भव्य-दिव्य महाकुम्भ के लिए सीएम योगी की जितनी भी प्रशंसा की जाए वो कम : देवकी नंदन ठाकुर

Any amount of praise for CM Yogi for the grand and divine Maha Kumbh will be less: Devki Nandan Thakur

  • महाकुम्भ में पहुंचे प्रख्यात कथा वाचक देवकी नंदन ठाकुर ने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा
  • कहा, मोदी-योगी सनातन हितैषी, उनके कार्यकाल में ही हो सकेगा सनातन बोर्ड का गठन
  • 27 जनवरी को महाकुम्भ में आयोजित होगी सनातन धर्म संसद

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

महाकुम्भ नगर : प्रख्यात कथा वाचक देवकी नंदन ठाकुर ने महाकुम्भ 2025 के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में की गई भव्य और दिव्य तैयारियों की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सड़क, पानी, और अन्य व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करते हुए इस महापर्व को ऐतिहासिक बनाने में अभूतपूर्व प्रयास किए हैं। ठाकुर ने मुख्यमंत्री द्वारा व्यक्तिगत रूप से निरीक्षण कर हर पहलू को सुदृढ़ बनाने की सराहना की।

डबल इंजन सरकार को बताया सनातन धर्म हितैषी
देवकी नंदन ठाकुर ने केंद्र और प्रदेश सरकार को सनातन धर्म का हित चाहने वाली डबल इंजन सरकार बताया। उन्होंने विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोनों ही सनातन धर्म के विकास के लिए समर्पित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी सरकार का शासन प्रदेश और देश के लिए अत्यंत लाभकारी है।

सनातन धर्म संसद का आयोजन
27 जनवरी को आयोजित होने वाली ‘सनातन धर्म संसद’ की घोषणा करते हुए ठाकुर ने इसके मुख्य उद्देश्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस संसद का मुख्य लक्ष्य ‘सनातन बोर्ड’ का गठन करना है। इस बोर्ड के माध्यम से धर्म परिवर्तन पर रोक, मंदिरों की संपत्ति का संरक्षण और धार्मिक संस्थानों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा।

मंदिरों की संपत्ति के उपयोग पर उठाए सवाल
देवकी नंदन ठाकुर ने कहा कि वर्तमान में मंदिरों की धनराशि का उपयोग ऐसे कार्यों में हो रहा है जो सनातन धर्म के विपरीत हैं। उन्होंने बताया कि इस धन से हज यात्राएं और चर्च निर्माण किए जा रहे हैं, जबकि इसे गुरुकुल, गौशाला, अस्पताल, और असहायों के कल्याण में लगाना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि ‘सनातन बोर्ड’ बनने के बाद यह समस्या हल हो जाएगी।

सनातन धर्म के संरक्षण की अपील
देवकी नंदन ठाकुर ने सनातन धर्म के संरक्षण और उन्नति के लिए संगठित प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हम मांगते नहीं, इसलिए हमें मिला नहीं। वर्तमान सरकार से उन्होंने उम्मीद जताई कि वह उनकी बातों को सुनेगी और सनातन धर्म की उन्नति के लिए ठोस कदम उठाएगी।

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