ग्रेटर नोएडा में 125 करोड़ की लागत से फ्लैटेड फैक्टरी बनाएगी योगी सरकार

Yogi government will build a flatted factory in Greater Noida at a cost of 125 crores

-सीएम के विजन को क्रियान्वित करते हुए यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने खाका किया तैयार
-यीडा द्वारा गौतमबुद्ध नगर के सेक्टर-28 में अत्याधुनिक फ्लैटेड फैक्टरी का होगा निर्माण, 24 महीनों में निर्माण कार्यों को पूरा करने का लक्ष्य
-कुल 38,665 वर्गमीटर क्षेत्रफल में बेसमेंट व ग्राउंड फ्लोर युक्त 3 मंजिल ऊंचे कॉम्प्लेक्स का होगा निर्माण, 24 व 30 मीटर चौड़े संपर्क मार्गों के जरिए हाइवे से होगा कनेक्टेड
-एमएमएमई से जुड़ी आधुनिक औद्योगिक इकाइयों की स्थापना व संचालन में निभाएगा बड़ी भूमिका

रक्षा-राजनीति नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा/लखनऊ : उत्तर प्रदेश को उद्यम प्रदेश के तौर पर रूपांतरित कर रही योगी सरकार तेजी से प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने की ओर बढ़ रही है। प्रदेश की इस प्रगति में हेवी इंडस्ट्रीज का तो योगदान है ही, सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम उद्योग (एमएसएमई) का भी बड़ा योगदान है। इसी बात को ध्यान में रखकर सीएम योगी ने प्रदेश में एमएसएमई उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को लेकर सबसे ज्यादा फोकस करते हैं। इस कड़ी में अब यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) भी एक बड़ी पहल करने जा रहा है।

यीडा द्वारा सीएम योगी के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखकर एक कार्ययोजना बनाई गई है। इसके अनुसार, गौतमबुद्ध नगर के ग्रेटर नोएडा स्थित सेक्टर 28 में आधुनिक फ्लैटेड फैक्टरी का निर्माण होगा। फ्लैटेड फैक्टरी कॉम्पलेक्स के निर्माण से जुड़ी प्रक्रिया भी जल्द शुरू होने जा रही है और फिलहाल मास्टर प्लान व अन्य रिपोर्ट्स के निर्माण पर काम चल रहा है। प्रक्रिया के अनुसार, लगभग 125 करोड़ की लागत से 24 महीने में निर्माण कार्यों को पूरा किए जाने का लक्ष्य निर्धारित है।

आर्थिक विकास की दिशा में बड़ी पहल
योगी सरकार का यह प्रयास उत्तर प्रदेश को औद्योगिक हब बनाने की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है। सेक्टर-28 में प्रस्तावित फ्लैटेड फैक्ट्री न केवल एमएसएमई सेक्टर को गति देगी, बल्कि नोएडा व ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस फ्लैटेड फैक्टरी कॉम्पलेक्स के जरिए सरकार का उद्देश्य छोटे उद्यमियों को एक ही परिसर में सभी बुनियादी सुविधाओं से लैस यूनिट्स देना है ताकि उत्पादन कार्य बिना किसी बाधा के चल सके। यीडा का यह कदम न केवल निवेशकों को आकर्षित करेगा बल्कि क्षेत्र की तरक्की के साथ युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगा।

ईपीसी मोड पर निर्माण कार्यों को किया जाएगा पूरा
यह प्रोजेक्ट इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) मोड पर होगा और इसका निर्माण कार्य 24 महीनों में पूरा किया जाएगा। निर्माण पूरा होने के बाद परियोजना के अंतर्गत तीन साल की डिफेक्ट लायबिलिटी अवधि भी लागू होगी। यह बहुमंजिला (बेसमेंट+ग्राउंड फ्लोर+3 फ्लोर युक्त) फ्लैटेड फैक्टरी लगभग 38,665 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्र में फैली होगी और इसमें सूक्ष्म, लघु व मध्यम दर्जे के उद्यमों के लिए अत्याधुनिक सुविधा युक्त यूनिट्स होंगे।

भविष्य की जरूरत को ध्यान में रखकर पूरा होगा निर्माण कार्य
प्रक्रिया के अंतर्गत मुख्य भवन निर्माण के साथ ही परिसर को भविष्य की जरूरतों के मुताबिक विकसित किया जाएगा। यहां आंतरिक जल आपूर्ति, इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई, फायर फाइटिंग सिस्टम, एलिवेटर, एचवीएसी (हीटिंग, वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग) जैसी सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसके अतिरिक्त, परिसर की डिजाइन को पर्यावरण-अनुकूल बनाया जाएगा और इसमें ग्रीन बिल्डिंग मानकों का भी पालन किया जाएगा। इसमें सुरक्षा और निगरानी के लिए सीसीटीवी, एक्सेस कंट्रोल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सुविधाएं भी लगाई जाएंगी।

इसके अतिरिक्त, कॉम्पलेक्स की हाइवे से 24 व 30 मीटर चौड़े संपर्क मार्गों के जरिए कनेक्टिविटी भी सुनिश्चित की जाएगी। योजना के तहत फैक्टरी परिसर से संबंधित बाहरी विकास कार्य भी किए जाएंगे जिसमें बाउंड्री वॉल, गेट, गार्ड रूम, इंटरनल रोड, पार्किंग, ड्रेनेज, सीवरेज, वाटर सप्लाई, प्लंबिंग पंप, अग्निशमन उपकरणों की स्थापना और लैंडस्केपिंग भी शामिल हैं।

Related Articles

Back to top button