राष्ट्रपति ने सशस्त्र बलों में अधिक से अधिक महिलाओं के शामिल होने की उम्मीद जताई

The President expressed hope that more and more women would join the armed forces

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

वेलिंगटन : राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 28 नवंबर को तमिलनाडु के वेलिंगटन स्थित रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज के छात्र अधिकारियों और शिक्षकों को संबोधित किया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज ने भारत और मित्र देशों के सशस्त्र बलों के संभावित अग्रणी व्यक्तियों और चयनित नागरिक अधिकारियों को प्रशिक्षित करने और शिक्षित करने में सराहनीय योगदान दिया है। पिछले सात दशकों में इसने मध्यम स्तर के अधिकारियों को पेशेवर रूप से तैयार करने में प्रमुख भूमिका निभाई है। इसे छात्र अधिकारियों के एक संयुक्त बहु-सेवा व बहु-राष्ट्रीय समूह और पेशेवर रूप से समृद्ध संकाय होने का अनूठा गौरव प्राप्त है।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों का सभी लोग सम्मान करते हैं। वे हमारे देश की सीमाओं और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने में सबसे आगे हैं। हमारे राष्ट्रीय हितों की निरंतर रक्षा करने के लिए राष्ट्र को हमारे रक्षा बलों पर गर्व है। हमारे रक्षाकर्मी, जो हमेशा राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ सेवा करते हैं, उच्च प्रशंसा के पात्र हैं।

राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुई कि महिला अधिकारी अब तीनों सेनाओं में विभिन्न इकाइयों की कमान संभाल रही हैं। उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती ताकत और भूमिका सभी के लिए, विशेषकर युवा लड़कियों के लिए उत्साहजनक और प्रेरणादायक है। उन्होंने सशस्त्र बलों में अधिक से अधिक महिलाओं के शामिल होने की उम्मीद जताई, जहां वे असाधारण क्षमताओं का प्रदर्शन कर सकती हैं और नए क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकती हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत आगे बढ़ रहा है और दुनिया रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में हमारे विकास को स्वीकार कर रही है। भारत भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए सशस्त्र बलों को तैयार रखने के क्रम में स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ रहा है। हमारा देश एक प्रमुख रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है और एक विश्वसनीय रक्षा भागीदार और बड़ा रक्षा निर्यातक बनने की ओर अग्रसर है।

राष्ट्रपति ने कहा कि तेजी से बदलते भू-राजनीतिक माहौल में, हमें किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अच्छी तरह तैयार रहने की जरूरत है। हमें न केवल अपने राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित रखना है, बल्कि साइबर युद्ध और आतंकवाद जैसी नई राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों के लिए भी तैयार रहना है। जलवायु परिवर्तन का मुद्दा नए आयाम हासिल कर रहा है, जिसे समझने और प्रबंधित करने की जरूरत है। अद्यतन ज्ञान और गहन शोध पर आधारित अत्याधुनिक तकनीकों को लागू करने की आवश्यकता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह पाठ्यक्रम छात्र अधिकारियों को बड़ी जिम्मेदारियों के लिए और रणनीतिकारों के रूप में तैयार करेगा, जो जटिल परिस्थितियों से प्रभावी तरीके से निपटने में सक्षम होंगे।

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