करहल विस उप चुनावः मुलायम कुनबे के ही दो सदस्यों के आमने-सामने आने से यादव वोट बैंक में बिखराव

Karhal Vis by-election: Split in Yadav vote bank due to two members of Mulayam clan coming face to face

अजय कुमार

लखनऊ : समाजवादी पार्टी जिस करहल विधानसभा क्षेत्र को मुलायम सिंह यादव के समय से अपने दबदबे वाली सीट मानता था, उस सीट पर होने वाले उप चुनाव में अब मुलायम कुनबे के ही दो सदस्यों के आमने-सामने आने से एक तरफ सपा प्रमुख को यादव वोट बैंक में बिखराव होते नजर आ रहा है तो दूसरी तरफ इस चुनावी रण ने एक भाई-बहन के रिश्तों में दरार भी डाल दी है। इतना ही नहीं मुलायम परिवार में पड़ी दरार को लेकर यहां की जनता का यह भी कहना है कि नेताजी मुलायम सिंह की तरह उनके बेटे अखिलेश कुनबे को एकजुट नहीं रख पा रहे हैं। इस अंतर्द्वंद के बीच अखिलेश के माथे पर इस बात की भी शिकन नजर आ रही हैं कि कहीं वह यहां से जीती हुई बाजी हार नहीं जायें। भाजपा ने यहां से मुलायम परिवार के अनुजेश यादव को प्रत्याशी बनाकर यादव वोट बैंक में सेंधमारी का दांव चला है। बता दें बीजेपी प्रत्याशी अनुजेश की पत्नी संध्या यादव और सपा सांसद धर्मेंद्र यादव बहन-भाई हैं।संध्या अपने पति के पक्ष में प्रचार कर रही हैं। उनके साथ संध्या की सास पूर्व विधायक उर्मिला यादव भी गांव-गांव वोटों के लिए पसीना बहा रही हैं। सास-बहू की जोड़ी ने यादव मतदाताओं के समीकरणों में हलचल मचा दी है।

खैर,करहल विधान सीट पर भाजपा का सबसे ज्यादा जोर घिरोर और बरनाहल क्षेत्र में दिख रहा है। ऐसे में सपा ने भी अपनी ताकत इन्हीं क्षेत्रों में झोंक रखी है। सपा मुखिया अखिलेश यादव भी बार-बार घिरोर क्षेत्र में ही जनसभा करने आ रहे हैं। सपा का गढ़ कही जाने वाली करहल विधानसभा सीट पर यादव मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है। यहां सवा लाख के करीब यादव मतदाता हैं। इस सीट पर 1985 के बाद से लगातार यादव चेहरों को ही जीत मिलती रही है।2022 में सपा मुखिया अखिलेश यादव इस सीट से प्रत्याशी बने थे। अब उपचुनाव के लिए सपा ने अखिलेश यादव के भतीजे और लालू यादव के दामाद एवं पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव को मैदान में उतारा है। दूसरी तरफ भाजपा ने इस बार रणनीति बदलते हुए अनुजेश यादव को प्रत्याशी बनाया है। यादव चेहरा होने के साथ वह सपा सांसद धर्मेंद्र यादव के बहनोई भी हैं। उनकी मां उर्मिला यादव दो बार घिरोर विधानसभा सीट से विधायक रह चुकी हैं। यह सीट 2007 के बाद परिसीमन में समाप्त हो गई थी और इसका ज्यादातर हिस्सा वर्तमान में करहल विधानसभा क्षेत्र में शामिल है।

भाजपा यहां यादव मतों में सेंधमारी की कोशिश में जुटी है।बीजेपी प्रत्याशी अनुजेश यादव और भाजपा नेता तो यादव वोटरों से वोट मांग ही रहे हैं, मुलायम परिवार की बेटी संध्या यादव और समधन उर्मिला यादव भी प्रचार में लगी हुई हैं। सास-बहू के ज्यादातर कार्यक्रम घिरोर और बरनाहल क्षेत्र के यादव बहुल गांवों में लगाए जा रहे हैं। भाजपा इस बार सपा के गढ़ को ढहाने के दावों में जुटी हैं। भाजपा की इस रणनीति की काट के लिए सपा ने भी ताकत लगा दी है।इसी वजह से दीवाली के बाद से सपा सांसद डिंपल यादव और धर्मेंद्र यादव यहां पांच दिन लगातार नुक्कड़ सभाएं कर चुके हैं। शिवपाल यादव भी तीन सभाएं कर चुके हैं। 20 नवंबर को होने वाले मतदान के लिये यहां 18 नवंबर की शाम से प्रचार बंद हो जायेगा। प्रचार के अंतिम चरण में सैफई परिवार करहल में पूरी ताकत झोंके हुए है। यहां गत दिवस शुक्रवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव की जनसभा हुई थी।

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