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य और समृद्धि का आधार भी बनेगा। वन विभाग इस संबंध में कई जागरूकता अभियान चलाये हैं साथ ही सभी नागरिकों से इस अभियान में सक्रिय भागीदारी की अपील की है। वन महोत्सव 2025 के तहत विभिन्न प्रजातियों के पेड़ों के साथ-साथ विशिष्ट वनों की स्थापना पर भी ध्यान दिया जा रहा है, जो उत्तर प्रदेश को हरित और स्वस्थ बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा। इस अभियान के तहत स्कूलों, कॉलेजों, और सामुदायिक संगठनों को भी पौधरोपण के लिए प्रेरित किया जा रहा है। यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि सामाजिक जागरूकता और सामुदायिक भागीदारी को भी बढ़ावा दे रही है।

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