किसान योजनाओं के लाभार्थी मात्र नहीं, उत्तर प्रदेश के विकास के भागीदार बनेंगे: मुख्यमंत्री

Farmers will not just be beneficiaries of schemes, they will become partners in the development of Uttar Pradesh: Chief Minister

  • खाद्यान्न उत्पादन में यूपी ने किया उल्लेखनीय इज़ाफ़ा, आठ वर्षों में 167.66 लाख मीट्रिक टन की वृद्धि
  • मुख्यमंत्री का निर्देश, बीजों की जलवायु आधारित रणनीति और प्रमाणन की व्यवस्था हो, किसानों को मिले गुणवत्तापूर्ण बीज
  • चौधरी चरण सिंह सीड पार्क की स्थापना जल्द, बीज क्षेत्र में आएगी नई क्रांति
  • कृषि यंत्रों पर सब्सिडी योजना को बनाये और पारदर्शी, विकास खंडवार संतुलन आवश्यक: मुख्यमंत्री
  • मुख्यमंत्री का निर्देश, ‘श्री अन्न’ और प्राकृतिक खेती को दें और अधिक प्रोत्साहन, प्रमाणीकरण की पुख्ता व्यवस्था के भी निर्देश
  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से मिल रही है 2.81 करोड़ किसानों को सहायता
  • नवाचार, तकनीक और अनुसंधान संस्थाओं की सक्रिय भागीदारी से होगा कृषि क्षेत्र का पुनरुत्थान: मुख्यमंत्री

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उत्तर प्रदेश का किसान केवल योजनाओं का लाभार्थी मात्र नहीं रहेगा, बल्कि प्रदेश के समग्र विकास का सक्रिय भागीदार बनेगा। उन्होंने कहा कि “नए भारत के नए उत्तर प्रदेश में कृषि केवल जीविका नहीं, बल्कि समृद्धि और आत्मनिर्भरता का आधार बनेगी।”

रविवार को कृषि विभाग की समीक्षा बैठक में कृषि सेक्टर की अद्यतन स्थिति पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के कुल कृषि क्षेत्र का 11.41% हिस्सा उत्तर प्रदेश में है, लेकिन खाद्यान्न उत्पादन में प्रदेश की हिस्सेदारी 20.89% है, जो किसानों की मेहनत और सरकार की प्रभावी नीतियों का प्रमाण है। 2016-17 में जहाँ खाद्यान्न उत्पादन 557.46 लाख मीट्रिक टन था, वह 2024-25 में बढ़कर 725.12 लाख मीट्रिक टन से अधिक हो गया है। इसी अवधि में दलहन और तिलहन उत्पादन में दोगुने से अधिक वृद्धि दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री ने इस उपलब्धि को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का संकल्प दोहराया।

बीज की गुणवत्ता और उपयुक्तता पर विशेष जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जलवायु क्षेत्रों (क्लाइमेटिक ज़ोन) के अनुसार बीज विकसित किए जाएं। उन्होंने अगैती व पछेती बोआई के लिए अलग-अलग बीज तैयार कराने, प्रमाणीकरण सुनिश्चित करने और किसानों को रियायती दर पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम द्वारा किसानों से बीज खरीद की धनराशि बढ़ाने और संसाधित बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करने को भी कहा। लखनऊ में प्रस्तावित चौधरी चरण सिंह बीज पार्क की स्थापना को तत्काल प्रारंभ करने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने इसे बीज क्षेत्र में क्रांति का आधार बताया।

उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद जैसे संस्थानों के अधिकतम उपयोग की आवश्यकता जताते हुए मुख्यमंत्री ने तकनीक आधारित कृषि नवाचारों को गति देने का आह्वान किया।

कृषि यंत्रों पर मिलने वाली सब्सिडी की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों से आवेदन लेने से पूर्व व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। चयन प्रक्रिया में यह सुनिश्चित किया जाए कि अधिकाधिक विकास खंडों के किसान लाभान्वित हों।

‘श्री अन्न’ को लेकर विशेष उत्साह जताते हुए मुख्यमंत्री ने इसके प्रोत्साहन और प्रोक्योरमेंट की व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाने के निर्देश दिए। प्राकृतिक खेती के प्रसार को लेकर भी उन्होंने गम्भीरता जताई और कहा कि जैविक उत्पादों के प्रमाणीकरण की प्रभावी व्यवस्था विकसित की जाए, जिससे किसानों को बेहतर बाजार मूल्य मिल सके।

बैठक में यह जानकारी दी गई कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत अब तक 2.81 करोड़ किसान लाभान्वित हो चुके हैं। मुख्यमंत्री ने इसे किसान कल्याण में पारदर्शिता और सुशासन का जीवंत उदाहरण बताया।

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