पीएम जनमन से स्वयं का मकान का कमार सदस्य पुनिया बाई का सपना हुआ पूरा

With PM Janman, the dream of Kamar member Punia Bai of Swayam Makan came true

रक्षा-राजनीती नेटवर्क

रायपुर : विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों को मूलभूत सुविधाओं का लाभ दिलाने योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री जनमन योजना विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का सीधा-सीधा लाभ इन समुदाय के लोगों को मिल रहा है। विशेष रूप से प्रधानमंत्री जनमन योजना से कमार जनजाति सदस्यों को बिजली, पानी, आवास एवं अन्य सुविधाओं से लाभान्वित किया जा रहा है। इसी कड़ी में गरियाबंद जिले के ग्राम सोहागपुर की रहने वाली श्रीमती पुनियाबाई को पक्के आवास का लाभ मिल गया है। उनका स्वयं का पक्का मकान होने का सपना अब पूरा हो गया है। उन्हें गर्मी, बरसात और सर्दी के मौसम में मकान से संबंधित समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि आवास निर्माण में कार्य करने पर मनरेगा के तहत उन्हें 95 मानव दिवस मजदूरी का भुगतान भी किया गया है।

गरियाबंद जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत कस अंतर्गत ग्राम सोहागपुर की श्रीमती पुनिया बाई कमार एक बहुत ही गरीब और विशेष पिछड़ी जनजाति परिवार की महिला है। जो कि कच्चे खपरैल वाले मकान में अपने बेटा बहू के साथ रह रही थी। श्रीमती पुनिया बाई बताती है कि पुराने मिट्टी के घर में बरसात के मौसम में ऊपर से पानी टपकने लगता था और ठंड के दिनों में काफी परेशानी होती थी। पूरी रात परिवार को जागते हुए बिताना पड़ता था। साथ ही साल भर जहरीले कीड़े, सांप, बिच्छू इत्यादि का डर बना रहता था। परिवार में आमदनी का स्रोत नही होने के कारण आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय थी। जिससे अपना स्वयं का पक्का मकान बनाने में सक्षम नही थे। श्रीमती पुनिया बाई कमार ने आगे कहा कि हर व्यक्ति का सपना होता है, कि उसका एक अपना पक्का मकान हो। जिसमे वह अपने परिवारजनो के साथ सुकून से जीवन यापन कर सके लेकिन खराब आर्थिक स्थिति के कारण हर किसी का यह सपना साकार नही हो पाता। गरीब असहाय के सपने को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना वरदान साबित हुई। आज हम बहुत खुश है हमारा स्वयं का पक्का मकान बन गया है। इसके लिए हम परिवार सहित प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार व्यक्त करते है।

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