माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में छाया रहा बस्तर ओलम्पिक का जादू

The magic of Bastar Olympics remained prevalent in Maoist affected areas

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

सुकमा : कलेक्टर श्री देवेश कुमार ध्रुव के निर्देशन एवं सीईओ जिला पंचायत श्रीमती नम्रता जैन के मार्गदर्शन में बस्तर ओलंपिक का जिले में सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस आयोजन ने न केवल खेल और संस्कृति को बढ़ावा दिया, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में सामूहिक उत्साह और सहभागिता का अद्भुत उदाहरण भी प्रस्तुत किया।

युवावर्ग, ग्रामीणों सहित महिलाओं ने दिखाया उत्साह
बस्तर ओलंपिक में युवा वर्ग, ग्रामीणों के साथ-साथ महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। विशेष रूप से माओवाद प्रभावित और अति संवेदनशील क्षेत्रों में भी इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। विकासखंड कोंटा के अंतर्गत कांकेरलंका और किस्टारम जैसे दूरस्थ क्षेत्रों के प्रतिभागियों ने भी कार्यक्रम में भाग लिया। इस आयोजन में महिला स्व-सहायता समूह की दीदियों ने अपनी सक्रिय उपस्थिति दर्ज कराई और खेल के साथ-साथ सामाजिक समरसता का संदेश दिया।

ग्रामीण खेलों को मिला नया मंच
बस्तर ओलंपिक में परंपरागत खेलों तीरंदाजी, खो-खो, कबड्डी, और रस्साकशी जैसे खेलों का आयोजन किया गया। यह आयोजन मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के पहल पर बस्तर संभाग में न केवल खेल कौशल को निखारने का एक मंच बना, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में छिपी प्रतिभाओं को उजागर करने के साथ ही मुख्य धारा से जोड़ने का भी अवसर देना था। प्रतिभागियों ने इस आयोजन को अपनी संस्कृति और परंपराओं के प्रति गर्व के रूप में देखा।

माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में भी उत्साह
कार्यक्रम का सबसे खास पहलू यह रहा कि इसे माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में भी सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। ग्रामीणों और महिलाओं की भागीदारी ने यह साबित कर दिया कि सही मार्गदर्शन और समर्थन मिलने पर ये क्षेत्र भी प्रगति की मुख्यधारा से जुड़ सकते हैं।

प्रशासन का योगदान
इस आयोजन के सफल संचालन में प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका रही। कलेक्टर श्री देवेश कुमार ध्रुव और जिला पंचायत सीईओ श्रीमती नम्रता जैन के प्रयासों ने इस आयोजन को एक सफलता स्वरूप दिया। उन्होंने खेलों को सामाजिक एकजुटता और सामुदायिक विकास का माध्यम बनाने पर जोर दिया।

समाज के लिए प्रेरणादायक आयोजन
बस्तर ओलंपिक ने ग्रामीणों और महिलाओं के जीवन में उत्साह और बदलाव का नया अध्याय जोड़ा है। यह आयोजन न केवल जिले की छिपी प्रतिभाओं को आगे लाने का मंच बना, बल्कि सामाजिक समरसता, महिला सशक्तिकरण और सामुदायिक विकास के उद्देश्यों को भी पूरा किया।

विकासखंड स्तरीय आयोजन के अंत में सभी प्रतिभागियों और विजेताओं को सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम ने खेल और सांस्कृतिक आयोजन के महत्व को बढ़ावा देते हुए समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक नया आयाम जोड़ा।

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