हिन्दूवादी नेता को मंदिरों से सांई की मूर्ति हटाना पड़ा मंहगा, भेज दिया गया जेल

Hindu leader had to pay dearly for removing Sai idol from temples, sent to jail

संजय सक्सेना

वाराणसी : मंदिरों में हिन्दू देवी-देवताओं के समकक्ष साईं बाबा की प्रतिमा या फोटो लगाया जाना एक आम बात है,लेकिन इसका विरोध भी कम नहीं होता है। हिन्दुओं का एक धड़ा ऐसा भी है जो सांईं को फकीर से अधिक कुछ नहीं मानता है। उसे तो इस बात की भी नाराजगी रहती है कि सांई के नाम के आगे ओम और पीछे राम लगाया जाना भी सोची समझी साजिश है ताकि हिन्दुओं को भ्रमित किया जा सके। वाराणसी में सांई बाबा की मंदिरों में मूर्ति लगाये जाने से आहत जब एक शख्स ने कई मंदिरों से सांई बाबा की मूर्तियों को उखाड़ कर गंगा जी में प्रवाहित कर दिया तो इस पर बवाल हो गया।

उधर, वाराणसी के 14 मंदिरों से शिरडी के साईं बाबा की मूर्तियां उखाड़कर गंगा नदी में प्रवाहित करने का दावा करने वाले हिन्दूवादी नेता और केंद्रीय ब्राह्मण सभा के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अजय शर्मा को पुलिस वाराणसी कोर्ट लेकर गई है और संभावना है कि अगर पुलिस पूछताछ के लिए कस्टडी नहीं मांगती है तो अजय शर्मा को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया जाए। संयोग देखिए कि साईं बाबा की मूर्तियों के खिलाफ अभियान का नेतृत्व कर रहे अजय शर्मा को पुलिस ने गुरुवार के दिन हिरासत में लिया है जिसे साईं भक्त बाबा की पूजा के लिए सबसे शुभ मानते हैं।

सोशल मीडिया पर अजय शर्मा का प्रतिमाओं को बहाने का दावा करने वाला बयान और मंदिर से साईं बाबा की मूर्ति को कपड़ों से ढंककर निकालकर ले जा रहे लोगों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। चितईपुर पुलिस ने इस मामले में एक्शन लेते हुए अजय शर्मा को हिरासत में ले लिया है। अधिकारियों के आदेश पर हिरासत में लेने के बाद पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है। अजय शर्मा ने दो दिन पहले काशी के 14 मंदिरों से साईं बाबा की प्रतिमाएं गंगा नदी में बहाने का दावा करते हुए वीडियो जारी किया था। इसका साईं भक्तों ने काफी विरोध किया है।

अजय शर्मा ने जारी वीडियो में कहा था कि साईं बाबा की जगह पर देवी लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित की जाएगी। शर्मा ने दावा किया कि सनातन धर्म में प्रेत पूजा मान्य नहीं है और मंदिरों में जो साईं बाबा की मूर्ति थी वो प्रेत मूर्ति थी। उन्होंने दावा किया था कि मूर्तियों को गंगा में प्रवाहित कर बाबा को मुक्ति दे दी गई है। अजय शर्मा ने दावा किया कि काशी के 14 मंदिरों से मूर्ति हटाई जा चुकी है और बाकी से भी हटाई जा रही है। वैसे अजय का कहीं विरोध हो रहा है तो कई लोग उसके इस कदम की सराहना भी कर रहे हैं।

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