
रक्षा-राजनीति नेटवर्क
माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 20 दिसंबर को कॉलेज ऑफ डिफेंस मैनेजमेंट (सीडीएम), सिकंदराबाद को प्रेसीडेंट कलर्स से सम्मानित किया, जो संस्थान की विकास यात्रा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। यह प्रमुख रक्षा संस्थान है, जो भारतीय सशस्त्र बलों के वरिष्ठ नेतृत्व को आकार देने के लिए समर्पित है। प्रेसीडेंट कलर्स की प्रस्तुति किसी भी रक्षा संस्थान को दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है, जो पेशेवर सैन्य शिक्षा में कॉलेज के उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देता है।
माननीय राष्ट्रपति ने पुरस्कार समारोह के दौरान एक स्मारक पदक के साथ ‘विशेष दिवस कवर’ भी जारी किया। इस अवसर पर पहली शताब्दी ईसा पूर्व से सातवीं शताब्दी ईसवी तक की प्राचीन भारतीय ज्ञान प्रणाली से प्राप्त रणनीतिक मार्गदर्शन का संशोधित समीक्षित संकलन ‘प्राचीन भारतीय ज्ञान के मोती’ भी राष्ट्रपति द्वारा जारी किया गया।
अपने संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 1970 में इसकी स्थापना के बाद से रक्षा प्रबंधन कॉलेज (सीडीएम) द्वारा किए गए महत्वपूर्ण योगदान पर जोर दिया।
राष्ट्रपति ने कॉलेज की स्थायी विरासत व अधिकारियों को जटिल सैन्य अभियानों, लॉजिस्टिक्स तथा संसाधनों का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करने के कौशल प्रदान करने और साथ ही नए युग की प्रौद्योगिकियों एवं रणनीतियों को अपनाने के प्रति उसके समर्पण की सराहना की।
राष्ट्रपति ने उभरती एवं विघटनकारी प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए अनुकूल होने की आवश्यकता पर बल दिया और भावी रणनीतिक नेतृत्व तैयार करने में सीडीएम की भूमिका की सराहना की।
राष्ट्रपति ने सीडीएम में स्मारकीय राष्ट्रीय ध्वज का उद्घाटन किया, जो इस संस्थान के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण था। भारत की सामर्थ्य, एकता और संप्रभुता का प्रतीक, यह ध्वज रक्षा शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए सीडीएम की प्रतिबद्धता का एक शक्तिशाली अनुस्मारक है।
सीडीएम सिकंदराबाद ने 1970 में अपनी स्थापना के बाद से ही भारतीय सेना, नौसेना तथा वायु सेना के अधिकारियों को प्रशिक्षित किया है और उन्हें आधुनिक समय में युद्ध की चुनौतियों का सामना करने के लिए आवश्यक प्रबंधकीय, नेतृत्व एवं रणनीतिक विशेषज्ञता से लैस किया है। सीडीएम अपने विकसित होते पाठ्यक्रम और वैश्विक साझेदारी के साथ भारत की व्यावसायिक सैन्य शिक्षा प्रणाली की आधारशिला बना हुआ है।