भारत के वीरों का अपमान, समाजवादी पार्टी के डीएनए में है : डॉ. राजेश्वर सिंह

Insulting the heroes of India is in the DNA of the Samajwadi Party: Dr. Rajeshwar Singh

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

लखनऊ: सरोजनीनगर से भाजपा विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन के उस बयान की कड़े शब्दों में निंदा की है, जिसमें उन्होंने मेवाड़ के परम प्रतापी राजपूत राजा महाराणा संग्राम सिंह ‘राणा सांगा’ को ‘गद्दार’ कहा। डॉ. सिंह ने इसे ऐतिहासिक तथ्यों का अपमान, भारतीय वीरता की परंपरा पर हमला और सपा की तुष्टिकरण की नीच राजनीति का घृणित प्रदर्शन करार दिया।

डॉ. राजेश्वर सिंह ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जारी बयान में कहा, “सपा सांसद का यह दावा कि ‘राणा सांगा ने बाबर को भारत बुलाया’ न केवल आधारहीन और भ्रामक है, बल्कि इतिहास की सतही समझ को दर्शाता है। बाबर की आत्मकथा ‘बाबरनामा’ में स्पष्ट उल्लेख है कि उसे भारत में इब्राहिम लोदी के असंतुष्ट दरबारियों, विशेष रूप से दौलत खान लोदी और आलम खान ने आमंत्रित किया था। इसके विपरीत, राणा सांगा ने बाबर के खिलाफ खानवा के युद्ध (17 मार्च 1527) में विशाल राजपूत सेना का नेतृत्व किया। एक आँख, एक हाथ और अस्सी घावों के बावजूद उन्होंने बाबर की तोपों और तुलुगमा रणनीति का डटकर मुकाबला किया। उन्होंने समाजवादी पार्टी से पूछा क्या कोई ‘गद्दार’ अपनी मातृभूमि के लिए अंतिम सांस तक लड़ता है?”

दिया ऐतिहासिक पुस्तकों का हवाला –

डॉ. सिंह ने ऐतिहासिक पुस्तकों का हवाला देते हुए राणा सांगा की वीरता को रेखांकित किया। ए हिस्ट्री ऑफ इंडिया – जॉन केय, (पेज 345) में मुगल आक्रमण के खिलाफ उनके प्रतिरोध, द मुगल एम्पायर (जॉन एफ. रिचर्ड्स, पेज 23) में खानवा के महासंग्राम और द राजपूत्स (जी.एच. ओझा, पेज 234) में राजपूत शक्ति के संगठन में उनकी भूमिका का उल्लेख है। इसके अलावा, ए हिस्ट्री ऑफ राजस्थान (आर.सी. जखमोला, पेज 201) और राणा सांगा: ए स्टडी ऑफ हिज लाइफ एंड टाइम्स (रघुबीर सिंह, पेज 12) में उनके सैन्य अभियानों और अमर विरासत को स्पष्ट किया गया है। डॉ. सिंह ने कहा, “राणा सांगा का अपमान पूरे राजपूत समाज, हिंदू परंपरा और भारत के स्वाभिमान पर हमला है।

समाजवादी पार्टी पर तीखा प्रहार –

डॉ. सिंह ने समाजवादी पार्टी को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा, “सपा की दूषित राजनीति अब हर मर्यादा लांघ चुकी है। यह वही पार्टी है, जिसके नेताओं ने ‘रामचरितमानस’ जैसे पवित्र ग्रंथ की प्रतियाँ जलाईं, औरंगजेब जैसे क्रूर आक्रांता का महिमामंडन किया और अब राणा सांगा जैसे वीर योद्धा को कलंकित करने का कुत्सित प्रयास कर रही है। मुस्लिम वोट बैंक के लालच में सपा को देश की अस्मिता, वीरता और गौरवशाली इतिहास से कोई सरोकार नहीं बचा। यह उनकी संकीर्ण सोच और हिंदू वीरता के प्रति द्वेष का प्रमाण है, जो उनकी बुद्धि को भ्रष्ट कर चुका है।

देश से मांफी मांगे समाजवादी पार्टी –

उन्होंने सपा से इस शर्मनाक बयान के लिए देश से माफी मांगने की मांग की और चेतावनी दी, “राणा सांगा वीरता और बलिदान की अमर गाथा हैं। सपा की तुष्टिकरण की राजनीति न तो इसे झुठला सकती है, न ही धूमिल कर सकती है। इतिहास ऐसे अपमान को कभी माफ नहीं करेगा।” डॉ. सिंह ने कहा कि राणा सांगा का जीवन और संघर्ष आज भी भारत के लिए प्रेरणा है, जिसे कोई राजनीतिक स्वार्थ मिटा नहीं सकता।

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