लाभार्थीपरक योजनाओं में 100% संतृप्तिकरण को बनाएं लक्ष्य: मुख्यमंत्री

Make 100% saturation a target in beneficiary-oriented schemes: Chief Minister

  • मुख्यमंत्री ने की समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा
  • योजनाओं का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाए- मुख्यमंत्री
  • मुख्यमंत्री ने कहा- पीएम अजय में महिलाओं को दें प्राथमिकता, इसे सीएम युवा और एमएसएमई से जोड़ें
  • वृद्धाश्रमों में रहने वाले वृद्धजनों के अनुभवों का लें लाभ, उनके नियमित मेडिकल चेकअप की हो व्यवस्था- मुख्यमंत्री
  • नए सत्र में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत जोड़ों को मिलेंगे ₹1 लाख, कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश
  • सर्वोदय विद्यालयों में बढ़ाई जाए सुविधाएं, प्रधानाचार्य और शिक्षकों का 15-15 दिवसीय ओरिएंटेशन कोर्स कराने के निर्देश
  • मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना में विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के शिक्षकों को इंपैनेल्ड किया जाए, नए अधिकारियों को भी जोड़ा जाए- मुख्यमंत्री
  • राजकीय अनुसूचित जाति छात्रावासों में समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होना चाहिए, जिससे यहां पढ़ाई का बेहतर माहौल बन सके- मुख्यमंत्री
  • मुख्यमंत्री ने कहा- यूपी सिडको में प्रशिक्षित मैनपावर बढ़ाने की आवश्यकता, सभी प्रोजक्ट समय पर तथा गुणवत्ता के साथ पूर्ण किए जाएं

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार द्वारा ‘अंत्योदय से सर्वोदय’ की नीति के साथ बिना भेदभाव लोककल्याण की अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्येक योजना का लाभ 100% पात्र लोगों को आवश्यक मिले। सरकार का लक्ष्य 100% संतृप्तिकरण है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि सरकार द्वारा संचालित जनहित की योजनाओं का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए, जिससे अधिक से अधिक जरूरतमंत लोग जागरूक हों और योजनाओं का लाभ उठा सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (पीएम अजय) के तहत संचालित ग्रान्ट-इन-एड योजना (सहायता अनुदान) को एमएसएमई, एसआरएलएम और मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान से जोड़कर लाभार्थियों को रोजगारपरक प्रशिक्षण दें, जिससे वो धनराशि का सही उपयोग कर सकें। इसमें महिला लाभार्थियों के चयन को प्राथमिकता दी जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के लाभार्थियों के लिए स्वतः रोजगार के क्षेत्रों को चिन्हित कर उनका प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए, इसके लिए पीएम विश्वकर्मा और प्रदेश सरकार की विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से जोड़ा जाना चाहिए। जिससे वो अपनी आमदनी को बढ़ा सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि वृद्ध आश्रमों में रहने वाले बुजुर्गों के लिए सुविधाएं और बेहतर करने की आवश्यकता है। यहां रहने वाले वृद्धजनों के अनुभवों का लाभ लेकर वृद्धाश्रमों में सुरुचिपूर्ण माहौल बनाया जाना चाहिए।

वृद्धजनों के लिए नियमित मेडिकल चेकअप की व्यवस्था हो और उन्हें आयुष्मान भारत योजना का भी लाभ दिया जाना चाहिए।
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा अब नए वित्तीय वर्ष से मुख्यमंत्री सामूहित विवाह योजना के तहत दी जानी वाली धनराशि को 51 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपये किया गया है। विभाग द्वारा इसके सही क्रियान्वयन के लिए कार्ययोजना तैयार कर ली जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद स्तर पर जिलाधिकारी, सीडीओ तथा समाज कल्याण अधिकारी के माध्यम से लाभार्थियों की स्क्रीनिंग की जाए और यह सुनिश्चित की जाए कि इसका दुरुपयोग न हो और कोई भी जरूरतमंद योजना से वंचित न रहे। इसके लिए जिला स्तर पर आधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए।

प्रदेश में संचालित जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालय में सुविधाएं बढ़ाई जाए। यह विद्यालय अपनी पूरी क्षमता के साथ संचालित किए जाने चाहिए। इन विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करें, इसके लिए अच्छे शिक्षकों की नियुक्ति करते हुए प्रधानाचार्य और शिक्षकों का 15-15 दिवसीय ओरिएंटेशन कोर्स कराया जाए। जिससे उनका इन विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के साथ बेहतर जुड़ाव हो सके और यह विद्यालय राष्ट्रीय प्रेरणा तथा सामाजिक सद्भावना को आगे बढ़ाने का उत्कृष्ट केंद्र बन सके।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के प्रतिभाशाली गरीब युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए संचालित मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के विगत वर्षों में अच्छे परिणाम आए हैं। उन्होंने कहा कि इसे और बेहतर ढंग से संचारित करने की आवश्यकता है, जिससे अधिक से अधिक छात्र-छात्राएं इसका लाभ लेकर अपने सपने को साकार कर सकें। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इनमें विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के शिक्षकों को इंपैनेल्ड किया जाए, साथ ही प्रदेश में तैनात नए अधिकारियों को इन कोचिंग सेंटरों से जोड़ा जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राजकीय अनुसूचित जाति छात्रावासों में सुविधाएं बढ़ाई जाएं। इनका बेहतर रखरखाव सुनिश्चित किया जाए। जहां कही भी मरम्मत आदि की आवश्यकता हो उसे तत्काल कराया जाए। छात्र-छात्राओं की सुरक्षा का विशेष ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विभागीय मंत्री और अधिकारियों द्वारा इन छात्रावासों का नियमित निरीक्षण किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन छात्रावासों में समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होना चाहिए, जिससे यहां पढ़ाई का बेहतर माहौल बन सके। उन्होंने कहा कि छात्रावासों में महापुरुषों द्वारा राष्ट्रीय एकता और सामाजित समता जैसे विषयों पर दिए गए विचारों पर डिबेट का आयोजन होना चाहिए। शासन के स्तर पर धन की कमी नहीं है, विभागीय स्तर पर पहल करते हुए आगे बढ़ने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि छात्रावास अधीक्षकों का भी ओरिएंटेशन कोर्स कराया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी सिडको में प्रशिक्षित मैनपावर बढ़ाने की आवश्यकता है। सभी प्रोजेक्ट समय पर तथा गुणवत्ता के साथ पूर्ण किए जाएं। इसके लिए हर स्तर पर जवाबदेही सुनिश्चित की जाए। यूपी सिडको को पीडब्यूडी, आईआईटी तथा एकेटीयू जैसे संस्थानों से जोड़ते हुए सिविल व ऑर्किटेक्चर का बेहतर प्रशिक्षण दिया जाए। बदलती आवश्यकताओं के अनुरूप तकनीकी ज्ञान में वृद्धि किए जाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी सिडको द्वारा किए गए कार्य प्रदेश में एक पहचान के रूप में स्थापित होना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युद्य योजना (पीएम अजय) के तहत संचालित आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा प्रदेश के 10,384 ग्राम चयनित किए गए हैं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गांवों के चयन में अनुसूचित जाति बहुल्य गांव को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि इन गांवों के विकास में समाज कल्याण विभाग अन्य विभाग जैसे ग्राम्य विकास तथा पंचायतीराज विभाग के साथ समन्यवय करते हुए सभी कार्य समय सीमा के अंदर पूरा करें।

Related Articles

Back to top button