रक्षा मंत्री ने नए डीपीएसयू की भूमिकाओं और कार्यों पर रक्षा मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति की बैठक की अध्यक्षता की

Defense Minister chairs the meeting of the Consultative Committee of the Ministry of Defense on the roles and functions of the new DPSU

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा मंत्रालय (एमओडी) की परामर्शदात्री समिति की बैठक नई दिल्ली में संपन्न हुई। बैठक के दौरान पूर्ववर्ती आयुध निर्माणी बोर्ड के निगमीकरण के बाद बनाए गए नए डीपीएसयू की भूमिका और कार्यों पर विचार-विमर्श किया गया। समिति के सदस्यों को वित्तीय आंकड़ों, आधुनिकीकरण, पूंजीगत व्यय, निर्यात, विकसित किए गए नए उत्पादों और चल रहे अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं से अवगत कराया गया।

रक्षा मंत्री ने महत्वपूर्ण उत्पादों के स्वदेशीकरण, उत्पादन सुविधाओं के आधुनिकीकरण और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को बढ़ावा देने में नए डीपीएसयू द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इस तथ्य की सराहना की कि निगमीकरण के बाद नए डीपीएसयू ने उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार किया है। उन्होंने कहा कि बहुत कम समय में इन रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (डीपीएसयू) की बिक्री और लाभ में अच्छी प्रगति हुई है।

श्री राजनाथ सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि नए डीपीएसयू आधुनिकीकरण और स्वदेशीकरण को आगे बढ़ाएंगे तथा विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकियों को शामिल करके गुणवत्ता, कारोबार, लाभप्रदता और अन्य वित्तीय मापदंडों में नए आयाम स्थापित करेंगे। उन्होंने कहा, “हमारे नए डीपीएसयू रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में भारत को ‘आत्मनिर्भर’ बनाएंगे।”

नए रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में मानव संसाधन से संबंधित कुछ मुद्दों पर समिति के कुछ सदस्यों की चिंताओं और सुझावों पर रक्षा मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि डीपीएसयू के निगमीकरण से उत्पन्न सभी मुद्दों को सभी हितधारकों के परामर्श से पर्याप्त रूप से संबोधित किया जा रहा है। उन्होंने सुझावों की सराहना की और कहा कि कार्यान्वयन के लिए इनकी जांच की जाएगी।

बैठक में रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, सचिव (रक्षा उत्पादन) श्री संजीव कुमार और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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