विश्व रेबीज दिवस : आयोजित हुआ एंटी रेबीज टीकाकरण शिविर, श्वान को टीका लगाकर किया शिविर का शुभारंभ

World Rabies Day: Anti Rabies Vaccination Camp was organized, the camp was started by vaccinating the dog

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

जयपुर : विश्व रेबीज दिवस के अवसर पर शनिवार को जयपुर के पांच बत्ती स्थित पशु चिकित्सा पॉली क्लिनिक में टीकाकरण शिविर का आयोजन किया गया। पशुपालन विभाग के शासन सचिव डॉ समित शर्मा द्वारा श्वान को टीका लगाकर शिविर का शुभारंभ किया गया।

इस अवसर पर शासन सचिव ने कहा कि रेबीज एक ऐसी जुनोटिक बीमारी है जिसका उपचार नहीं है लेकिन इसे होने से रोका जा सकता है। दुनिया भर में लगभग साठ हजार मौत प्रति वर्ष रेबीज के कारण होती जिसमें भारत का बहुत बड़ा हिस्सा है। इन मौतों को रोका जा सकता है। इसके लिए जागरूकता बहुत जरूरी है। आज मेडिकल साइंस की तरक्की से अधिसंख्य बीमारियों का उपचार संभव हो गया हैै। कुछ ही रोग ऐसे बचे हैं जो लाईलाज हैं जिनमें रेबीज का नाम प्रमुखता से आता है। इसलिए रेबीज से बचाव ही संभव है उपचार कोई नहीं है। इस संबंध में लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए विशेष रूप से गांवों में रहनेवाले और पालतू पशुओं को पालने वालों के बीच में इसकी जागरूकता होना बहुत आवश्यक है। इसके लिए पालतू पशुओं तथा संभावित रोग वाहक पशुओं में नियमित टीकाकरण की आवश्यकता है।

डॉ शर्मा ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति या बच्चे को कुत्ता या अन्य जानवर काट ले तो उसे तुरंत मेउिकल डॉक्टर की सहायता से पोस्ट एक्सपोजर टीकाकरण प्रारंभ कर देना चाहिए और टीकाकरण कोर्स के सभी टीके निर्धारित दिवसों पर लगवाना चाहिए।

इस अवसर पर शासन सचिव ने यह भी कहा कि आने वाले एक साल में पशु चिकित्सा संस्थानों में व्यापक सुधार लाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सालय किसी भी लिहाज से मनुष्यों के अस्पताल से कमतर नहीं हैं। ये उनसे अलग तो हैं पर इनका महत्व बिल्कुल भी कम नहीं है।

इस अवसर पर पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ भवानी सिंह राठौड़ एवं विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

आज पॉली क्लिनिक के सभी अधीनस्थ संस्थाओं में टीकाकरण के साथ साथ जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। शिविर में श्वानों से मनुष्यों में फैलने वाली जुनोटिक बीमारियों के कारण और निवारण, श्वानों के उचित रखरखाव एवं संतुलित आहार के बारे में विशेषज्ञों ने जानकारी प्रदान की। पॉली क्लिनिक में टीकाकरण के साथ साथ अंतः परजीवी एवं बाह्य परजीवी रोगों की रोकथाम हेतु कृमिनाशक दवा पिलाई गई तथा एंटी टिक स्प्रे का छिड़काव भी किया गया।

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