तीन आतंकियों की मुठभेड़ में मौत के बाद मददगारों की तलाश में जुट गई है पंजाब और यूपी पुलिस

After the death of three terrorists in an encounter, Punjab and UP police have started searching for their helpers

अजय कुमार

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के जिला पीलीभीत में खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) के तीन आतंकियों की पुलिस मुठभेड़ में मौत के बाद पंजाब और यूपी पुलिस संयुक्त अभियान चलाकर इनके मददगारों की तलाश में जुट गई है। इसी क्रम में एनआईए और पुलिस ने पीलीभीत व लखीमपुर खीरी में कई जगह छापे मारे हैं। वहीं आतंकियों के लिए होटल का किराया कम कराने वाले आईलेट संचालक समेत कई संदिग्धों को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। वहीं होटल हरजी में ठहरने के लिए फर्जी आधार कार्ड लगाने के मामले में पुलिस ने तीनों आतंकियों और दो मददगारों पर केस दर्ज किया है।

गत दिवस 26 दिसंबर को एनआईए और पुलिस की टीम ने लखीमपुर जिले के निघासन क्षेत्र के खड़रिया फार्म में पहुंचकर आतंकी गुरविंदर की बुआ परमजीत कौर से पूछताछ की। पुलिस जानना चाहती कौर से जानना चाहती थी कि गुरविंदर कब उनके घर आया, कितने दिन रुका था और घटना से पहले आया या नहीं ? एनआईए ने परमजीत से घर वालों व कुछ रिश्तेदारों के करीब दस मोबाइल नंबर भी लिए। पुलिस ने खीरी के साथ पूरनपुर और आसपास के इलाकों में भी छापे मारे। बता दें पंजाब के गुरदासपुर जिले के कलानौर थाने की बख्शीवाला पुलिस चौकी पर ग्रेनेड फेंकने के बाद आतंकी वरिंदर सिंह उर्फ रवि, जश्नप्रीत उर्फ प्रताप सिंह, गुरविंदर सिंह पूरनपुर पहुंचे थे। 20 से 21 दिसंबर के बीच तीनों यहां एक होटल में ही रुके थे। 23 दिसंबर को तड़के पुलिस मुठभेड़ में तीनों मारे गए थे।

पता यह भी चला है कि तीनों आतंकियों की मदद के लिए स्थानीय मददगारों के पास इंग्लैंड से फोन आया था। इसका खुलासा पुलिस पूछताछ में गजरौला के जप्ती गांव निवासी जसपाल सनी ने किया है। जसपाल ने बताया कि हरियाणा के जींद का निवासी सिद्धू इंग्लैंड में रहता है। वह पूर्व में पूरनपुर आया था और तभी उससे उनकी पहचान हुई थी। उसी ने आतंकियों को ठहराने आदि का प्रबंध करने के लिए कहा था। बलिया के पते पर बने फर्जी आधार कार्ड भी व्हाट्सएप किए थे।

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