म्यूजिकल फाउंटेन और लेज़र शो के जरिए मां पाटेश्वरी देवी की महिमा से परिचित होंगे श्रद्धालु

Devotees will be acquainted with the glory of Maa Pateshwari Devi through musical fountain and laser show

– शक्तिपीठ देवीपाटन मंदिर में पर्यटन को नई उड़ान देने जा रही योगी सरकार
– मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए फ्लोटिंग म्यूजिकल फाउंटेन, मल्टीमीडिया लेजर शो, बीम प्रोजेक्शन और पानी की स्क्रीन पर वीडियो प्रोजेक्शन स्थापित करेगी सरकार
– वॉयस ओवर, मूल संगीत और एनिमेशन के साथ दर्शाया जाएगा मंदिर का इतिहास और महत्व
– योगी सरकार यूपी में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लगातार कर रही नवाचार
– अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल, बढ़ेंगे स्थानीय रोजगार के अवसर

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

लखनऊ : योगी सरकार प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए कई नवाचार कर रही है। इसी कड़ी में बलरामपुर जिले के तुलसीपुर में स्थित ऐतिहासिक देवीपाटन मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए और आकर्षक बनाने की तैयारी चल रही है। सरकार यहां एक तैरता हुआ संगीतमय फव्वारा (फ्लोटिंग म्यूजिकल फाउंटेन), मल्टीमीडिया लेजर शो, बीम प्रोजेक्शन और पानी की स्क्रीन पर वीडियो प्रोजेक्शन स्थापित करने जा रही है। यह परियोजना न केवल मंदिर के सौंदर्य को बढ़ाएगी, बल्कि पर्यटकों और श्रद्धालुओं को एक अनूठा अनुभव भी प्रदान करेगी। सरकार का लक्ष्य है कि इस धार्मिक स्थल पर आधुनिक सुविधाओं और आकर्षणों के माध्यम से अधिक से अधिक तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं को आकर्षित किया जाए, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिले और रोजगार के अवसर बढ़ें।

इस परियोजना में क्या होगा खास?
योगी सरकार इस महत्वाकांक्षी परियोजना के अंतर्गत देवीपाटन मंदिर को धार्मिक पर्यटन का नया केंद्र बनाने जा रही है, जिसमें तैरता हुआ संगीतमय फव्वारा रंग-बिरंगी रोशनी और संगीत के साथ श्रद्धालुओं व पर्यटकों को मंत्रमुग्ध करेगा। मल्टीमीडिया लेजर शो मां पाटेश्वरी की कथाओं और क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को जीवंत करेगा, जबकि पानी की स्क्रीन पर 15-20 मिनट का वीडियो शो हिंदी और अंग्रेजी में पेशेवर वॉयस ओवर और एनिमेशन के साथ मंदिर का इतिहास दर्शाएगा। सरकार का विशेष जोर है कि विश्वस्तरीय ब्रांड के टिकाऊ उपकरण, जिनकी आयु कम से कम 10 वर्ष हो, इस परियोजना को और भव्य बनाएं। मात्र 180 दिनों में डिजाइन से लेकर स्थापना तक का काम पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। इसमें 30 दिन डिजाइन स्वीकृति, 60 दिन उपकरण आपूर्ति, 60 दिन स्थापना और 30 दिन सिस्टम शुरू करने में लगेंगे। इसके बाद 5 साल तक मुफ्त रखरखाव, सफाई और मरम्मत सुनिश्चित कर यह परियोजना मंदिर के सौंदर्य और पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी।

पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा
बता दें कि योगी सरकार ने प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण और पूरे परिसर का विकास, महाकुंभ मेले का भव्य आयोजन इसके प्रमुख उदाहरण हैं। देवीपाटन मंदिर में यह नई परियोजना भी इसी विजन का हिस्सा है। सरकार का मानना है कि धार्मिक स्थलों को आधुनिक और आकर्षक बनाकर न केवल देशी, बल्कि विदेशी पर्यटकों को भी आकर्षित किया जा सकता है। यह परियोजना धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा तो देगी ही, साथ ही बलरामपुर और आसपास के क्षेत्रों में आर्थिक विकास को भी गति देगी। श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने से स्थानीय व्यापार, होटल और परिवहन सेवाओं को लाभ होगा। साथ ही परियोजना के निर्माण और रखरखाव में स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

51 शक्तिपीठों में से एक है मां पाटेश्वरी का ये धाम
देवीपाटन मंदिर उत्तर प्रदेश के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक है, जो मां पाटेश्वरी देवी को समर्पित है। यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है, जहां माता सती का बायां कंधा गिरा था। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर की स्थापना महाभारत काल में पांडवों द्वारा की गई थी। मंदिर का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व इसे देश-विदेश के श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनाता है। नवरात्रि के दौरान यहां लाखों भक्त मां के दर्शन के लिए उमड़ते हैं। इसके अलावा, मंदिर के पास स्थित प्राचीन कुंड और आसपास का प्राकृतिक सौंदर्य पर्यटकों को भी लुभाता है।

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