DRDO और नौसेना ने स्वदेशी बहुउद्देश्यीय सुरंग का सफल परीक्षण किया

DRDO and Navy successfully test indigenous multi-purpose tunnel

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन और भारतीय नौसेना ने स्वदेशी बहुउद्देश्यीय-प्रभावकारी जमीनी सुरंग का कम विस्फोटक के साथ युद्धक गोलाबारी हेतु सफल संचालन किया

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय नौसेना ने स्वदेशी रूप से डिजाइन तथा विकसित स्वदेशी बहुउद्देश्यीय-प्रभावकारी जमीनी सुरंग (एमआईजीएम) की युद्धक गोलाबारी (कम विस्फोटक के साथ) सफलतापूर्वक की है। यह प्रणाली पानी के भीतर एक उन्नत किस्म की नौसैन्य बारूदी सुरंग है, जिसे विशाखापत्तनम स्थित नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला द्वारा अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं – हाई एनर्जी मटेरियल्स रिसर्च लेबोरेटरी, पुणे तथा टर्मिनल बैलिस्टिक्स रिसर्च लेबोरेटरी, चंडीगढ़ के सहयोग से विकसित किया गया है।

एमआईजीएम को आधुनिक जंगी जहाजों और पनडुब्बियों के विरुद्ध भारतीय नौसेना की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। भारत डायनामिक्स लिमिटेड, विशाखापत्तनम और अपोलो माइक्रोसिस्टम्स लिमिटेड, हैदराबाद इस प्रणाली के उत्पादन साझेदार हैं।

रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, भारतीय नौसेना व रक्षा उद्योग जगत की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रणाली भारतीय नौसेना की समुद्री युद्धक क्षमताओं को और सशक्त बनाएगी।

रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग के सचिव तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने कहा कि इस सफल परीक्षण के साथ ही यह प्रणाली अब भारतीय नौसेना में शामिल होने के लिए तैयार है।

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