प्रयागराज महाकुम्भ ने भर दी संगम में मुंडन संस्कार करने वाले नाई समाज की झोली, अधूरे सपने अब होंगे पूरे

Prayagraj Maha Kumbh has filled the pockets of the barber community who perform the tonsure ceremony at Sangam, unfulfilled dreams will now be fulfilled

  • महाकुम्भ के दिव्य और भव्य आयोजन से संगम के तट के नाई समाज की आय हुई तिगुनी
  • संगम तट से जुड़ी है नाई समाज के 3460 परिवारों की जीविका
  • प्रांतीय नाई ठाकुर सुधारक सभा ने महा कुम्भ के भव्य और दिव्य आयोजन के लिए योगी सरकार का जताया आभार

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

प्रयागराज : प्रयागराज महाकुम्भ आस्था के साथ आर्थिकी का संगम भी साबित हुआ है। महा कुम्भ में सेवाएं देने वाले समाज के सभी वर्गों को महाकुम्भ 2025 ने किसी न किसी रूप में कुछ न कुछ मिला है जिससे उनकी जिंदगी अब बेहतर हो रही है। संगम किनारे मुंडन संस्कार करने नाई समाज के हजारों परिवारों को इससे नई ताकत मिली है।

महाकुम्भ के आयोजन ने भर दी नाई समाज की झोली
प्रयागराज महाकुम्भ में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आगमन ने इतिहास रच दिया। इतनी बड़ी आबादी के प्रयागराज पहुंचने से महाकुम्भ क्षेत्र में सेवा देने वाले सभी वर्गों और समाज को फायदा हुआ। महाकुम्भ में घाट के किनारे सेवा देने वालों में नाविकों और तीर्थ पुरोहितों के अलावा यहां का वह नाविक समाज भी है जिसकी रोजी रोटी इन्ही घाटों से होने वाली कमाई से होती है। श्रद्धालुओं के मुंडन संस्कार से मिलने वाले पैसे से ही इनके परिवार पलते हैं। संगम के किला घाट के पास मुंडन संस्कार करने वाले नाई राम पाल शर्मा का कहना है कि महा कुम्भ ने उन्हें इतना दिया है जितना वह कभी सोच भी नहीं सकते थे। महाकुम्भ के पहले आम दिनों में उन्हें संगम किनारे मुंडन संस्कार से 400 से 500 रुपए रोज मिल जाते थे लेकिन महा कुम्भ में ऐसा कोई दिन नहीं गया जब वह यहां से डेढ़ से दो हजार रुपए कमा कर न गए हों। इस पैसे से अब उनके घर में अधूरे पड़े काम पूरे हो सकेंगे। महाकुम्भ के सेक्टर 3 में नाई बाड़े में सुबह से शाम तक व्यस्त रहने वाले शिवराज शर्मा का कहना है कि सभी नाई समाज के लोग गदगद हैं। श्रद्धालुओं ने उन्हें दोनों हाथों से दिल खोलकर दिया है।

नाई समाज के 3460 परिवारों की जिंदगी बदली
प्रयागराज के संगम तट के विभिन्न घाटों पर तीर्थ पुरोहितों के साथ ही नाई समाज के लोग भी उनसे संबद्ध रहते हैं। इसके अलावा स्वतंत्र रूप से भी इस समाज के लोग बांध रोड के नीचे से अपनी सेवाएं देते हैं। प्रांतीय नाई ठाकुर सुधारक सभा के उपाध्यक्ष राम कुमार शर्मा बताते हैं कि संगम के इन घाटों से 3460 नाई समाज के परिवारों की जीविका जुड़ी हुई है। इस महाकुम्भ में नाई समाज के लिए अलग से सेक्टर 3 में नाई बाड़ा बनवाया गया था जिसमें पूरे दिन समाज के लोगों को काम मिला। इसके अलावा महाकुम्भ में अखाड़ों ने जो 5000 से अधिक नए नागा संन्यासियों को दीक्षा दी, उनके मुंडन संस्कार के लिए नाई समाज को काम मिला। इससे उन्हें सबसे अधिक आमदनी हुई। इसी सभा के अध्यक्ष राम भवन शर्मा का कहना है कि महा कुम्भ में अधिक भीड़ और ट्रैफिक की कुछ अड़चन आई लेकिन नाई समाज बहुत खुश है। सामान्य दिनों की तुलना में महाकुम्भ में तीन गुना कमाई हमारे समाज ने की है। समाज की जिंदगी बदल गई ।योगी महराज जैसा कुंभ करा दिया वैसा कभी सोचना भी मुश्किल है।

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