राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट : नई दिल्ली में दो दिवसीय इन्वेस्टर रोड शो का होगा आयोजन

Rising Rajasthan Global Investment Summit: Two-day investor road show to be organized in New Delhi

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

नई दिल्ली : इस वर्ष के अंत में राजस्थान की राजधानी जयपुर में 9 से 11 दिसंबर को आयोजित किए जा रहें मेगा इवेंट राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 के लिए राजस्थान की भजन लाल सरकार द्वारा देश विदेश में आयोजित किए जा रहे इन्वेस्टमेंट मीट और रोड शो की कड़ी में देश की औद्योगिक राजधानी मुम्बई के बाद अब राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में सोमवार और मंगलवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में दो दिवसीय इन्वेस्टर रोड शो का आयोजन होगा। इसमें भाग लेने के लिए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा रविवार को नई दिल्ली पहुँच गये हैं।

दिल्ली में आयोजित हो रहे इस इन्वेस्टमेंट कौंकलेव से पहले पिछले एक महीने में मुम्बई, सियोल (दक्षिणी अफ्रीका),जापान के टोक्यो और ओसाका, संयुक्त अरब अमीरात के दुबई और अबू धाबी और कतर की राजधानी दोहा आदि स्थानों पर भी इस तरह के इन्वेस्टर रोड शो आयोजित किए जा चुके हैं।

‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 का आयोजन इस वर्ष 9 से 11 दिसंबर को जयपुर में होगा। यह मेगा इवेंट राजस्थान सरकार के तत्वाधान में उद्योग और वाणिज्य विभाग, ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन (BIP) और राजस्थान स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एंड इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन (रीको) के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है तथा नोडल विभाग बीआईपी है। इस त्रिदिवसीय मेगा समिट का उद्देश्य देश विदेश की छोटी बड़ी कंपनियों, अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं और निवेशकों को राज्य में आ कर काम करने के लिए आमंत्रित करना, प्रदेश में विभिन्न तरह के उद्योग-धंधे लगाने में मदद करना और अन्य सुविधाएँ मुहैय्या कराना है।

राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में हो रहें दो दिवसीय इस सम्मेलन का उद्देश्य भी व्यापार एवं कॉरपोरेट जगत, निवेशक समुदाय और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों को राजस्थान में उपलब्ध निवेश के अवसरों की जानकारी देना और उन्हें प्रदेश में निवेश हेतु आमंत्रित करना है। नई दिल्ली का ताज मानसिंह होटल दो दिन के इस महत्वपूर्ण आयोजन का साक्षी बनेगा ।

कार्यक्रम के पहले दिन 30 सितंबर को मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राजस्थान सरकार का प्रतिनिधिमंडल इन्वेस्टर मीट में भाग लेगा। इस निवेश सम्मेलन में चुनी हुई कंपनियों के चेयरमैन और सीईओ के साथ मुलाकात प्रस्तावित है।
निवेश मीट के दूसरे दिन 1 अक्टूबर को विभिन्न देशों के राजदूतों और राजनियकों के साथ एक राउंड टेबल मीटिंग का आयोजन रखा गया है,जिसमें राजस्थान सरकार का प्रतिनिधिमंडल राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे महत्वपूर्ण नीतिगत बदलावों और विभिन्न क्षेत्रों में निवेशकों को दिए जा रहे में फिस्कल एवं नॉन-फिस्कल इन्सेंटिव्स आदि की जानकारी देगा।साथ ही उन देशों की सरकारों और कंपनियों को प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित करेगा। इस एम्बैसेडर्स राउंडटेबल में भाग लेने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, इटली, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात, डेनमार्क, इंडोनेशिया, मलेशिया, सिंगापुर, तुर्की, स्पेन, स्विट्जरलैंड, कतर, ब्राज़ील, दक्षिण अफ्रीका सहित कई अन्य देशों के राजदूतों एवं राजनयिकों को आमंत्रित किया गया है।

30 सितंबर के दिन सुबह मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के कॉन्क्लेव में भी शामिल होगा और केंद्र सरकार के स्वामित्व वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज) के चेयरमैन और सीईओ और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत करेगा। वैसे हिंदुस्तान पेट्रोलियम, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई), एनटीपीसी, गेल इंडिया लिमिटेड, दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन जैसे कई बड़े केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम (सीपीएसई) राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में पहले से ही काम कर रहे हैं।

इस कॉन्क्लेव के दौरान राज्य सरकार का यह प्रतिनिधिमंडल सीपीएसई के अधिकारियों को राज्य के कृषि, अक्षय ऊर्जा, शिक्षा और कौशल विकास, ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी), इंफ्रास्ट्रक्चर, केमिकल और पेट्रोकेमिकल, पर्यटन, स्टार्टअप, माइनिंग, ईएसडीएम /आईटी और आईटीईएस जैसे क्षेत्रों में मौजूद विकास के अवसरों और नई संभावनाओं के बारे में भी बताया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले राजस्थान सरकार द्वारा विगत 30 अगस्त को मुंबई इन्वेस्टर रोड शो में 4.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्तावों (एमओयू ) पर हस्ताक्षर किए थे। मुख्यमन्त्री भजन लाल शर्मा का विजन राजस्थान में अगले 5 सालों में 350 बिलियन यूएस डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना हैं।

नई दिल्ली में पहलें भी कई दशकों तक समय समय पर रीको, आरएफसी और बीप द्वारा निवेश शिविरों के आयोजन होते रहें हैं लेकिन उनका स्वरूप और उद्देश्य अलग होता था। पहले मुख्य रूप से ओद्योगिक प्लॉट बेचना मकसद रहता था उसके बाद निवेश पर फ़ोकस रहा जिसकी वजह से दिल्ली एनसीआर के निकट अलवर ज़िले के भिवाड़ी और निमराना के आसपास ओद्योगिक क्षेत्रों का विकास हुआ तथा देश विदेश की कई कम्पनियाँ राजस्थान में आई हैं।

अब देखना है कि मुम्बई के बाद नई दिल्ली में हो रहें इस निवेश सम्मेलन को कितनी अधिक सफलता मिलती हैं?

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