फिर बाहर निकला स्मारक घोटाले का जिन्न आईएएस सहित कई को ईडी ने किया तलब

The genie of the memorial scam came out again. ED summoned many people including IAS

अजय कुमार

लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी की सरकार के समय वर्ष 2007 में हुए 14 अरब रूपये के स्मारक घोटाले का जिन्न एक बार फिर बाहर निकल आया है। अब इस घोटोले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व आईएएस मोहिंदर सिंह और रामबोध मौर्य को पूछताछ के लिए तलब किया है। इसके अलावा उप्र राजकीय निर्माण निगम के पूर्व प्रबंध निदेशक सीपी सिंह और स्मारकों के लिए पत्थरों की आपूर्ति करने वाले मार्बल कारोबारियों को भी पूछतांछ के लिये बुलाया गया है।

बता दें 2007 में स्मारकों के निर्माण के दौरान मोहिंदर सिंह प्रमुख सचिव आवास के पद पर तैनात थे। उनकी अध्यक्षता में स्मारकों के पत्थरों के दाम तय करने वाली समिति बनी थी। जिसमें लोक निर्माण विभाग के तत्कालीन प्रमुख अभियंता त्रिभुवन राम, निर्माण निगम के एमडी सीपी सिंह और खनन विभाग के संयुक्त निदेशक सुहैल अहमद फारूकी सदस्य थे। समिति ने दाम तय करने के साथ पट्टाधारकों का कंसोर्टियम बनाकर पत्थरों की आपूर्ति समेत कई अहम फैसले लिए थे। वहीं, रामबोध मौर्य भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के निदेशक थे। उनके खिलाफ विजिलेंस ने स्मारक घोटाले में आरोप पत्र भी दाखिल किया था। अब ईडी मोहिंदर, रामबोध और सीपी सिंह से पूछताछ करके घोटाले के असली सफेदपोशों का पता लगाएगी।

पूर्व आईएएस मोहिंदर सिंह को 16 अक्टूबर को एवं सीपी सिंह को 17 अक्टूबर तो रामबोध मौर्य को 18 अक्टूबर को तलब किया गया है। मार्बल कारोबारी आदित्य अग्रवाल को 15 अक्टूबर को बुलाया गया है। इस प्रकरण में ईडी अब घोटाले के आरोपियों में शामिल पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी और बाबू सिंह कुशवाहा पर भी शिकंजा कसने की कवायद में है। वहीं विजिलेंस ने भी स्मारक घोटाले में मोहिंदर सिंह को अगले हफ्ते आने के लिए दोबारा समन भेजा है। मोहिंदर सिंह पर आरोप है कि उन्होंने बिना किसी प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति के स्मारकांें के निर्माण के लिए करोड़ो रूपये की धनराशि दी और उसमें क्या काम कराया गया।

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