महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने के बाद काशी और अयोध्या का रुख कर रहे हैं श्रद्धालु

After taking a holy dip in Maha Kumbh, devotees are heading towards Kashi and Ayodhya

अजय कुमार

लखनऊ : महाकुंभ ने प्रयागराज ही नहीं अयोध्या में प्रभु श्री रामलला और वाराणसी में श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर की भी शोभा बढ़ा दी है। काशी में तो एक दिन में आने वाले श्रद्धालुओं के अभी तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। मंदिर प्रशासन के मुताबिक, सोमवार को 11 लाख से ज्यादा भक्तों ने बाबा दरबार में दर्शन किए हैं। यह सिलसिला लगातार आगे भी जारी रहने की उम्मीद है। खासकर 29 जनवरी को मौनी अमस्या वाले दिन काशी में सबसे अधिक भीड़ जुटने की उम्मीद हैं।

भक्तों को दर्शन के लिए एक सेकंड से भी कम समय मिला। सामान्य दिनों में पहली बार रात एक बजे तक विश्वनाथ मंदिर को खोला गया। इससे पहले महाशिवरात्रि और सावन के महीने में देर रात तक मंदिर खुलता था। सोमवार को करीब 8 घंटे लाइन में लगने के बाद श्रद्धालुओं को बाबा विश्वनाथ के झांकी दर्शन मिल सके। देर रात भक्तों की भीड़ कम न होने की वजह से मंगलवार की आधी रात एक बजे तक मंदिर खुला रहा। मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा के अनुसार भक्तों की बढ़ी भीड़ और उनकी सुविधा के लिए दर्शन का समय बढ़ाया गया।

रात 2:15 बजे मंदिर फिर से खुला। 22 घंटे लगातार भक्तों ने दर्शन-पूजन किया। भोर में 2:45 बजे मंगला आरती शुरू हुई। मंगला आरती के बाद दर्शन पूजन का सिलसिला फिर शुरू हो गया। मंगलवार को भी देर रात तक दर्शन कराए जाएंगे। इससे पहले सोमवार को दोपहर में दशाश्वमेध घाट से गोदौलिया रूट को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। ऐसा पहली बार हुआ।

ऐसे में शहर की यातायात व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो गई है. सोमवार को तो ये हालत रहा कि काशी विश्वनाथ धाम के इर्द-गिर्द के दो किलोमीटर के दायरे की सड़कों, गलियों और गंगा घाटों पर पैर रखने तक की जगह नहीं थी. विश्वनाथ मंदिर और काल भैरव की ओर जाने वाली सड़कों पर केवल भक्तों के सिर ही दिख रहे हैं. दशाश्वमेध घाट से गंगा द्वार, गोदौलिया चौराहा से विश्वनाथ मंदिर, मैदागिन से विश्वनाथ मंदिर तक करीब 4 किलोमीटर लंबी लाइन लगी रही. गोदौलिया दशाश्वमेध मार्ग बंद होने की वजह से गलियों से होते हुए भीड़ घाट की ओर जा रही है.

इस समय बनारस में देश के हर कोने से भक्त बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. भीड़ को संभालने के लिए तमाम कोशिशें की जा रही है. महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने के बाद श्रद्धालु काशी और अयोध्या का रुख कर रहे हैं. बीते शनिवार से विश्वनाथ धाम में हर रोज करीब 4 लाख से ज्यादा श्रद्धालु हाजिरी लगा रहे हैं.

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