उत्तर प्रदेश को ऊर्जा क्षेत्र में ऐतिहासिक सौगात, बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा प्रदेश

Uttar Pradesh gets a historic gift in the energy sector, the state moves towards self-sufficiency in power generation

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कानपुर से उत्तर प्रदेश को दिया 44,000 करोड़ से अधिक की तापीय परियोजनाओं का उपहार
  • योगी सरकार की दूरदृष्टि और पीएम मोदी के नेतृत्व में यूपी बना ऊर्जा क्षेत्र का अगुवा, परियोजनाओं से प्रदेश में 24.89% उत्पादन क्षमता की होगी वृद्धि
  • सुपरक्रिटिकल तकनीक, पर्यावरणीय संतुलन, रोजगार सृजन और किसानों से लेकर उद्योग तक हर क्षेत्र को मिलेगा सीधा लाभ
  • यह ऊर्जा विस्तार आने वाले वर्षों में हर घर में रोशनी, हर खेत में बिजली और हर युवा को अवसर देने का बनेगा आधार

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

कानपुर/लखनऊ: उत्तर प्रदेश को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में शुक्रवार को एक नया इतिहास रचा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कानपुर में प्रदेश को 44,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली तापीय विद्युत परियोजनाओं की सौगात दी। इन परियोजनाओं से प्रदेश में न सिर्फ 24.89% उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि इससे औद्योगिक, कृषि और सामाजिक विकास को नई ऊर्जा मिलेगी। इन परियोजनाओं से प्रदेश की उत्पादन क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि होगी, जो प्रदेश की बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति में अहम योगदान देगा। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश अब ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि उत्पादक राज्य के रूप में उभर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की सौगात और योगी सरकार की सतत ऊर्जा नीति ने प्रदेश को विकास की नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर किया है। आने वाले वर्षों में यह ऊर्जा विस्तार हर घर में रोशनी, हर खेत में बिजली और हर युवा को अवसर देने का आधार बनेगा।

बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना यूपी
इन तापीय परियोजनाओं के शुभारंभ से प्रदेश को बड़े लाभ होंगे। सबसे महत्वपूर्ण लाभ बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को लेकर होगा। 2017 तक उत्तर प्रदेश की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 15,916 मेगावाट थी। योगी सरकार ने इसे बढ़ाकर 24,868 मेगावॉट तक पहुंचा दिया है और इस वर्ष के अंत तक यह क्षमता 27,184 मेगावॉट हो जाएगी। सभी नई परियोजनाओं में सुपरक्रिटिकल तकनीक का उपयोग किया गया है, जिससे कम कोयले में ज्यादा बिजली बनती है। इससे कार्बन उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी आई है और पर्यावरण संरक्षण को बल मिला है।

राजस्व में होगी उल्लेखनीय वृद्धि
इन परियोजनाओं से प्रदेश के राजस्व में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी। नई परियोजनाओं से उत्पादित बिजली का 75.11% हिस्सा उत्तर प्रदेश में और 24.89% असम को भेजा जाएगा। इससे प्रदेश को राजस्व प्राप्त होगा और ऊर्जा वितरण में संतुलन बनेगा। इसका लाभ हर वर्ग को मिलेगा। बिजली आपूर्ति की मजबूती से कृषि कार्यों, घरेलू उपभोक्ताओं और औद्योगिक इकाइयों को सीधा लाभ मिलेगा। सिंचाई सस्ती होगी, फैक्ट्रियों का उत्पादन बढ़ेगा और घरों में निर्बाध बिजली उपलब्ध होगी।

रोजगार सृजन और क्षेत्रीय विकास
इन परियोजनाओं के निर्माण और संचालन से हजारों युवाओं को रोजगार मिला है। साथ ही इन परियोजना क्षेत्रों में सड़क, जल, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे आधारभूत ढांचे का भी विकास हो रहा है। आगामी 10 वर्षों के लिए योगी सरकार ने 10,795 मेगावाट तापीय ऊर्जा और 28,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन की व्यापक योजना बनाई है। इससे न केवल प्रदेश ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होगा, बल्कि यह राष्ट्रीय ऊर्जा आपूर्ति का एक मजबूत स्तंभ भी बनेगा।

योगी सरकार की ऊर्जा क्षेत्र में उपलब्धियां
🔹 1 करोड़ 78 लाख से अधिक विद्युत संयोजन निर्गत

🔹 1,21,324 मजरों का विद्युतीकरण

🔹 13 बड़े तापीय बिजली घरों पर काम शुरू (18,040 मेगावाट क्षमता)

🔹 9,000 मेगावाट के संयंत्र पहले ही चालू

ऊर्जा उत्पादन में अभूतपूर्व विस्तार
🔹 जवाहरपुर तापीय परियोजना (2×660 मेगावाट) – ₹14,628 करोड़

🔹 घाटमपुर तापीय विद्युत परियोजना (1×660 मेगावाट) – ₹9,300 करोड़+

🔹 पनकी तापीय विस्तार परियोजना (1×660 मेगावाट) – ₹8,300 करोड़+

🔹 ओबरा-सी तापीय परियोजना (2×660 मेगावाट) – ₹6,502 करोड़

🔹 खुर्जा तापीय परियोजना (2×660 मेगावाट) – ₹5,544 करोड़

मेट्रो के विस्तार से प्रमुख स्थलों से होगा व्यापारिक और परिवहन गतिविधियों का जुड़ाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कानपुरवासियों को मेट्रो परियोजना के विस्तार का बड़ा तोहफा दिया। ₹2,100 करोड़ से अधिक की लागत वाली यह परियोजना अब मोतीझील से कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन तक के 7 किलोमीटर लंबे नए कॉरिडोर को जोड़ेगी। इस मेट्रो विस्तार से नगर के प्रमुख बाजारों, कार्यालयों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में आवागमन सुगम हो जाएगा। इस नए सेक्शन में कुल 5 भूमिग मेट्रो स्टेशन शामिल होंगे जिनमें चुन्नीगंज, नवीन मार्केट, बड़ा चौराहा, नयागंज और कानपुर सेंट्रल हैं। यह रूट शहर के दिल से जुड़ते हुए व्यापारिक और परिवहन गतिविधियों के प्रमुख केंद्रों को जोड़ेगा। इनमें लाल इमली, जेड स्क्वायर मॉल, ग्रीनपार्क स्टेडियम, परेड मैदान, बुक मार्केट और सोमदत्त प्लाजा जैसे महत्वपूर्ण स्थान सीधे मेट्रो से जुड़ जाएंगे। मेट्रो के विस्तार से हजारों यात्रियों को ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिलेगी और उनकी यात्रा अधिक आरामदायक, सुरक्षित और समयबचाऊ होगी। इसके साथ ही, मेट्रो संचालन से निजी वाहनों पर निर्भरता घटेगी, जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी और वायु प्रदूषण नियंत्रित होगा। मेट्रो की तेज और नियमित सेवा से लोग कम समय में अधिक दूरी तय कर सकेंगे, जिससे ईंधन और खर्च में उल्लेखनीय बचत होगी। परियोजना से शहर की यातायात व्यवस्था को मजबूती मिलेगी और कानपुर को एक स्मार्ट शहर के रूप में विकसित करने की दिशा में यह अहम भूमिका निभाएगी।

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