प्रयागराज महाकुंभ 2025 में साहित्य, संस्कृति और ज्ञान का संगम: नेशनल बुक ट्रस्ट का रीडिंग लाउंज बना श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र

Confluence of literature, culture and knowledge in Prayagraj Mahakumbh 2025: National Book Trust's reading lounge becomes the center of attraction for devotees

मोबाइल पुस्तक प्रदर्शनी और राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय ऐप से श्रद्धालुओं को मिल रही डिजिटल सुविधा

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

प्रयागराज महाकुंभ 2025 में जहां करोड़ों श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर आस्था की डुबकी लगा रहे हैं, वहीं मेले में लगे विभिन्न प्रदर्शनी पंडालों में साहित्य, संस्कृति और ज्ञान की अविरल धारा प्रवाहित हो रही है। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों द्वारा महाकुंभ में श्रद्धालुओं के ज्ञानवर्धन के लिए विशेष व्यवस्था की गई है, जिससे आम जनता को न केवल सरकारी योजनाओं और उपलब्धियों की जानकारी मिल रही है, बल्कि वे आधुनिक तकनीकों के जरिए इन योजनाओं को और बेहतर ढंग से समझ भी रहे हैं। इसी कड़ी में शिक्षा मंत्रालय के तहत कार्यरत स्वायत्त संस्थान नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी) ने एक अनूठी पहल करते हुए महाकुंभ मेले में रीडिंग लाउंज की स्थापना की है, जहां श्रद्धालु निःशुल्क किताबें पढ़ सकते हैं और ज्ञान के इस भव्य मेले में साहित्यिक आनंद का अनुभव कर सकते हैं।

एनबीटी का यह रीडिंग लाउंज सेक्टर 1, परेड ग्राउंड, प्रयागराज में नमामि गंगे मंडप के अंदर स्थापित किया गया है, जो श्रद्धालुओं के बीच अत्यधिक लोकप्रिय हो रहा है। इस लाउंज में 619 शीर्षकों की किताबें उपलब्ध कराई गई हैं, जिनमें भारतीय दर्शन, भारतीय संस्कृति और कुंभ मेले पर आधारित साहित्य शामिल है। श्रद्धालुओं की रुचि को ध्यान में रखते हुए यहां ‘कुंभ के मेले में मंगलवासी’, ‘भारत में कुंभ’ और ‘ए विजिट टू कुंभ’ जैसी पुस्तकें उपलब्ध कराई गई हैं। हिंदी और अंग्रेजी के अलावा, इस लाउंज में अन्य भाषाओं की किताबें भी मौजूद हैं, जिससे गैर-हिंदीभाषी श्रद्धालु भी इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। विशेष रूप से ‘प्रधानमंत्री युवा योजना’ के तहत युवा लेखकों द्वारा लिखी गई किताबें भी यहां प्रदर्शित की गई हैं, जिससे नए लेखकों को प्रोत्साहन मिल रहा है।

एनबीटी के मार्केटिंग से जुड़े अधिकारी आशीष राय ने बताया कि महाकुंभ में भारत की संस्कृति पर आधारित पुस्तकों की मांग सबसे अधिक है, जिसे देखते हुए इस लाउंज में विशेष रूप से सांस्कृतिक साहित्य को प्रमुखता दी गई है। गैर-हिंदीभाषी श्रद्धालु गंगा नदी पर लिखी किताब ‘द गंगा’, ‘वेदा कल्पतरु’ और ‘एंसिएंट तमिल लीजेंड’ जैसी पुस्तकों में विशेष रुचि ले रहे हैं। इस लाउंज की एक और विशेषता यह है कि अगर किसी श्रद्धालु को कोई किताब पसंद आती है, तो वह उसे 25 प्रतिशत की छूट के साथ खरीद भी सकता है।

एनबीटी ने महाकुंभ मेला 2025 में ‘एनबीटी पुस्तक परिक्रमा’ (मोबाइल पुस्तक प्रदर्शनी) की भी व्यवस्था की है, जिसके तहत 1150 शीर्षकों की किताबों से सुसज्जित एक सचल पुस्तक प्रदर्शनी बस चलाई जा रही है। इस मोबाइल पुस्तक प्रदर्शनी में श्रद्धालु महाकुंभ परिसर में कहीं भी चलते-फिरते अपनी पसंद की किताबें देख और खरीद सकते हैं। इसके अलावा, शिक्षा मंत्रालय के राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय के बारे में भी जानकारी दी जा रही है, जिसमें श्रद्धालुओं को बताया जा रहा है कि वे अपने मोबाइल फोन पर राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय ऐप कैसे इंस्टॉल कर सकते हैं और क्यूआर कोड स्कैन करके हजारों ई-पुस्तकों को पढ़ने की सुविधा कैसे प्राप्त कर सकते हैं।

महाकुंभ में स्थापित एनबीटी का यह रीडिंग लाउंज न केवल श्रद्धालुओं के लिए ज्ञानवर्धक अनुभव प्रदान कर रहा है, बल्कि साहित्य, संस्कृति और डिजिटल ज्ञान की नई धारा को भी प्रवाहित कर रहा है। यह पहल श्रद्धालुओं को धार्मिक, आध्यात्मिक और समकालीन साहित्य के करीब ला रही है, जिससे महाकुंभ केवल आस्था का ही नहीं, बल्कि ज्ञान, संस्कृति और साहित्य के अद्भुत संगम का केंद्र बन गया है।

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