डॉ. राजेश्वर सिंह ने राहुल गांधी के जाति जनगणना वाले बयान पर किया पलटवार, पूछा भारत में अभी कितने और विभाजन चाहिए

Dr. Rajeshwar Singh hit back at Rahul Gandhi's statement on caste census, asked how many more divisions are needed in India

रक्षा-राजनीती नेटवर्क

लखनऊ : सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने जातिगत जनगणना को लेकर राहुल गांधी द्वारा दिये गए बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सवाल किया कि इस देश को विभाजित करने में हम कितनी दूर तक जाने को तैयार हैं? 1931 में भारत में मात्र 4,147 जातियाँ थीं। 2011 तक यह संख्या बढ़कर 46.80 लाख से अधिक हो गई! हम भारत में और कितने विभाजन चाहते हैं?

सरोजनीनगर विधायक ने अपने आधिकारिक एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट कर अपने विचार व्यक्त करते हुए सवाल किया, जाति जनगणना ठीक है और विकास के लिए आवश्यक है, लेकिन इसके बाद जातिवाद की अभूतपूर्व रूप से जागृत भावना हमारे देश को कितना नुकसान पहुंचाएगी – क्या किसी ने वास्तव में इसका विश्लेषण किया है? 2011 की जाति-आधारित जनगणना में अकेले महाराष्ट्र में 4.28 लाख जातियाँ दर्ज की गईं, जिनमें से 99% में 100 से कम सदस्य थे। क्या हम सचमुच समानता की ओर बढ़ रहे हैं या सिर्फ अंतहीन टुकड़े पैदा कर रहे हैं? विधायक ने आगे लिखा की महाराष्ट्र के 10.3 करोड़ लोगों में से 1.17 करोड़ (11%) से अधिक लोगों ने कहा कि वे किसी जाति से भी अपनी पहचान नहीं रखते हैं। तो फिर हम विभाजन-आधारित आख्यान को क्यों बढ़ावा दे रहे हैं जिसे लोग स्वयं अस्वीकार कर रहे हैं?

डॉ. सिंह ने आगे लिखा हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि 2011 की जाति जनगणना के नतीजे इतने जटिल थे कि न तो यूपीए और न ही वर्तमान सरकार ने डेटा को सार्वजनिक करने की हिम्मत की। हजारों सूक्ष्म-जातियों और उप-जातियों में विभाजन के साथ, क्या हम अन्य किसी संभावित अराजकता से निपटने के लिए तैयार हैं? क्या हम वास्तव में भारत को लाखों श्रेणियों में विभाजित करना चाहते हैं, जिनमें से प्रत्येक अलग-अलग लाभ और आरक्षण की मांग कर रहे हैं? क्या यह वही तरीका नहीं है जो अंग्रेजों ने अपनी “फूट डालो और राज करो” रणनीति के अंतर्गत किया था? आज हम उसी जाल में फंसते जा रहे हैं, देश को जोड़ने की बजाय विभाजन पैदा कर रहे हैं। हम जितना अधिक विभाजित होंगे, हम उतने ही कमजोर होते जायेंगे। क्या हम अनजाने में ऐसे भविष्य में जा रहे हैं जहां ‘टुकड़े-टुकड़े’ हमारी वास्तविकता बन जाएगी? बिहार के जातिगत सर्वेक्षण का हवाला देते हुए डॉ. सिंह ने आगे लिखा बिहार में संपन्न हालिया जाति सर्वेक्षण ने विकल्पों को केवल 214 जातियों तक सीमित कर दिया था, जिससे लोग एक विकल्प चुनने को मजबूर हुए। 46.80 लाख से अधिक जातियों वाले देश में, क्या यह उचित प्रतिनिधित्व है? यदि हम पूरे भारत में इस दृष्टिकोण का विस्तार करते हैं, तो हम उभरने वाली नई मांगों और विभाजनों की बाढ़ को कैसे नियंत्रित करेंगे?

विधायक ने सवाल भरे लहजे में आगे लिखा यहाँ वास्तविक अंतिम लक्ष्य क्या है? भारत के ताने-बाने को छिन्न-भिन्न करते रहना? क्या यह लगातार बिखराव हमारे राष्ट्रीय हित में है? खंडित भारत से किसे लाभ होता है, जो हर नई जाति गणना के साथ तीव्र होती रेखाओं में विभाजित है? क्या इस जनगणना पर जोर देने वाले लोग गहरे विभाजन की मांग नहीं कर रहे हैं? क्या वे सचमुच एकता चाहते हैं, या उनका लक्ष्य कुछ और है-राष्ट्रीय अखंडता की कीमत पर अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाना? निस्संदेह, सबका विकास हमारा प्रमुख लक्ष्य होना चाहिए; हमें राष्ट्र के सर्वोत्तम हित में सामाजिक-राजनीतिक प्रभाव पर भी विचार करना चाहिए। तो, आइए अपने आप से पूछें- हम इस देश को विभाजित करने में कितनी दूर तक जाने को तैयार हैं?

बता दें कि सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार को जातिगत जनगणना के मुद्दे पर घेरते हुए ट्वीट कर विस्तृत जाति जनगणना और आरक्षण पर 50% की सीमा को हटाने की मांग की थी, जिसपर सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने पलटवार किया है।

एक देश एक चुनाव सिर्फ एक नीति नहीं, राष्ट्रीय आवश्यकता है –

सरोजनीनगर विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने सोमवार को एक देश एक चुनाव के मुद्दे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारत के लिए राष्ट्रीय आवश्यकता बताया। विधायक ने अपने आधिकारिक एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट कर लिखा 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र में बदलने के लिए वन नेशन, वन इलेक्शन को अपनाना एक महत्वपूर्ण कदम है। हमारा राजनीतिक दृष्टिकोण निरंतर चुनावों से शासन की ओर स्थानांतरित होना चाहिए। पीएम मोदी द्वारा शुरू किया गया यह सुधार देश की किस्मत बदल सकता है।

डॉ. सिंह ने आगे लिखा यह सुधार देश की जीडीपी में 1% से अधिक वृद्धि ला सकता है, जिससे विकास दर 10% को पर कर सकती है। मतदान में भी 15- 20% तक सुधार किया जा सकता है। इस एकीकृत प्रणाली से हजारों करोड़ रुपयों की भी बचत होगी, भ्रष्टाचार और कालेधन के प्रयोग पर रोक लगेगी, शासन की जवाबदेही सुनिश्चित करने और दीर्घकालिक लाभ के लिए एक देश एक चुनाव आवश्यक है।

विधायक कार्यालय पर लगा एक दिवसीय आधार सुविधा कैंप –

सोमवार को सरोजनी नगर विधायक डॉ राजेश्वर सिंह के पराग चौराहा आशियाना स्थित कार्यालय पर एक दिवसीय आधार सुविधा कैंप का अयोजन किया गया। कैंप के दौरान करीब 150 लोगों को आधार कार्ड बनवाने, संशोधित करवाने एवं बायोमेट्रिक अपडेट करवाने की सुविधा का लाभ उपलब्ध करवाया गया। इस दौरान UDID आधार कर्मियों के साथ विधायक की टीम ने बेहतर सामंजस्य स्थापित कर इतनी बड़ी संख्या में आए हुए लोगों को शान्ति एवं सुलभतापूर्ण तरीके से आधार शिविर का लाभ उपलब्ध कराया।

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