यूपी में फार्मा उद्योग को मिली नई उड़ान, सिंगल विंडो पोर्टल बना गेम-चेंजर

Pharma industry gets a new flight in UP, single window portal becomes a game-changer

  • सीएम योगी के मार्गदर्शन में बना सिंगल विंडो पोर्टल, फार्मा इंडस्ट्री में जारी हुए 1 लाख 70 हजार से अधिक लाइसेंस
  • फार्मा इंडस्ट्री में विनिर्माण और विक्रय प्रतिष्ठानों में हुआ लगभग 2,845 करोड़ रुपए का निवेश
  • फार्मा इंडस्ट्री ने पिछले तीन सालों में हुये निवेश से मिला 70 हजार से अधिक लोगों को रोजगार
  • यूपी फार्मास्युटिकल एवं चिकित्सा उपकरण नीति 2023 के लागू होने से मिली 3.89 करोड़ रुपए की स्टांप ड्यूटी पर छूट
  • सीएम योगी आदित्यनाथ की नीतियों से फार्मा इंडस्ट्री में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में हुई वृद्धि, बढ़ा निवेश और रोजगार

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में शुरू किया गया ‘निवेशमित्र’ सिंगल विंडो पोर्टल, फार्मास्युटिकल उद्योग के लिए वरदान साबित हो रहा है। इस पेपरलेस ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से फार्मा इंडस्ट्री में अब तक 1,71,404 लाइसेंस जारी किए गए हैं, जिससे प्रदेश में फार्मा उद्योग को अभूतपूर्व गति मिली है। साथ ही उत्तर प्रदेश फार्मास्युटिकल एवं चिकित्सा उपकरण नीति, 2023 के लागू होने और केंद्रीय औषधि मानक संगठन के समन्वयन से प्रदेश के फार्मा उद्योग में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में वृद्धि हुई है। सीएम योगी की इस पहल ने यूपी के फार्मा उद्योग में न केवल निवेश को बढ़ावा दिया है, बल्कि रोजगार सृजन को भी नया आयाम दिया है।

सीएम योगी के मार्गदर्शन में बना सिंगल विंडो पोर्टल, फार्मा इंडस्ट्री में जारी हुए 1 लाख 70 हजार से अधिक लाइसेंस
उत्तर प्रदेश में फार्मास्युटिकल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में निवेश मित्र सिंगल विंडो पोर्टल और उत्तर प्रदेश फार्मास्युटिकल एवं चिकित्सा उपकरण नीति, 2023 को लागू किया गया। जिसके परिणाम स्वरूप प्रदेश में फार्मा क्षेत्र में न केवल निवेश को प्रोत्साहन मिला है साथ ही विनिर्माण और रोजगार सृजन में भी वृद्धि मिली है।

सिंगल विंडो पोर्टल के जरिए पेपरलेस आनलाइन माध्यम से फार्मा उद्योग में पिछले तीन वर्षों में लगभग 2,845 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है, जिसमें विनिर्माण, रक्त केंद्रों और औषधि विक्रय प्रतिष्ठानों का योगदान शामिल है। जिसके तहत वर्ष 2022-23 से 2024-25 के बीच विनिर्माण क्षेत्र में 167 इकाइयों की स्थापना के साथ लगभग 3,340 रोजगार सृजित हुए। रक्त केंद्रों में 195 इकाइयों के साथ औषधि विक्रय प्रतिष्ठानों की 32,475 इकाइयों की स्थापना के साथ क्रमशः 1,365 और 64,995 रोजगार सृजित हुए।

यूपी फार्मास्युटिकल एवं चिकित्सा उपकरण नीति 2023 के लागू होने से मिली 3.89 करोड़ रुपए की स्टांप ड्यूटी पर छूट

सीएम योगी के मार्गदर्शन में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की ओर से बनाई गई उत्तर प्रदेश फार्मास्युटिकल एवं चिकित्सा उपकरण नीति, 2023 के लागू होने से प्रदेश में फार्मा उद्योग को और बल मिला। इस नीति के तहत प्रदेश में सरकार की ओर से फार्मा इंडस्ट्री को लगभग 3.89 करोड़ रुपये की स्टांप ड्यूटी में छूट प्रदान की गई, जिसने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया। परिणाम स्वरूप प्रदेश में फार्मा इंडस्ट्री की विनिर्माण इकाईयों के साथ, विक्रय प्रतिष्ठानों की स्थापना में निवेश में वृद्धि हुई। साथ ही, केंद्र सरकार के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के साथ समन्वय स्थापित कर ऑनलाइन नेशनल ड्रग लाइसेंसिंग सिस्टम (ओएनडीएलएस) पोर्टल को भी लागू किया गया। यह पोर्टल औषधि, कॉस्मेटिक्स और रक्त केंद्रों से संबंधित लाइसेंस जारी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

सीएम योगी आदित्यनाथ की नीतियों के परिणामस्वरू उत्तर प्रदेश में फार्मा उद्योग में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा मिला है। यह पहल न केवल फार्मा उद्योग को नई ऊंचाइयों तक ले जा रही है, बल्कि राज्य की आर्थिक समृद्धि और रोजगार सृजन में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।

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