देश भर में 97 नए ईएसआई अस्पतालों को पिछले 10 वर्षों में मंजूरी दी गई

97 new ESI hospitals were approved across the country in the last 10 years

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

नई दिल्ली : कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) देश भर में 165 ईएसआई अस्पतालों और 1590 औषधालयों के नेटवर्क के माध्यम से बीमित व्यक्तियों और उनके परिवार को चिकित्सा देखभाल, उपचार, दवाएँ, ड्रेसिंग, विशेषज्ञ परामर्श और अस्पताल में भर्ती के रूप में व्यापक चिकित्सा देखभाल प्रदान करता है।

ईएसआईसी ने देश भर में नए ईएसआई अस्पताल और डिस्पेंसरी भी स्थापित किए हैं। ईएसआईसी ने देश भर में पिछले दस वर्षों में 97 नए ईएसआई अस्पतालों को मंजूरी दी है।

इसके अलावा, यदि किसी विशेष अस्पताल में ईएसआई अस्पताल या इन-हाउस चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं तो, ईएसआई लाभार्थियों को कैशलेस इन-पेशेंट चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए सार्वजनिक/निजी अस्पतालों के साथ गठजोड़ भी किया गया है।

कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) द्वारा अपने लाभार्थियों को प्रदान की जाने वाली सुविधाओं को उन्नत करने और बेहतर बनाने के लिए उठाए गए प्रमुख कदम निम्नानुसार हैं:

i) जहां ईएसआई चिकित्सा सेवाएं पर्याप्त रूप से उपलब्ध नहीं हैं, ईएसआईसी ने आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के साथ समन्वय किया है ताकि देश में पीएमजेएवाई पैनलबद्ध अस्पतालों के माध्यम से ईएसआई लाभार्थियों को द्वितीयक और तृतीयक देखभाल चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जा सकें।

ii) स्थायी विकलांगता लाभ (पीडीबी)/आश्रित लाभ (डीबी) लाभार्थियों के लिए लाभ की दरें बढ़ा दी गई हैं।

iii) ईएसआईसी में योगदानदेने वाले, लेकिन सेवानिवृत्ति से पहले कवरेज से बाहर हो गए उन सेवानिवृत्त लाभार्थियों के लिए चिकित्सा देखभाल [सुपर स्पेशियलिटी ट्रीटमेंट (एसएसटी) सहित] प्रदान करने के लिए एक नई योजना को मंजूरी दी गई है।

iv) बीमित व्यक्तियों (आईपी) और उनके परिवार के विवरण को अद्यतन/संपादित करने के लिए ऑनलाइन मॉड्यूल शुरू किया गया है।

v) लाभार्थियों को चिकित्सा और नकद लाभ सहित सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करने के लिए स्वैच्छिक आधार पर बीमित व्यक्तियों और उनके परिवार के सदस्यों के आधार आधारित प्रमाणीकरण को अपनाया गया है।

vi) बीमित व्यक्तियों (आईपी)/बीमित महिलाओं (आईडब्ल्यू) को परेशानी मुक्त सेवाएं प्रदान करने के लिए, ईएसआई योजना के तहत नकद लाभ दावा प्रस्तुत करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल/सुविधा शुरू की गई है।

Related Articles

Back to top button