जनता ने आपको टेबल तोड़ने के लिए यहां नहीं भेजा है : ओम बिरला

The public has not sent you here to break tables: Om Birla

अजय कुमार

संसद के बजट सत्र के दौरान सोमवार को भी लोकसभा में विप़क्ष महाकुंभ में भगदड़ के बाद मौतों के खुलासे और चर्चा की मांग को लेकर हंगामा मचाता रहा। हालात ऐसे हो गये कि लोकसभा की कार्यवाही के दौरान अध्यक्ष ओम बिरला ने सांसदों को कड़ी नसीहत देते हुए कहा,’माननीय सदस्यगण, जनता ने आपको टेबल तोड़ने के लिए यहां नहीं भेजा है।’ उन्होंने सदन की गरिमा बनाए रखने की अपील की और सदस्यों से मर्यादित आचरण की उम्मीद जताई।

सत्र की शुरुआत में भूटान के संसदीय शिष्टमंडल का परिचय कराने के तुरंत बाद सदन में शोर-शराबा शुरू हो गया, जिससे अध्यक्ष नाराज हो गए। उन्होंने सदस्यों से अपनी सीटों पर लौटने का आग्रह किया और कहा कि माननीय सदस्यगण, थोड़ा संसद की गरिमा बनाए रखिए। यह संसद है।उन्होंने जब प्रश्नकाल की घोषणा करते हुए सदस्यों से प्रश्न पूछने का अनुरोध किया तो प्रश्न पूछने के बजाये शोरगुल बढ़ता ही गया। अध्यक्ष ने सख्त लहजे में कहा कि बिना बातचीत केवल नियोजित तरीके से सदन को स्थगित कराना उचित नहीं है। आप आएं, आपका जो भी विषय है, मेरे चेंबर में आएं। मैं हर मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए तैयार हूं।’

अध्यक्ष ने यह भी कहा कि संसद देश की दिशा तय करने का स्थान है, जहां चर्चा और संवाद के माध्यम से मुद्दों का समाधान निकाला जाता है। उन्होंने सदस्यों से नारेबाजी छोड़कर बुनियादी सवालों पर चर्चा करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ष्नारेबाजी करना भारत की संसद की मर्यादा के अनुरूप नहीं है। आपने काफी वर्षों तक राज किया है। इतनी पुरानी पार्टी हैं आप। इससे पहले, स्पीकर ओम बिरला ने जैसे ही सदन में प्रवेश किया, सांसद जयश्री राम के नारे लगाने लगे। बिरला ने बताया कि आज संसद में भूटान के संसदीय शिष्टमंडल के सदस्य विराजमान हैं। मैं अपनी ओर से सदन की ओर से सभी माननीय सदस्यों की ओर से उनकी भारत यात्रा पर स्वागत-अभिनंदन करता हूं। शिष्टमंडल के सदस्य मुंबई और औरंगाबाद की यात्रा भी करेंगे। जिस समय स्पीकर परिचय करा रहे थे, भूटान से आए मेहमान हाथ जोड़कर खड़े हो गए।

महाकुंभ 2025 के इस अंतिम शाही स्नान ने एक बार फिर से भारत की सांस्कृतिक धरोहर और आध्यात्मिक एकता को प्रदर्शित किया। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि इस पवित्र स्नान से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होगी और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होगा।इस महायोजन की भव्यता और श्रद्धालुओं की अपार आस्था ने एक बार फिर से महाकुंभ के महत्व को सिद्ध किया, जो विश्व में सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है।

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