समर कैंप में निखरेंगी परिषदीय स्कूलों के बच्चों की प्रतिभा

Talent of children of council schools will shine in summer camp

  • योगी सरकार परिषदीय स्कूलों के बच्चों के समग्र विकास के लिए समर कैंप का करेगी आयोजन
  • समर कैंप में खेल-खेल में पढ़ाई के साथ ही एक्स्ट्रा एक्टिविटीज में भी पारंगत हो सकेंगे छात्र
  • सीएम योगी के मार्गदर्शन में बेसिक शिक्षा विभाग गर्मी की छुट्टियों में समर कैंप का करेगा आयोजन
  • चुनिंदा विद्यालयों में चलाए जाएंगे समर कैंप, बच्चों को खेल के साथ ही कई अन्य गतिविधियों से जोड़ा जाएगा
  • सीएम योगी के निर्देश पर प्रातः काल शुरू होगा समर कैंप, बच्चों की स्किल्स में होगा गुणात्मक सुधार

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों के बच्चे अब गर्मी की छुट्टियों में समर कैंप के जरिए खेल-खेल में पढ़ाई के साथ ही एक्स्ट्रा एक्टिविटीज से जुड़ सकेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में बेसिक शिक्षा विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। 20 मई से 15 जून के बीच चुनिंदा विद्यालयों में समर कैंप आयोजित किए जाएंगे, जहां बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ खेलों, स्किल और नई-नई गतिविधियों से जोड़ा जाएगा।

सीएम योगी के निर्देश पर समर कैंप सुबह के समय शुरू होंगे और डेढ़ घंटे तक चलेंगे। इस दौरान बच्चों के समग्र विकास के लिए आनंददायक और रचनात्मक गतिविधियों पर जोर दिया जाएगा। शिक्षा मित्र, अनुदेशक और शिक्षकों की देखरेख में कैंप का संचालन होगा, जिसमें एनजीओ और स्नातक वालंटियर्स भी सहयोग करेंगे।

पोषण के साथ सीखने का अनूठा अनुभव
कैंप में बच्चों को खानपान की सुविधा भी मिलेगी। सप्लीमेंट्री न्यूट्रीशन के तहत गुड़ चिक्की, बाजरे का लड्डू, रामदाना लड्डू, गुड़-चना और लैया पट्टी जैसी पौष्टिक चीजें उपलब्ध कराई जाएंगी। इसका उद्देश्य बच्चों को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखते हुए सीखने के लिए प्रेरित करना है।

इन गतिविधियों से होगा बच्चों का विकास
समर कैंप में फाउंडेशनल लिट्रेसी और न्यूमेरेसी (एफएलएन) पर आधारित गतिविधियों के साथ-साथ जीवन कौशल, व्यक्तित्व विकास, योग, खेलकूद, विज्ञान-तकनीक आधारित प्रयोग, कला-सांस्कृतिक कार्यक्रम और पर्यावरण जागरूकता जैसे विषय शामिल होंगे। यह बच्चों को नई दिशा देने का एक सुनहरा अवसर होगा।

200 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित
योगी सरकार ने इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए 200 करोड़ रुपये के व्यय का अनुमान लगाया है। यह पहल न केवल बच्चों के शैक्षिक विकास को बढ़ावा देगी, बल्कि उनकी छिपी प्रतिभाओं को निखारने में भी मददगार साबित होगी।

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