भारत की क्षमता, जर्मनी की सटीक अभियांत्रिकी संयुक्त रूप से विश्व को लाभान्वित करेगी: पीयूष गोयल

India's capability, Germany's precision engineering will jointly benefit the world: Piyush Goyal

  • एआई, सेमीकंडक्टर और हरित प्रौद्योगिकी अपनाने में भारत-जर्मनी का तालमेल वैश्विक विकास को गति देगा: श्री पीयूष गोयल
  • भारत जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है, राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है: श्री गोयल
  • एशिया का जनसांख्यिकीय बदलाव, विस्तार करने और उभरते क्षेत्रों में पूंजी लगाने के इच्छुक व्यवसायों के लिए लाभप्रद भूमि है: श्री गोयल

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

नई दिल्ली : केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि जर्मनी की सटीक अभियांत्रिकी कला और भारत की भौतिक, डिजिटल अथवा सामाजिक बुनियादी ढांचे में विस्तार करने की क्षमता दुनिया के लिए कुछ असाधारण मानदंड स्थापित करने में सहायता करेगी। श्री पीयूष गोयल ने आज नई दिल्ली में जर्मन बिजनेस के 18वें एशिया प्रशांत सम्मेलन (एपीके) के उद्घाटन के दौरान यह विचार व्यक्त किए। भारत-जर्मनी सहयोग पर अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एआई अपनाने से लेकर सेमीकंडक्टर तक, देश के जीवंत स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के साथ-साथ हरित प्रौद्योगिकी पर सहयोग करने तक, भारत और जर्मनी के बीच तालमेल अभूतपूर्व विकास को गति दे सकता है।

उन्होंने कहा कि आज का भारत मजबूत मैक्रोइकॉनोमिक बुनियादी ढांचे पर स्थापित है, उन्होंने कहा कि भारत में दुनिया भर के व्यवसायों के लिए भविष्य में सुधार, उदारता और तत्परता उपलब्ध है। जलवायु परिवर्तन से निपटने के बारे में, श्री गोयल ने 2015 में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सीओपी21) में भारत की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए कहा कि भारत सामूहिक रूप से वैश्विक दक्षिण के साथ विकसित देशों के साथ मिलकर समाधान का अंग बन चुका है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (सीसीपीआई) में 7वें स्थान पर मौजूद भारत, राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) और दुनिया के सामने रखे गए लक्ष्यों को पार करने के मार्ग पर है।

कार्यक्रम के आयोजन के लिए जर्मन बिजनेस की एशिया प्रशांत समिति और इंडो-जर्मन चैंबर ऑफ कॉमर्स का आभार व्यक्त करते हुए श्री गोयल ने कहा कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में दुनिया की 60 प्रतिशत आबादी रहती है और 2030 तक वैश्विक मध्यम वर्ग का दो-तिहाई हिस्सा एशिया में रहेगा। यह जनसांख्यिकीय बदलाव व्यवसायों के लिए लाभकारी स्थिति प्रस्तुत करता है। उन्होंने कहा कि कंपनियां अपनी पहुंच बढ़ाएंगी और उभरते क्षेत्रों का लाभ उठाएंगी।

श्री गोयल ने कहा कि यह सम्मेलन उभरते रुझानों की पहचान करने और वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि यह सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करता है, तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देता है और भविष्य के औद्योगिक विकास के लिए नीतियों को आकार देता है। केंद्रीय मंत्री ने उम्मीद जताई कि भारत और जर्मनी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत कर सकते हैं और इस सहयोग को दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं और नागरिकों के लिए वास्तविक विकास में बदल सकते हैं।

जर्मन दार्शनिक आर्थर स्कोपेनहावर की उक्ति “उपनिषदों को पढ़ना मेरे जीवन को सुखदायक बनाता है” को उद्धृत करते हुए श्री गोयल ने उस प्राचीन ज्ञान की भावना के अनुरूप सभी प्रतिभागियों से विशेष रूप से दिवाली से लेकर क्रिसमस और नए वर्ष तक के त्यौहार के मौसम में भारत की संस्कृति और विविधता की समृद्धि को अपनाने का आग्रह किया।

श्री गोयल ने अपने भाषण का समापन रवींद्रनाथ टैगोर के एक उद्धरण के साथ किया, “उच्चतम स्तर की तरफ बढ़े, क्योंकि क्षमताएं आपके भीतर छिपी हैं। बड़े सपने देखें, क्योंकि हर सपना लक्ष्य से पहले देखा जाता है”। उन्होंने प्रतिभागियों से ऐसे भविष्य निर्माण का भी आग्रह किया जहां उत्पाद बनाए जाएं, उद्योगों का नेतृत्व किया जाए और ऐसे नवाचारों का बीड़ा उठाया जाए, जो दुनिया के हर कोने तक अपनी पहुंच बनाए।

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