वीरता के साथ अब विकास का भी इतिहास रच रहा बुंदेलखंड

वीरता के साथ अब विकास का भी इतिहास रच रहा बुंदेलखंड veerata ke saath ab vikaas ka bhee itihaas rach raha bundelakhand Bundelkhand is now creating history of development along with bravery

  • यूपी एग्रीज जैसी योजना से बुंदेलखंड के कृषि क्षेत्र के कायाकल्प की तैयारी
  • औद्योगिक प्रतिमान स्थापित करने की भी दिशा में बढ़ चुका है बुंदेलखंड

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

लखनऊ : बुंदेलखंड। शौर्य और संस्कार की धरती। अपनी वीरता के इतिहास के लिए विख्यात बुंदेलखंड की धरा आने वाले समय में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से विकास का इतिहास रचने जा रही है। अक्सर सूखे के लिए जाने जाना वाला बुंदेलखंड भविष्य में अपनी हरियाली के नाते जाना जाएगा। यहां की बड़ी और छोटी सिंचाई परियोजनाएं, खेत तालाब योजना के तहत बनाए गए तालाब इसका जरिया बन रहे हैं। कृषि के साथ ही बुंदेलखंड औद्योगिक प्रगति के नए प्रतिमान स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ चुका है।

यूपी के 10 फीसद क्षेत्रफल वाले बुंदेलखंड की कृषि में हिस्सेदारी सिर्फ 5.5 फीसद
उल्लेखनीय है कि बुंदेलखंड में सात जिले (चित्रकूट, बांदा, झांसी, जालौन, हमीरपुर, महोबा और ललितपुर) शामिल हैं।
करीब 69 हजार वर्ग किलोमीटर में विस्तृत बुंदेलखंड का रकबा उत्तर प्रदेश के कुल रकबे का करीब 10 फीसद है। यहां दलहन और तिलहन की फसलों की खेती की अच्छी संभावना है। इसी लिए सरकार यहां दलहन ग्राम योजना भी चला रही है। साथ ही पूरे बुंदेलखंड में मिशन मॉड में प्राकृतिक खेती की प्रोत्साहन पर भी सरकार का पूरा फोकस है।

उल्लेखनीय है कि अमूमन सूखे का सामना करने वाले बुंदेलखंड की कृषि उत्पादन में हिस्सेदारी सिर्फ 5.5 फीसद है। उत्पादन के इस अंतर की भरपाई के लिए सरकार बुंदेलखंड में सिंचन क्षमता में लगातार विस्तार कर रही है।

साथ ही विश्व बैंक की मदद से चार हजार करोड़ की लागत से छह वर्ष तक चलने वाली उत्तर प्रदेश ग्रोथ एंड रूरल एंटरप्राइज इकोसिस्टम स्ट्रेंथनिंग (यूपी एग्रीज) योजना में बुंदेलखंड के सभी जिलों को शामिल कर सरकार यहां के खेतीबाड़ी का भी कायाकल्प करने जा रही है। फिलीपींस के मनीला स्थित स्थित इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंटीट्यूट की वाराणसी शाखा भी इस परियोजना में बतौर एक पार्टनर शामिल है। योजना के तहत क्लस्टर खेती को बढ़ावा देने के साथ डिजिटल और वित्तीय इकोसिस्टम को मजबूत किया जाएगा। साथ ही किसानों को सघन ट्रेनिंग दी जाएगी।

डिफेंस कॉरिडोर, बीडा, फार्मा पार्क से उद्योगों का भी केंद्र बनेगा बुंदेलखंड
योगी सरकार की पहल पर हो रहा बुंदेलखंड के औद्योगिकीकरण इसे उत्तर प्रदेश का ही नहीं देश के बड़े इंडस्ट्रियल हब में शुमार करेगा। डिफेंस कॉरिडोर, ललितपुर में बनने वाला फार्मा पार्क, कानपुर और झांसी के बीच प्रस्तावित देश का सबसे बड़ा औद्योगिक विकास प्राधिकरण बीडा और बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे किनारे बनने वाले औद्योगिक गलियारे, ललितपुर में बन रहा फार्मा पार्क इसका जरिया बनेंगे।

कनेक्टिविटी से मिलेगी तरक्की को रफ्तार
विकास कार्य को गति देने में कनेक्टिविटी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के निर्माण का यही मकसद है। उसके अलावा सरकार सभी एक्सप्रेस वे को आपस में जोड़ने का काम भी करने जा रही है। इससे बुंदेलखंड प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों से भी तेजी से जुड़ जाएगा। यहां के उत्पादों को कहीं भी कम समय में तेजी से भेजना संभव होगा।

शीघ्र ही सात जिलों वाले बुंदेलखंड में होंगे तीन एयरपोर्ट
बुंदेलखंड में बेहतर एयर कनेक्टिविटी सोने पर सुहागा होगी। चित्रकूट में एयरपोर्ट बन चुका है। ललितपुर और झांसी में बन रहा है। इनके बनने पर महज सात जिलों वाले बुंदेलखंड में तीन एयरपोर्ट हो जाएंगे। इससे यहां के पर्यटन उद्योग को भी खासी तेजी मिलेगी। खासकर ऐतिहासिक पर्यटन को। यहां के कालिंजर जैसे किले, चंदेलकालीन तालाबों की अदभुत श्रृंखला, चित्रकूट जहां भगवान श्रीराम ने पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण समेत अपने वनगमन के दौरान सर्वाधिक समय गुजारे थे। यहीं पर राम और भरत का मिलन भाई-भाई के प्रेम की मिसाल बन गया। प्रयाग महाकुंभ के दौरान जिस तरह चित्रकूट में पर्यटकों का उलट प्रवाह हुआ, वह चित्रकूट के बढ़ते आकर्षण का सबूत है। योगी सरकार उसी अनुसार अयोध्या से चित्रकूट तक के राम वनगमन मार्ग को सजा रही है। चित्रकूट में बना रोपवे इसके आकर्षण में चार चांद लगा रहा है।

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